बिजली चोरी के 36 फीसदी मामले पेंडिंग
प्रयागराज ब्यूरो । जिले के अंदर कुल 12 डिविजन है। जिसमें से सात सिटी में आता है। बाकि पांच में से दो यमुनापार और तीन गंगापार में आता है। जनपद में कुल 8.50 लाख उपभोक्ता है। इनमें पौने तीन लाख के आसपास उपभोक्ता शहर में है। विद्युत विभाग की ओर से कभी जागरूक कर तो कभी सख्ती कर उपभोक्ताओं से बिल की वसूली की जाती है। कई बार ऐसा होता है कि बिल जमा न करने वालों के कनेक्शन काट दिए जाते है। उपभोक्ताओं द्वारा केबिल को फिर से खंभे से जोड़ दिया जाता है। विद्युत विभाग की टीम और विद्युत चोरी निरोधक थाने की पुलिस छापेमारी कर इस तरह से बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है।
नौ महीने में सबसे ज्यादा मामले
रिपोर्टर ने जब पड़ताल करते हुये आंकड़ों पर गौर किया तो एक चौकाने वाली बात सामने आई। विद्युत चोरी निरोधक थाने के आंकड़े बता रहे है कि पिछले चार वर्ष में सबसे ज्यादा बिजली चोरी के मुकदमे वर्ष 2022 में नौ महीने के अंतराल में दर्ज हुए है। नौ महीने में पांच हजार के करीब एफआईआर दर्ज हुई है। यदि निस्तारण की बात करें तो मात्र डेढ हजार के आसपास के मामलों का ही निस्तारण हो सका है। जबकि साढे तीन हजार के आसपास मामलों की विवेचना पेंडिंग है।
बिजली विभाग की लगातार सख्ती के बाद भी सिटी हो या ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली चोरी रुकने का नाम नहीं ले रही है। वर्ष 2023 की शुरुआत हो चुकी है। पंद्रह दिन बीत चुका है। इन दिनों में बिजली विभाग की कार्रवाई ढीली पड़ी हुई है। अधिकारी माघ मेले में व्यवस्ता का हवाला दे रहे है। इस दौरान दो सौ से कम मुकदमें दर्ज हुये है।
7767
मामलों को हो चुका निस्तारण
1380
मामले में लग चुकी है चार्जशीट
4221
मामले में नहीं हुई कोई कार्रवाई
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थाने में दर्ज मुकदमें की स्थिति
वर्ष - अभियोग - निस्तारित - शेष
2019 - 623 - 718 - 05
2020 - 2131 - 2429 - 702
2021 - 1625 - 913 - 712
2022 - 4709 - 1907 - 2802
2023 - 194 - 00
कुल - 13382 - 7767 - 4221
जिले में बिजली चोरी के मामले रोकने के कार्रवाई चल रही है। निस्तारण के लिए थाने व डिविजन स्तर पर काम चल रहा है। जो मामले पेंडिंग है। उसको जल्द निपटा लिया जाएगा।
विनोद गंगवार मुख्य अभियंता प्रयागराज