डर के चलते 2200 लोगों ने सरेंडर किया राशन कार्ड
प्रयागराज (ब्यूरो)। कोरोना काल में सरकार ने फ्री राशन का वितरण शुरू किया था। इस दौरान हजारों लोग ऐसे थे जिन्होंने अपात्र होने के बावजूद जोड़-तोड़ कर अपना राशन कार्ड बनवा लिया। इन्होंने कई महीनों तक फ्री राशन भी लिया है। अब सरकार द्वारा राशन कार्ड सत्यापन की कार्रवाई की जा रही है। जिसको लेकर लोगों में डर बैठ गय ाहै। जो अपात्र हैं वह खुद अपना कार्ड निरस्त करवा रहे हैं। अगर ऐसा नही करेंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। अभी तक प्रयागराज में 2200 अपात्रों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर करा दिया है। इसमें 8 तहसील और पांच प्रखंड शामिल हैं। किस बात का डर?
अफवाह फैल गई कि नियमानुसार जो लोग अपात्र हैं उनके दरवाजे पर मुनादी करवाई जाएगी। इसके बाद भी वह नही माने तो सरकार द्वारा लिए गए अनाज के दर के हिसाब से वसूली की जाएगी। बता दें कि प्रयागराज में दस लाख राशन कार्ड धारक हैं और इसमें से 2200 ने सरेंडर कर दिया है। यह सिलसिला अभी जारी है। भविष्य में सरेंडर करने वालों की संख्या अधिक हो सकती है। बताया जा रहा है कि जिनके पास कार, एसी, सौ वर्ग फुट का प्लाट, मकान और नौकरी हो वह राशन कार्ड के पात्र नही होंगे। हालांकि रविवार को राज्य सरकार ने अपनी ओर से पत्र जारी कर इस अफवाह का खंडन किया है। उसका कहना है कि यह एक सामान्य सत्यापन की प्रक्रिया है। हमारी ओर से कोई वसूली या मुनादी का आदेश जारी नही किया गया है। हजारों की संख्या में हैं आवेदनप्रयागराज का जितना लक्ष्य निर्धारित है उससे अधिक राशन कार्ड बन चुके हैं। ऐसे में जब अपात्र का नाम कटेगा तो उसकी जगह पर पात्रों का आवेदन स्वीकार किया जाएगा। बहुत से लोग ऐसे हैं जो वाकई योजना के लाभार्थी हैं लेकिन उनका नंबर नही लग पा रहा है। गाड़ी, बंगला और नौकरी वाले फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनवाकर सरकारी अनाज का आनंद उठा रहे हैं। वर्जनवर्तमान में सामान्य सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। किसी को सरेंडर करने का आदेश नहीं दिया गया है। लोग स्वेच्छा से अपना नाम कटवा रहे हैं। जिला पूर्ति अधिकारी, प्रयागराज