योग डायबिटीज करता है कंट्रोल
आगरा.( ब्यूरो) एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर और डायबिटोलॉजिस्ट डॉ। प्रभात अग्रवाल बताते हैैं कि दवाओं के साथ में योग करना काफी कारगर है। उन्होंने बताया कि बॉडी में जब पेंक्रियाज जब इंसुलिन का उत्पादन बंद कर देता है तो व्यक्ति की बॉडी में ग्लूकोज की मात्रा बढऩे लगती है और शुगर अनियंत्रित हो जाती है। दवाओं के साथ में वज्रासन और मयूरासन किया जाए तो यह डायबिटीज को कंट्रोल करने में काफी कारगर है। उन्होंने बताया कि वज्रासन करने के दौरान पेंक्रियाज से इंसुलिन निकलते हैैं। इससे बॉडी में ग्लूकोज का स्तर ठीक होने लगता है और शुगर का लेवल भी कंट्रोल होता है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों शुगर नहीं है उन्हें भी सूर्य नमस्कार सहित मयूरासन और वज्रासन करना चाहिए। इससे बॉडी फिट रहती है। रोजाना सूर्य नमस्कार 20 बार करने से कई रोग दूर रहेंगे।
पूर्व जिला होम्योपैथिक अधिकारी और वरिष्ठ होम्योपैथ डॉ। केएस कौशल बताते हैैं कि सही जीवनशैली को अपनाकर स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है। यदि रोजाना योग किया जाए और संतुलित आहार लिया जाए तो बॉडी की इम्युनिटी बढ़ती है। जब बॉडी की इम्युनिटी ठीक रहती है तो रोग दूर रहते हैैं। कई असाध्य रोग जैसे ब्लडप्रेशर, थॉयराइड, सांसरोग, किडनी रोगों में उपचार के साथ में योग करने से जल्दी रिकवरी होती है।
योग को मिल रहा बढ़ावा21 जून 2015 से इंटरनेशनल योग दिवस की शुरूआत होने के बाद से योग के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ रही है। ताजनगरी के पार्कों में योग कैंप लगना शुरू हो गया है। इसके साथ ही योग क्लब भी बने हैैं। यहां पर रोजाना सुबह बुजुर्ग, युवा व बच्चे आकर योग करते हैैं। योगाचार्य फादर जॉन फरेरा बताते हैैं कि उनके पास युवा और बच्चे बड़ी संख्या में योग सीखने के लिए आते हैैं।
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए वज्रासन, मयूरासन और सूर्य नमस्कार कारगर हैं। वज्रासन करने से पेंक्रियाज की लाइफ बढ़ जाती है और इससे इंसुलिन भी रिलीज होना शुरू हो जाता है। इससे डायबिटीज कंट्रोल होती है। प्रत्येक व्यक्ति को रोजाना 20 बार सूर्य नमस्कार करना चाहिए।
- डॉ। प्रभात अग्रवाल, प्रोफेसर, एसएनएमसी
योग करने और संतुलित आहार लेने से बॉडी में इम्युनिटी बढ़ती है। यदि बॉडी की इम्युनिटी हाई रहेगी तो रोग भी दूर ही रहेंगे। इसलिए रोजाना योग करें। असाध्य रोगों को ठीक करने के लिए भी दवाओं के साथ योग करने की सलाह दी जाती है। इससे अच्छे रिजल्ट सामने आते हैैं।
- डॉ। केएस कौशल, वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक