आगरा. यमुना की तलहटी में पोकलेन मशीन खुदाई कर रही है. रेत के पहाड़ खड़े कर दिए गए हैं. यमुना किनारे से गुजरने वालों के लिए ये कौतूहल का विषय बन गया है. वहीं पर्यावरणविदें ने इस पर सवाल खड़े किए है.

विदेशी मेहमान देखेंगे एत्माद्दौला
जी-20 को लेकर शहर में जोरशोर से तैयारियां चल रहीं हैं। विदेशी डेलीगेट्स की विजिट जहां भी प्रस्तावित है, उन जगहों का सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। विजिट के दौरान विदेशी डेलीगेट्स ताजमहल के साथ एत्माद्दौला का भी भ्रमण करेंगे। इसके लिए भी तैयारियां चल रहीं हैं। एत्माद्दौला के पीछे यमुना का व्यू उन्हें सुंदर दृश्य नजर आए, इसके लिए प्रशासन की ओर से तमाम कवायद की गईं हैं। सिंचाई विभाग से विजिट से पहले यमुना में पानी छोडऩे के लिए कहा गया है। जिससे विदेशी मेहमानों को यमुना पानी से लबालब दिखे।

चर्चा का विषय बने
साथ ही यमुना की तलहटी में ड्रेजिंग की जा रही है। रेत के पहाड़ बना दिए गए हैं। जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। पर्यावरणविदें ने इस कार्य पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि नदी की तलहटी पर इस तरह मशीन से खुदाई करने से पहले क्या कोई परमीशन ली गई है? पास ही में एएसआई मॉन्यूमेंट्स है, ऐसे में क्या एएसआई से परमीशन ली गई है? वहीं एक्सपट्र्स का कहना है कि एत्माद्दौला साइड में यमुना को गहरा किया जा रहा है। जिससे पानी का बहाव वहां रहे और यमुना साफ नजर आए।

फिर से पानी में बह जाएगी रेत
सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नदी की ड्रेजिंग कराई जा रही है, लेकिन ड्रेजिंग के नाम पर सिर्फ पोकलेन मशीन से रेत की खुदाई कर उन्हें एक जगह इकट्ठा कर दिया गया है। ऐसे में विजिट से पहले जब यमुना में पानी छोड़ा जाएगा तो ये रेत पानी का बहाव तेज होने पर कटने लगेगा। रेत फिर से मिट्टी में मिल जाएगी।

कवायद पर खड़े हुए सवाल?
- एएसआई मान्यूमेंट््स के 50 मीटर दूरी पर इस तरह पोकलेन मशीन से कार्य किया जा सकता है?
- नदी की तलहटी पर बिना किसी परमीशन के इस तरह खुदाई की जा सकती है?
- क्या खोदाई कर इकट्ठा की गई रेत को हटाया भी जाएगा या नहीं?
- क्या नदी में कार्य के लिए नियमों को ताक पर रखा गया है?

सामने ही गिर रहा भैरों नाला
एत्माद़्दौला स्मारक के पीछे नदी खूबसूरत दिखे इसके लिए मशीन तैनात से नदी की तलहटी से रेत हटाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सामने यमुना किनारे की ओर से भैरों नाला नदी में सीधा गिर रहा है।


जी-20 डेलीगेट्स को एत्माद्दौला स्मारक विजिट के दौरान यमुना पानी से लबालब दिखे इसके लिए नदी की ड्रेजिंग कराई जा रही है। विजिट से कुछ दिन पहले 950 क्यूसेक पानी भी छोड़ा जाएगा।
सौरभ शरद गिरी, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग

बिना किसी परमीशन के इस तरह का कार्य नहीं किया जा सकता। अगर एएसआई मॉन्यूमेंट्स के पास इस तरह का कार्य कराया जा रहा है तो एएसआई की अनुमति की जरूरत होती है। गैर तकनीकी और नॉन साइंटिफिक तरीके से कुछ किया जाएगा तो यमुना और स्मारक को नुकसान पहुंचेगा। अगर नदी की ड्रेजिंग की जा रही है तो केंद्रीय जल आयोग से परमीशन लेकर प्रॉपर डे्रजिंग होनी चाहिए।
डॉ। शरद गुप्ता, पर्यावरणविद्

बिना परमशीन के नदी में मशीन से इस तरह कार्य नहीं किया जा सकता। जो भी डीसिल्ंिटग की जा रही है, उसे हटाया जाए। पोकलेन मशीन से जो खुदाई की जा रही है, उस सिल्ट में चमड़े की करतन और प्लास्टिक की भरमार है। अगर इसे नहीं हटाया गया तो यमुना में पानी छोड़ते ही ये नदी में मिल जाएगी।
डॉ। देवाशीष भट््टाचार्य, पर्यावरणविद्

नदी में साफ-सफाई का कराया जा रहा है। कोई नया निर्माण नहीं हो रहा है। इसलिए अनुमति की जरूरत नहीं है।
राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद, एएसआई आगरा सर्कल

10 फरवरी को आगरा आएगा जी-20 देशों का डेलीगेट्स
180 मेंबर्स होंगे प्रतिनिधिमंडल में शामिल
2 स्मारकों का दीदार करेंगे डेलीगेट्स, ताजमहल और एत्माद्दौला

Posted By: Inextlive