एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर 15 लाख की धोखाधड़ी
प्रयागराज (ब्यूरो)। 2017-2018 में एडमिशन करवाने के नाम पर लिया था पैसानैनी बटालियान पीएसी मानस नगर निवासी प्रदीप सिंह यादव पुत्र लालचंद सिंह यादव ने पुलिस को तहरीर दी है।
तहरीर में बताया कि वह फर्मासिस्ट है और एक प्राइवेट अस्पताल में नौकरी करता है। आरोप है कि प्रदीप शर्मा निवासी राजरूपपुर थाना धूमनगंज जो प्राइवेट हॉस्पिटल टैगोर टाउन प्रयागराज में प्राइवेट नौकरी करता है व कन्हैया झा पुत्र विद्यानंद साईं धाम अपार्टमेंट टीवी नगर थाना धूमनगंज ने प्रदीप यादव को अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देते हुए वर्ष 2017 व 18 के बीच मेडिकल कालेज में मैनेजमेंट कोटे के जरिये एमबीबीएम में दाखिला दिलाने के नाम पर 15 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिये। आरोप है कि अब करीब चार साल से अधिक समय बीत चुका है, जब उनकी जालसाजी का पता लगा तो पैसे मांगा गया तो अब आरोपी की ओर से गाली-गलौज की जा रही है।
मंत्रियों व नौकरशाहों से अच्छे संबंध का दिया था हवाला
पीडि़त का आरोप है कि आरोपितों ने
झांसा दिया था कि उनकी मंत्रियों व नौकरशाहों से अच्छी पकड़ है। कई एडमिशन रसीद, आईकार्ड और रेलवे में नियुक्त अपने भाई और बहन का नियुक्ति पत्र भी दिखाया और कहा कि चाहो तो तुम्हारा भी प्रवेश करा देंगे। झांसे में लेकर आरोपितों ने कई बार में 15 लाख रुपये ले लिये। काफी समय बीत जाने के बाद भी एडमिशन नहीं हुआ आश्वसन ही मिलता रहा। शक होने पर जांच पड़ताल किया गया तो पता चला कि सारे आईडी फर्जी हैं। इसी बीच प्रदीप शर्मा के घर पर इसी तरह के फर्जी एडमिशन के नाम पर धोखाधडी के शिकार दो अन्य पीडित गुलाब चन्द्र एवं ज्ञान सिंह पटेल से मुलाकात हुई तो उन्होंने भी बताया कि वह भी 15-15 लाख रुपये देकर फर्जीवाड़े के शिकार हो चुके हैं। जार्जटाउन पुलिस का कहना है कि केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
छात्रा से ऐंठ लिया गया था 17 लाख रुपये
पिछले वर्ष प्रतापगढ़ के रहने वाले सुरेंद्र यादव की पुत्री एलनगंज में अपने मौसा के घर रहकर मेडिकल परीक्षा की तैयारी करती थी। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में दाखिला कराने के नाम पर उसे और उसके पिता को झांसा देकर 17 लाख रुपये ऐंठ लिए गए थे। कोतवाली पुलिस ने तानी, पंकज कुमार, सचिन सिंह, आदर्श सिंह व डा। ज्ञानेंद्र सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। ये सभी नोएडा से गिरोह का संचालन करते थे। कई लोगों को यह गिरोह ठग चुका था। इसमें तानी, पंकज कुमार, आदर्श सिंह व डा। ज्ञानेंद्र को नोएडा पुलिस पहले ही किसी धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी।