धरती हर्षित हो रही घिरी घटा घनघोर पुरवायी भी कर रही मधुर मनोहर शोर ये कवि ने श्र्रावण मास को इन चंद पंक्तियों में व्यक्त किया है. श्रावण महीने में पूरी धरती पर हरियाली छा जाती है लेकिन ताजनगरी में इस महीने में भी पौधे सूख रहे हैं. पौधों के सूखने से ग्रीन आगरा की हसरतें भी सूख रही हैं. बोदला-शाहगंज रोड पर डिवाइडर पर लगाए गए पौधे दम तोड़ गए हैं. न तो उनका रखरखाव किया गया है. न ही सूखे पौधों को बदला जा सका है. ऐसे में जिम्मेदारों द्वारा ग्रीन आगरा की बात करना बेमानी है.

आगरा। अभी हाल ही के दिनों मेें लगाए गए सैंकड़ों पौधे बिना रखरखाव और सिंचाई के दम तोड़ रहे हैं। शनिवार को दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम ने शाहगंज-बोदला रोड का जायजा लिया। इस दौरान डिवाइडर पर रोपे गए दर्जनों की संख्या में पौधे दम तोड़ गए हैं। अब उनके डंठल ही नजर आ रहे हैं। ऐसे में नगर निगम द्वारा न तो इनको बदला गया है। न ही इनको हटाकर दूसरे पौधे रोपे गए हैं।

बस टारगेट पूरा हो जाए
जिले में जिनके कंधों पर हरियाली को बढ़ाने की जिम्मेदारी है। वे ही लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसे में आप किस पर भरोसा करेंगे। वन विभाग हो या फिर नगर निगम सभी अफसरों को एक ही बात की चिंता रहती है कि कैसे भी अपना टारगेट पूरा हो जाए। इसके बाद चाहे हरियाली बढ़े या न बढ़े, पौधे सूखते हैं तो सूख जाए। जिम्मेदारों पर कोई फर्क नहीं पड़ता।

26 विभागों ने रोपे हैं 36 लाख पौधे
जिले में 5 से लेकर 7 जुलाई 36 लाख पौधे रोपे जाने का दावा वन विभाग का है। डीएफओ अखिलेश पांडेय ने बताया कि ये काम एक जनआंदोलन के रुप में किया जा रहा है। इसमें 15 अगस्त को 7.30 लाख पौधे रोपे जाएंगे। इस प्रकार जिले में कुल 51 लाख पौधे रोपे जाएंगे। बता दें कि जिले में मियांवॉकी पद्धति से 400 मी। की दूरी पर पौधे रोपे गए हैं। ऐसे में जब पौधों के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जाएगा। तो ग्रीनरी का ग्राफ हकीकत में लगता नहीं, हां फाइलों में अवश्य बढ़ जाएगा। जैसा कि विगत वर्षो से बढ़ रहा है। बता दें कि इस बार वन के हरित क्षेत्र को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

36 लाख पौधे रोपने का दावा
26 विभागों ने 36 लाख पौधे रोपने का दावा किया है, लेकिन ये पौधे कहां रोपे गए। ये हकीकत तो जिम्मेदार ही जानते होंगे। इस बारे में डीएफओ अखिलेश यादव कहते हैं कि जिला स्तर पर पौधरोपण कमेटी बनी हुई है। कमेटी समीक्षा करती है। जो पौधे सूख गए हैं। उनको दिखवाया जाएगा। किसकी जिम्मेदारी है। किस स्तर पर लापरवाही बरती गई है। इसकी रिपोर्ट कमेटी में रखी जाएगी।

विभाग का नाम कुल पौधरोपण
उद्यान विभाग 171000
रक्षा विभाग 9007
रेलवे 3600
परिवहन 4300
स्वास्थ्य विभाग 10800
श्रम विभाग 4300
उच्च शिक्षा विभाग 25500
प्राविधिक शिक्षा विभाग 6800
बेसिक शिक्षा 3100
माध्यमिक शिक्षा 3100
ऊर्जा विभाग 5000
उद्योग विभाग 14700
सहकारिता विभाग 5500
वन विभाग 1044100
पर्यावरण विभाग 28800
ग्राम विकास 1437648
राजस्व विभाग 154300
पंचायती राज 177134
आवास विकास 28800
नगर विकास 179675
लोक निर्माण 23688
जल शक्ति विभाग 13500
कृषि विभाग 282047

Posted By: Inextlive