गंगापार और यमुनापार के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को अब बेहतर चिकित्सा सुविधा गांव में ही मिल सकेगी. सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था द हंस फाउंडेशन ने ऐसी 150 ग्राम पंचायतों के लिए 10 मोबाइल मेडिकल यूनिट नि:शुल्क उपलब्ध कराई है. इसका उद्घाटन इलाहाबाद की सांसद डा. रीता बहुगुणा जोशी और फूलपुर की सांसद केशरी देवी पटेल ने सर्किट हाउस में शनिवार को संयुक्त रूप से किया. यह मोबाइल यूनिट चिकित्सा सेवा में एक नया आयाम जोड़ेगी क्योंकि इसमें एमबीबीएस डाक्टर से लेकर एएनएम तक की तैनाती हर समय रहेगी.


प्रयागराज (बयूरो)। सर्किट हाउस में मोबाइल मेडिकल यूनिट की रवानगी के समय द हंस फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी निदेशक सुधीर सिन्हा और निदेशक संदीप कपूर ने बताया कि उप्र में 50 मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन किया जाएगा। पहली कड़ी में प्रयागराज को 10 यूनिट दी जा रही है। प्रत्येक मोबाइल मेडिकल यूनिट में एक एमबीबीएस डाक्टर, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन और एएनएम होंगी जो प्रतिदिन दो ग्राम पंचायतों में अपनी सेवा देंगी। इसमें मरीज की सभी आवश्यक जांचें भी मुफ्त में होंगी। द हंस फाउंडेशन की इच्छा को बताते हुए कहा कि सरकार और प्रशासन चाहे तो संस्था दूरदराज के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का भी संचालन कर सकती है। बताया कि जनवरी 2022 तक 10 मोबाइल मेडिकल यूनिट और देने की तैयारी है। जरूरत के अनुसार ले जाएंगे अस्पताल
इस अवसर पर सांसद डा। रीता बहुगुणा जोशी और केशरी देवी पटेल ने संस्था के द्वारा हो रहे जनहित के इस कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की। कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्र में त्वरित चिकित्सा सहायता पहुंचेगी। आसपास स्थित अस्पतालों की जरूरत पड़ती तो मोबाइल मेडिकल यूनिट मरीज को ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराएगी। मुख्य चिकित्साधिकारी डा। नानक सरन ने भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रत्यक्ष पांडेय ने कहा कि कोटवा और मांडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आक्सीजन उत्पादन प्लांट भी लगाया जा रहा है।

Posted By: Inextlive