आगरा ब्यूरो : हमेशा अपनी खूबसूरती के लिए चर्चा में रहने वाले ताजमहल को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वार छिड़ा हुआ है. ताजमहल के रखरखाव पर भाजपा सरकार और विभाग को कठघरे में खड़ा करने वाले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआई ने पलटवार किया है. एएसआई ने एक्स पर अखिलेश यादव को टैग करते हुए ताजमहल में व्यवस्था को लेकर उनके द्वारा उठाए गए प्रत्येक ङ्क्षबदु का जवाब दिया है. साथ ही स्मारक में कोई गम्भीर संरचनात्मक समस्या होने से इन्कार किया है. एएसआई ने अखिलेश यादव को ताजमहल में आकर सुंदर वातावरण में आनंद लेने को कहा है. वहीं जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने स्मारक में स्थिति को देखा तो टूरिस्ट्स को दौड़ाते हुए बंदर दिखे वहीं स्मारक में बारिश के पानी का लीकेज होते वीडियो तो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.

अव्यवस्था को लेकर किया था पोस्ट
अखिलेश यादव ने दो दिन पहले ही ताजमहल में अव्यवस्था को लेकर एक्स पर एक पोस्ट की थी। आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया ने एक्स पर ही इसके जवाब में पोस्ट करते हुए लिखा है कि ताजमहल के मुख्य गुंबद पर जंग लगने की सूचना गलत है। लगातार अधिक वर्षा से पानी की कुछ बूंदें देखी गई हैं, जिनका निराकरण किया जा रहा है। कोई गम्भीर संरचनात्मक समस्या नहीं है। मुख्य गुंबद नहीं, बाहरी दीवार में पौधा था, जिसे हटाया जा चुका है। वर्षा के मौसम में इस तरह के पौधे उगते रहते हैं। ताजमहल परिसर में पिछले एक वर्ष से अधिक के समय में किसी पर्यटक को बंदर द्वारा काटने की कोई शिकायत नहीं आई है। ताजमहल में उद्यान परिसर में वर्षा का भरा हुआ पानी क्षणिक है, जो परिसर में विद्यमान कुओं एवं रिचार्ज पिटों के माध्यम से भूजल में समाहित हो जाता है। यह जल संरक्षण की एक विधा है, न कि कोई समस्या। कुछ भ्रामक एवं नकारात्मक खबरों से किसी को भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। ताजमहल के रखरखाव हेतु जो भी राशि खर्च की जाती है, उसका समय-समय पर ऑडिट किया जाता है। अभी तक के आडिट में ऐसी कोई शंका जाहिर नहीं की गई है।
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अखिलेश यादव की पोस्ट
ताजमहल में मुख्य मकबरे की दीवार पर उगे पौधे का एक्स पर 19 सितंबर को वीडियो पोस्ट करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा था कि विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित करने वाले ताजमहल के रखरखाव को भाजपा सरकार व उसके सुषुप्त निष्क्रिय विभाग पूरी तरह से नाकाम हैं। मुख्य गुंबद पर लगे कलश की धातु में जंग लगने की आशंका है। मुख्य गुंबद में पानी टपक रहा है। पेड़ उगने का समाचार सुर्खियों में है। ताजमहल का परिसर बंदरों के लिए अभ्यारण्य बन गया है। परिसर में जलभराव की समस्या है। पर्यटकों की परेशानी है कि वो ताजमहल निहारें या समस्याओं से निपटें। दुनियाभर से आने वाले पर्यटकों के बीच देश की छवि वैश्विक स्तर पर धूमिल हो रही है।

ओवैसी ने यह की थी पोस्ट
12 सितंबर को की गई पोस्ट में असदउद्दीन ओवैसी ने लिखा था कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ताजमहल से करोड़ों रुपये कमाता है, लेकिन भारतीय संस्कृति के सबसे बड़े प्रतीकों में से एक के साथ ऐसा व्यवहार करता है। मजेदार बात यह है कि वह तर्क देता है कि वक्फ स्मारकों को उसके अधीन कर देना चाहिए, ताकि वह उनका रखरखाव कर सके। यह 10वीं कक्षा की परीक्षा में फेल होने और पीएचडी के लिए आवेदन करने जैसा है।


ताजमहल में ये अव्यवस्थाएं हैं हावी
- बारिश के दौरान स्मारक में लीकेज का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
- टूरिस्ट्स पर हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं
- ताज के बाहर पूर्वी गेट पर आवारा जानवरों का है आतंक

Posted By: Inextlive