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लोगों की पिछले वर्ष नवंबर माह में फूलपुर में हुई थी मौत

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लोगों ने एक-एक कर हंडिया में मार्च 2021 में तोड़ा दम

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लोगों की एक अप्रैल को नवाबगंज में हो गई मौत

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- नवाबगंज के सहावपुर गांव में कई थानों की फोर्स के साथ पहुंचे डीआईजी /एसएसपी

- आधा दर्जन गांवों में शराब पीने के बाद बीमार पड़े लोगों की हुई तलाश, नहीं मिला कोई

PRAYAGRAJ: अवैध शराब की दरिया में जलकुंभी की तरह जड़ जमा चुके दारू माफिया जिले में पांच माह के अंदर अब तक 26 लोगों की जान ले चुके हैं। यह मौतें फूलपुर व हंडिया के बाद अब नवाबगंज में भी सामने आई हैं। कंगाल पति से करोड़पति बनने की चाहत में शराब माफिया मौत का घूंट बेच रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि अवैध शराब आबकारी विभाग द्वारा अलाट की गई दुकानों से बेची जा रही है। खैर, नवाबगंज में शराब से तीन लोगों के मौत की खबर पुलिस महकमें को हिलाकर रख दी। शुक्रवार को कई थानों की फोर्स के साथ डीआईजी/एसएसपी खुद सहावपुर गांव जा पहुंचे। आधा दर्जन गांवों में एक-एक घर जाकर पुलिस द्वारा शराब पीने वालों को ट्रेस करने की कोशिश की। छानबीन में कोई भी ऐसा व्यक्ति सामने नहीं आया जो शराब पिया हो या फिर जिसकी तबियत इसकी वजह से खराब हुई।

नवाबगंज में हुई थी तीन लोगों की मौत

नवाबगंज के सहावपुर में शराब से तीन लोगों के मरने की खबर गुरुवार को अफसरों तक पहुंची थी। यह जानकारी होते ही एसपी गंगापार मौके पर जा पहुंचे। उनके द्वारा बाबूलाल की बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेजी गई। शुक्रवार को उसकी बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ। सूत्र बताते हैं कि मौत की वजह बीमारी बताई गई है। अब बीमारी शराब पीने से हुई या बात कुछ और है? यह बात स्पष्ट नहीं हो सकी। गांव के दो व्यक्तियों की बॉडी का परिवार वाले अंतिम संस्कार कर चुके थे।

मौत की सूचना पर पहुंचे अफसर, घर-घर हुई तलाशी

दोपहर के वक्त अचानक इलाके के लखनपुर में शराब से दो और व्यक्ति के मौत की सूचना अफसरों को मिली। यही बात सुनकर एसएसपी नवाबगंज, होलागढ़, मऊआइमा थाने की फोर्स संग एसपी गंगापार और सीओ सोरांव के साथ गांव जा पहुंचे। पुलिस के जरिए पसियापुर, जूड़ापुर, लखनपुर, सरायफत्ते, सहावपुर सहित अन्य गांवों के एक-एक घर में छानबीन शुरू की गई। शराब पीने से बीमार पड़े व्यक्तियों या पीने वालों की डिटेल खंगालने की गई। हालांकि किसी भी घर में अफसरों को न तो शराब मिली और न ही पीने या शराब से बीमार लोग मिले। घंटों तक चली पड़ताल के बाद अधिकारी फोर्स के साथ गांव से हिदायत देते हुए लौट आए। नवाबगंज एरिया के शराब माफियाओं की कुंडली बनाने मे अफसर जुट गए है। माना जा रहा है कि जल्द ही यहां शराब माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

नवंबर माह से शुरू हो मौत का सिलसिला

- शराब से मौत का सिलसिला फूलपुर से शुरू हुआ। पिछले वर्ष नवंबर माह में यहां शराब से सात लोगों की मौत हुई थी।

- मरने वाले लोग अमिलिया, कंसार, मलिया का पूरा व मैलवन गांव के थे। सात में एक इलाहाबाद विश्वविद्यालय का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजेश गौड़ भी शामिल था।

- इसके बाद मार्च 2021 में हंडिया एरिया में शराब से एक-एक कर 16 लोगों ने दम तोड़ दिया था।

- एक अप्रैल को नवाबगंज के सहावपुर गांव में शराब से तीन लोगों के मरने की खबर आई है।

शराब से मौत का जिम्मेदार कौन?

शराब से हो रहीं घटनाओं को देखते हुए पब्लिक के बीच तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। जिन पर गौर करें तो कहा यह जा रहा है कि आखिर शराब से मरने वाले लोगों का जिम्मेदार कौन है। आबकारी विभाग, पुलिस या फिर वे खुद जिनकी जान शराब से जा चुकी है। अथवा शराब माफिया। लोगों की मानें अवैध शराब आबकारी विभाग द्वारा अलाट दुकानों से भी बिक रही है। अवैध शराब की चेकिंग व कार्रवाई का जिम्मा आबकारी विभाग पर है। कहते हैं कि यदि आबकारी विभाग के जिम्मेदार रूटीन में दुकानों की सही चेकिंग व कार्रवाई कर रहे होते तो आज यह कंडीशन नहीं होती। सबसे पहले पब्लिक आबकारी विभाग व शराब माफिया को ही दोषी ठहरा रही है। दूसरे नंबर पर लोग पुलिस पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।

नवाबगंज से पोस्टमार्टम के लिए एक बॉडी भेजी गई थी। रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण बीमारी पाई गई है। कई गांवों में फोर्स द्वारा शराब की चेकिंग कराई गई। शराब पीने से बीमार पड़े लोगों या पीने वालों के बारे में भी पता करने की कोशिश हुई। हालांकि शराब पीने के बाद बीमार व्यक्ति कोई नहीं मिला।

धवल जायसवाल, एसपी गंगापार

Posted By: Inextlive