यूक्रेन में अभी भी फंसे हैं प्रयागराज के 18 छात्र
प्रयागराज (ब्यूरो)। ट्रांसपोर्ट नगर निवासी राजेश त्रिपाठी नेवी के रिटायर्ड हैं। वह इस वक्त रेलवे में नौकरी कर रहे हैं। उनका एकलौता बेटा श्रेयष त्रिपाठी यूक्रेन में डेनियलो हैलिट्स्की ल्विव नेशनल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। इस वक्त वह रूस यूक्रेन की युद्ध में फंसा हुआ है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में उन्होंने बताया कि वह बार्डर पहुंच गए। वह अपने टर्न आने का इंतजार कर रहे है। मंगलवार को वह 11 बजे बार्डर समीप
शेल्टर सुरक्षित पहुंचे हैं। हर एक घंटे में माता-पिता का वीडियो कॉल के जरिए हालचाल लेते हैं।
शेल्टर में बिता रहे दिन
यूक्रेन में फंसी साक्षी त्रिपाठी टरनोपिल एनएमसी थर्ड ईयर की छात्रा है। वह किसी तरह से हॉस्टल से रोमानिया बार्डर तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया वह 17 घंटे से बार्डर के पास बने शेल्टर में शरण ली है। वहां खाने-पीने की दिक्कत के साथ सबसे बड़ी दिक्कत टायलेट जाने की बताई।
ऐसे में तमाम छात्रों की इस भीषण ठंड व भूख के चलते खाली पेट रहने से तबियत खराब हो रही है। घर पर पिता शिव माता सरिता के साथ भाई परेशान हो रहे हैं।
अपनी बारी का कर रहे इंतजार
दारागंज के रहने वाले दिव्यांशु निर्भय यूक्रेन के पेट्रो मोहयल ब्लैक सी नेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं। वह फस्र्ट
इयर का छात्र है। छह महीने पहले पढ़ाई के लिए यूक्रेन आए थे। अब वह वतन वापस जाने की जंग लड़ रहे हैं। उन्होंने बताया वह खुले आसमान के नीचे भीषण ठंड में कई घंटे समय बीतने के बात बार्डर तक पहुंचे हैं। उनका डाक्यूमेंट भी वैरिफाई भी हो गया है। फ्लाइट में अपने टर्न आने का इंतजार कर रहे है। उनका कहना है कि घर पर पिता रंजीत कृष्णा माता ममता के साथ ही दादा-दादी हर पल लोकेशन लेने के साथ वीडियो कॉल कर बातचीत कर रहे हैं।