'आभाÓ ने बढ़ायी प्रयागराज की आभा
प्रयागराज (ब्यूरो)।शहर के सरकारी अस्पतालों के बाद अब आठ तहसीलों की सीएचसी में भी आभा ऐप की शुरुआत हो गई है। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अब स्कैन एंड शेयर प्रणाली के जरिए मरीजों के पर्चे बनाए जाएंगे। उन्हे पंजीकरण के लिए लंबी लाइनों में घंटों खड़े नही रहना होगा। इसके साथ प्रयागराज प्रदेश में ऐसा करने वाला पहला जिला बन गया है। बता दें कि फिलहाल काल्विन, बेली, एसआरएन व डफरिन अस्पताल में ऑलरेडी इस विधि से मरीजों के पर्चे बनाए जा रहे हैं। जिसमें अकेले एसआरएन को प्रदेश पहला और देश में तीसरा स्थान हासिल हो चुका है।
यहां पर मिलने लगी सुविधा
आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (आभा एप) की शुरूआत सभी आठ तहसीलों फूलपुर, हंडिया, मेजा, करछना, कोरांव, जसरा, चाका व सोरांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में मिलने लगी है। जिसके बाद अब शहर के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी इस एप का लाभ लोगों को मिल सकेगा।
ऐसे करा सकेंगे पंजीकरण
लोगों को अपने मोबाइल पर आभा एप डाउनलोड करना पड़ेगा।
जिसमें ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण स्कैन और शेयर मॉड्यूल एबीएचए आईडी (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) की सुविधा होगी।
इस एप को सक्रिय करने के लिए आधार या ड्राइविंग लाइसेंस के माध्यम से ओटीपी की आवश्यकता होती है।
एबीएचए आईडी बनाने के बाद मरीज पंजीकरण के समय मौजूद क्यूआर कोड को स्कैन करके पंजीकरण संख्या प्राप्त कर सकता है।
पंजीकरण संख्या दिखाने पर पंजीकरण की पर्ची मरीज को अस्पताल के काउंटर से प्राप्त हो जायेगी।
एबीएचए आईडी के जरिये विशेष रोगी के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की डिजिटल जानकारी भी प्राप्त हो सकेगी।
सबसे आगे फूलपुर
आभा एप की शुरूआत सबसे पहले 10 जून को फूलपुर सीएचसी में हुई है। जहां अब तक एप के माध्यम से 1200 मरीजों का पंजीकरण किया जा चुका है। इसके पहले एसआरएन अस्पताल ने प्रदेश में आभा ऐप के जरिए पंजीकरण कराकर पहला स्थान हासिल किया है। जबकि देश में उसे तीसरा स्थान मिला था। पहले नंबर पर एम्स नई दिल्ली था। एसआरएन में बकायदा इस ऐप से पंजीयन के लिए डेस्क लगाई गई है। जहां आने वालों को बुलाकर उनके मोबाइल में ऐप डाउनलोड कराकर विधि बताई जाती है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एप के माध्यम से पंजीकरण की शुरूआत होने से मरीजों को काफी सहूलियत मिलेगी। इसके अलावा उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी डिजिटल माध्यम से उपलब्ध होती रहेगी। मरीजों को बार विंडो पर लगकर अपनी डिटेल नही देनी होगी। स्कैन करते ही पूरी डिटेल उपलब्ध हो जाएगी।
डॉ। उत्सव सिंह
नोडल, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन।