केंद्रीय ङ्क्षहदी संस्थान मार्ग स्थित पुष्पांजलि हाईट््स पर्ल टावर में सोमवार सुबह साढ़े तीन बजे आग लग गई. दो फ्लैट लपटों में घिर गए जबकि तीसरे फ्लैट की बालकनी में रखा सामान जलने लगा.


आगरा(ब्यूरो)। इन फ्लैट में रह रहे परिवारों की नींद उड़ गई और जान बचाने को बाहर आ गए। दमकल ने करीब एक घंटे की कोशिश के बाद आग को काबू कर लिया। इस दौरान दो दमकलकर्मियों की हालत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया।

11 मंजिल इमारत में बने हैं 88 फ्लैट
घटना सोमवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे की है। 11 मंजिला इमारत में 88 फ्लैट हैं। सातवीं मंजिल पर फ्लैट संख्या 702 में राहुल भटनागर रहते हैं। परिवार में पत्नी संगीता और मां हैं। आठवें तल पर फ्लैट संख्या 802 में राजीव सक्सेना उनकी पत्नी निधि, बेटियां सुकृति और वैभवी रहती हैं। राहुल भटनागर के फ्लैट की बालकनी में तीन एसी की आउटडोर यूनिट लगी हैं। इनमें शार्ट सर्किट से आग लग गई। बालकनी में आयल हीटर भी रखे थे। जिससे आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। लपटें राजीव सक्सेना के फ्लैट की बालकनी तक पहुंच गईं। जिसने बालकनी से सटे कमरे को चपेट में ले लिया।

आग को देख बाहर भागे लोग
निधि सक्सेना ने बताया कि उन्हें पड़ोसी ने फोन करके आग की जानकारी दी। आंख खुली तो फ्लैट को लपटों में घिरा देख होश उड़ गए। कमरे में धुंआ भरा था। किसी तरह दरवाजा खोलकर हम सब बाहर की ओर भागे। तब तक अपार्टमेंट में रहने वाले सभी लोग बाहर आ चुके थे। निधि ने बताया कि आग में उनका एक कमरा, घर में लगे सभी एसी और फ्रिज समेत अन्य उपकरण जल गए। अपार्टमेंट के सुरक्षाकर्मी सनी कुलश्रेष्ठ, विक्रम और नीरज ने लोगों को बाहर निकालने में मदद की। अग्निशमन अधिकारी सोमदत्त सोनकर ने बताया कि आग शार्ट सर्किट से लगी थी। जिसे काबू करने में एक घंटे से अधिक लगा। दोनों दमकलकर्मियों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।

सतर्कता से बचा निधि का परिवार
राजीव के बराबर फ्लैट संख्या 803 में मोनिका ओबराय अपने पुत्र कुनाल के साथ रहती हैं। निधि के फ्लैट में लगी आग उनके फ्लैट के बाथरूम तक पहुंच गई थी। मोनिका ने बताया कि जलने की दुर्गंध से कुनाल की आंख खुल गई। उन्हें जगाकर कहा कि कहीं आग लगी है। रसोई और कमरों को देखने के बाद वह बाथरूम में पहुंचीं। वहां बराबर वाले फ्लैट से लपटें उनके बाथरूम में आ रही थीं। गीजर फटने से पानी की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। उन्होंने निधि समेत अन्य परिचितों को फोन किया। अन्य फ्लैटों पर भाग-भाग कर पहुंचीं और घंटी बजाकर परिवारों को जगाया। तब सभी बाहर आ गए।

Posted By: Inextlive