आप चलिए तो सही मैैं आपको किले के वो हिस्से दिखाउंगा जहां आपको कोई नहीं ले जा सकता है. मैैं आपको वीआईपी एंट्री करा दूंगा. ऐसे शब्द आपको आगरा किला के आगे काफी सुनने को मिल जाएंगे. इसके साथ ही ताजमहल पर भी ऐसे ही पर्यटकों को ठगा जाता है. प्रलोभन देकर पर्यटकों से मोटी रकम ली जाती है. बाद में टूरिस्ट ठगा हुआ फील करते हैैं.

आगरा(ब्यूरो)। शुक्रवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने आगरा किला पर इसकी पड़ताल की। महाराष्ट्र से आए टूरिस्ट रोहित ने बताया कि उन्हें ऑटो वाले ने आगरा किला छोड़ा और उसने ही तुरंत गाइड करवा दिया। उन्हें बताया गया कि वह वीआईपी गेट से आगरा किला में ले जाएंगे। जहां से केवल वीआईपी और वीवीआईपी पर्यटकों को ही ले जाया जाता है। इसके साथ ही आगरा किले के कुछ ऐसे भाग भी दिखाएंगे, जिन्हें आम पर्यटक नहीं देख पाते हैैं। लेकिन बाद में उन्हें उसी दक्षिणी गेट से ले जाया गया जहां से अन्य पर्यटक भी जा रहे थे। मैैंने गाइड से कहा तो वह उस गेट का इतिहास बताने लगा.

गाइड की व्यवस्था कर दी
ऐसे ही एक अन्य टूरिस्ट राहुल ने बताया कि वह ग्वालियर से आगरा किला देखने आए हैैं। वह आगरा कैंट पर ट्रेन से आए थे। स्टेशन से बाहर निकलते ही ऑटो वाले ने वहीं से गाइड की व्यवस्था कर दी। गाइड ने उनसे एक हजार रुपए लिए। गाइड ने बोला कि शिवाजी सेल, रोशनआरा, जहांआरा, दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास दिखाएंगे। गाइड ने सभी जगह दिखा दीं। मैैंने शिवाजी सेल की फोटो खींचकर अपने कजिन को भेजी। उन्होंने बताया कि यह तो शिवाजी सेल नहीं है। राहुल ने बताया कि गाइड ने उन्हें कोई और जगह घुमा दी।
इसी तरह से ताजमहल पर भी पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी की जाती है। कभी ऑनलाइन टिकट के नाम पर तो कभी वीआईपी गेट से एंट्री के नाम पर। दरअसर ताजमहल में पूर्वी गेट को ही वीआईपी गेट बोला जाता है। ऑटो चालक और गाइड उन्हें उसी गेट का हवाला देकर उनसे ज्यादा पैसे ले लेते हैैं। कई पर्यटक इसको लेकर शिकायत भी कर चुके हैं।

यह है आगरा किले के गेट का इतिहास
दरअसल आगरा किला में दो एंट्री गेट हैैं। एक गेट सेना के लिए है और दूसरा गेट पर्यटकों के लिए है। पर्यटकों वाले गेट को दक्षिणी गेट भी कहा जाता है। दक्षिणी द्वार से किले में एंट्री करने पर पर्यटकों को किले के मुख्य परिसर तक जाने का रास्ता कुछ झुका हुआ दिखाई देता है, ये रास्ता 60 डिग्री तक झुका हुआ है। इसे झुकाने का कारण दुश्मनों को रोकना था। इस तरह दुश्मन, हाथी और घोड़े बड़ी क्षमता के साथ अंदर नहीं आ सकते थे। इसके अलावा, द्वार पर खूब गर्म तेल भी डाला जाता था ताकि उस समय एंट्री गेट पर जाम हो सके। ये उस समय के विज्ञान और वास्तुकला का शानदार उदाहरण पेश करती है।


मुझे वीआईपी गेट से एंट्री कराने के नाम पर मुझसे ज्यादा पैसे ले लिए। जबकि मुझे उसी गेट से अंदर ले जाया गया। इससे आगरा की छवि खराब होती है।
-रोहित, पर्यटक

ऑटो वाले ने आगरा कैंट से मुझे बिठाया और उसने फोन पर ही गाइड करवा दिया। उसने मुझे शिवाजी सेल दिखाने के लिए कहा था। लेकिन कुछ और दिखा दिया।
- राहुल, पर्यटक

Posted By: Inextlive