आगरा. ब्यूरो साल 2024 ताजनगरी आगरा के लिए विकास की कई सौगात लेकर आ रहा है. नए साल में शहर का दशकों पुराना सिविल एंक्लेव का सपना भी पूरा होने जा रहा है. ताजनगरी के सिविल एंक्लेव के लिए बड़ी बाधा मानी जा रही पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरणीय अनुमति दे दी है. नए साल में लोकसभा चुनाव से पहले इसका भूमि पूजन भी हो सकता है. जल्द ही सिविल एंक्लेव बनकर तैयार भी हो सकता है.

इनके प्रयास सराहनीय
बीते दिनों आगरा के सांसद और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रो। एसपी सिंह बघेल ने प्रेसवार्ता करके सिविल एंक्लेव को पर्यावरण क्लीयरेंस मिलने के संबंध में जानकारी दी थी। सिविल एंक्लेव के निर्माण में 579 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके लिए 92.50 एकड़ जमीन राज्य सरकार ने धनौली, बल्हेरा और अभयपुरा गांवों की अतिरिक्त जमीन अधिगृहित कर लिया है। जमीन को दिसंबर माह की शुरूआत में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंप दिया है।

2019 में किया था आवेदन
खेरिया एयरपोर्ट पर नए सिविल एंक्लेव के निर्माण को आठ जनवरी 2019 को पर्यावरणीय अनुमति मांगी गई थी। 17 जनवरी 2019 को बैठक में इस पर विचार हुआ। सुप्रीम कोर्ट के 13 फरवरी 2019 के आदेश के चलते बड़ा निर्माण होने की वजह से पर्यावरणीय अनुमति जारी नहीं की जा सकी थी। खेरिया हवाई अड्डे पर नए सिविल एंक्लेव के निर्माण के प्रभाव का अध्ययन नहीं किया जा सका था। ताज ट्रेपेजियम जोन अथॉरिटी से एनओसी नहीं मिलने के चलते पिछले वर्ष सिविल एंक्लेव के निर्माण की योजना को ड्रॉप कर दिया गया था।
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सिविल टर्मिनल बनने से बढ़ेगी फ्लाइट
आगरा में एयरपोर्ट की मांग दशकों पुरानी है। पहले इंटरनेशनल एयरपोर्ट की मांग होती थी। वह जेवर चला गया। लेकिन अब सिविल एंक्लेव को लेकर तैयारी है। अब सिविल एंक्लेव को हरी झंडी मिल गई है। यदि यह बन जाएगा तो यात्री सुविधाएं बढ़ जाएंगी और आगरा की एयर कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी।

अभी वायुसेना परिसर में होकर जाना पड़ता है
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने कहा कि अभी वायुसेना परिसर में होकर आगरा से फ्लाइट पकडऩे के लिए जाना पड़ता है। इससे एंट्री करने में भी सिविल एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं नहीं मिल पाती हैैं। उन्होंने कहा कि यदि सिविल एंक्लेव बन जाएगा तो अन्य एयरलाइंस भी आगरा से फ्लाइट शुरू करने को इच्छुक होंगी। इससे फ्लाइट्स की संख्या भी बढ़ेगी और यह किफायती भी होंगी। उन्होंने कहा कि मुंबई की फ्लाइट आगरा की अपेक्षा ग्वालियर से अभी भी सस्ती है। कई आगरा निवासी मुंबई की फ्लाइट पकडऩे के लिए ग्वालियर भी जाते हैैं।
यदि सिविल एंक्लेव बन जाएगा तो हमें काफी सहूलियत होगी। आगरा की एयर कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। इंटरनेशनल फ्लाइट कनेक्टिविटी भी बढ़ सकती है।
- परवेज अख्तर, आवास विकास निवासी

आगरा में सिविल एंक्लेव बन जाए तो फ्लाइट्स की संख्या भी बढ़ेगी। इसके साथ ही अन्य एयरलाइंस भी आएंगी। इससे टिकट भी सस्ता होगा।
- अनिल शर्मा, सेक्रेटरी, सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा

आगरा में सिविल एंक्लेव के बनने से आगरा के टूर्ज्मि को काफी फायदा होगा। डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स में इजाफा होने से आगरा टूरिस्ट डायरेक्ट आ सकेंगे।
- तेजवीर सिंह, होटल संचालक
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05 शहरों के लिए डायरेक्ट फ्लाइट की सुविधा हैै आगरा से फिलहाल
92.50 एकड़ जमीन को किया गया है अधिग्रहित
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आगरा एयरपोर्ट की टाइमलाइन
2012 में मायावती सरकार में सिविल एंक्लेव के लिए प्रस्ताव तैयार हुआ.
2014 में सपा सरकार में अभयपुरा, धनौली में जमीन अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव बना.
2016 में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई.
2018 में धनौली में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बाउंड्रीवॉल बनवाई.
2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फ्लाइट न बढ़ाने और सर्वे करने का निर्देश दिए.
2021 में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एफिडेविट दिया.
2022 में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने सिविल एंक्लेव की योजना को ड्रॉप किया.
2023 में सुप्रीम कोर्ट ने सिविल एंक्लेव को हरी झंडी दी.
2023 में सिविल एंक्लेव को एक्सटेंड करने का प्रस्ताव पास हुआ
2023 में सिविल एंक्लेव को पयावरणीय अनुमति भी मिल गई.
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आजादी से पहले का है आगरा एयरपोर्ट
आगरा एयरपोर्ट की शुरुआत टाटा एयरलाइंस के डाक विमान (डैकोट) के हैंगर के रूप में देश के आजाद होने से पूर्व की गई थी। पृथ्वीनाथ फाटक से आधा किमी दूरी पर स्थित एयरपोर्ट के मुख्य गेट को अब भी टाटा गेट के नाम से जाना जाता है। इसे उपनिवेशक भारत की रॉयल इंडियन एयरफोर्स को हस्तांतरित कर दिया गया था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहां भारत, चीन और बर्मा की लॉजिस्टिक एयर डिपो रही। वर्ष 1947 में देश के आजाद होने के बाद एयरपोर्ट वायुसेना के पास रहा। टाटा एयरलाइंस यहां वायुसेना के सामंजस्य से सीमित फ्लाइट संचालित करती रही। एयरपोर्ट अथारिटी के प्रबंधन में एयरपोर्ट 1972 में आया। वर्ष 1995 में एयरपोर्ट अथॉरिटी और इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथारिटी के मिलने से इसके व्यवस्थित विकास का क्रम शुरू हुआ। वर्तमान एंक्लेव बिङ्क्षल्डग की शुरुआत पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने की थी।
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यह होगा सिविल एंक्लेव में
- नया सिविल एंक्लेव 49.8 एकड़ भूमि में बनाया जाएगा। इसके लिए टैक्सी ट्रैक भी बनेगा।
- टर्मिनल बिल्डिंग 16 हजार 600 वर्ग मीटर में बनेगी। एक घंटे की क्षमता 700 व्यक्ति होगी।
- बैगेज हैंडलिंग सिस्टम के लिए पांच हजार वर्ग मीटर का बेसमेंट बनेगा।
- 2200 वर्ग मीटर का क्षेत्र रिटेल व कमर्शियल आउटलेट के लिए होगा।
- यहां 350 कारों की क्षमता की मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाएगी।
- नए एंक्लेव का स्थल से 10.1 किमी दूर है।
- सिविल एंक्लेव से प्रतिदिन 650 किग्रा सोलिड वेस्ट उत्पन्न होगा।
- इससे प्रत्यक्ष रूप से 200 और अप्रत्यक्ष रूप से दो हजार व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
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Posted By: Inextlive