डैमेज बोट पर 'कार्रवाई का डंडा
प्रयागराज (ब्यूरो)। संगम में यूं तो नाव की संख्या सैकड़ों में है। इनमें रजिस्टर्ड नाव की तादाद तीन से चार दर्जन ही बताई जा रही है। शेष नाव बगैर रजिस्ट्रेशन के नाविक चला रहे हैं। नाव चलाने वाले नाविकों में कई नाबालिग हैं। डैमेज नाव से भी यहां आने वाले लोगों को यह बोटिंग करा रहे हैं। पिछले दिनों मेला एसपी ने संगम में बोट का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान नाविकों को कई सख्त हिदायतें दी गई थीं। इसके बाद नाविक माघ मेला को लेकर बोटिंग कराने की तैयारी में जुट गए हैं। पानी से बाहर निकाल कर डैमेज नाव के मरम्मतीकरण का काम शुरू कर दिए हैं। बताते हैं कि एक नार्मल डैमेज नाव के मरम्मतीकरण में पांच से सात हजार रुपये का खर्च आ रहा है। एक बड़ी वाली नई नाव की कीमत 80 से 90 हजार रुपये बता रहे हैं। नाव की फिटनेस परखने के लिए जल पुलिस द्वारा चेकिंग की जाएगी। अगले हफ्ते से इस कार्य को एक अभियान के रूप में किया जाएगा। बेहतर कंडीशन वाली नाव को संगम में चलने के लिए लाइसेंस दिए जाएंगे। जिनके पास लाइसेंस नहीं होगा उनकी नाव को अनफिट मान ली जाएगी। इस तरह की अनफिट नाव को संगम में चलने पर सख्त पाबंदी होगी। बताते हैं कि सुक्षा के लिए मेला में चार कंपनी फ्लड और 30 गोता खोर तैनात किए जाएंगे। इनके साथ कुछ कुशल तैराकों को भी घाट पर सुरक्षा के लिहाज से लगाया जाएगा। नाविक इन्हीं के निर्देश व निगरानी में सवारियों को बोटिंग कराने का काम करेंगे। फिलहाल जल पुलिस के तीन दर्जन नाव होने की बात कही जा रही है। मेला में 100 के करीब नाव किराए पर लेकर खुल प्रशासन द्वारा चलवाया जाएगा।
नाविकों के लिए होंगे यह नियममाघ मेला में नाव के हिसाब से सवारियों को बैठाने की संख्या निर्धारित की जाएगी
सवारियों के अनुपात में नाविक के पास लाइफ जैकेट का होना अनिवार्य होगा
लाइफ जैकेट चेकिंग में जर्जर मिलने पर नाविकों से जुर्माने की रकम वसूली जाएगी
नाबालिग और काफी वृद्ध नाविक मेला के दौरान संगम में नाव नहीं चला सकेंगे
संगम में सवारियों को लेकर एक निश्चित क्षेत्र में ही नाव चला सकेंगे
नाविकों पर सवारी लेकर बीच संगम के बीच व तेज धारा में जाने पर पाबंदी होगी
नाविक मेला में आने वाले श्रद्धालुओं से मनमाना किराया नहीं वसूल कर पाएंगे
मेला प्रशासन द्वारा प्रति सवारी नाविकों के लिए रेट फिक्स किया जाएगा
कुछ दिन पहले एक अधिकारी आए थे। वह पुरानी और कुछ खराब नावों को बाहर निकालने या फिर मरम्मत के बाद चलाने के निर्देश दिए थे। इसलिए जिनकी भी नाव खराब थी वह मरम्मत करा रहे हैं। लाइफ जैकेट वही कुंभ में अधिकारी दिए थे। तब से अब तक कुछ नहीं मिला।
रामजी निषाद, दारागंज
भगवती निषाद, दारागंज उन सभी नाविक के पास लाइफ जैकेट जरूर है जो नियमित रूप से संगम में लोगों को घुमाते हैं। हर सवारी को यह जैकेट दे पाना मुश्किल होता है। क्योंकि एक लाइफ जैकेट अच्छी क्वालिटी की है तो कम से कम चार से पांच हजार कीमत होती है। यह दस बारह की संख्या में खरीद पाना संभव नहीं है।
सुखराज निषाद, अरैल नैनी
नाविकों को सख्ती के साथ लाइफ जैकेट रखने व डैमेज और बेहद पुरानी नाव के रिपेयरिंग के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद जल्द ही चेकिंग कर लाइसेंस जारी करने का काम शुरू होगा। इसके बाद भी जिनके नाव की कंडीशन खराब मिली या लाइफ जैकेट नहीं होंगे, उन्हें मेला में नहीं चलने दिया जाएगा।
राजीव नारायण, एसपी माघ मेला