जी-20 क्या है? इस समूह का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है.
(ब्यूरो)। वर्ष 2008 से विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष जी-20 में शामिल हुए। 2007 के वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के मद्देनजर जी-20 को राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों के स्तर तक उन्नत किया गया था। 2009 में इसे 'अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग हेतु प्रमुख मंचÓ के रूप में नामित किया गया। जी-20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष एक क्रमिक अध्यक्षता में आयोजित किया जाता है। शुरूआत में जी-20 व्यापक आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित था,
1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी 20 की अध्यक्षता करेगा. जी-20 की स्थापना
जी-20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी। जी-20 की अहमियत
85 परसेंट विश्व की जीडीपी का हिस्सा
75 परसेंट से अधिक वैश्विक व्यापार कब्जा
67 परसेंट विश्व की आबादी
राष्ट्राध्यक्षों की जी-20 में सहभागिता
परंतु बाद में इसके एजेंडे में विस्तार करते हुए इसमें अन्य विषयों के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार-विरोध शामिल किया गया।
जी-20 के सदस्य
- भारत
- अर्जेंटीना
- ऑस्ट्रेलिया
- ब्राजील
- कनाडा
- चीन
- फ्र ांस
- जर्मनी
- इंडोनेशिया
- इटली
- जापान
- कोरिया गणराज्य
- मैक्सिको
- रूस
- सऊदी अरब
- दक्षिण अफ्रीका
- तुर्किये
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूरोपीय संघ
अतिथि देश बांग्लादेश
इजिप्ट
मॉरिशस
नीदरलैंड
नाइजीरिया
ओमान
सिंगापुर
स्पेन
संयुक्त अरब अमीरात आमंत्रित अंतरराष्ट्रीय संगठन
नियमित अंतरराष्ट्रीय संगठनों में यूएन (यूनाइटेड नेशंस), आईएमएफ (इंटरनेशनल मॉनिट्री फंड), डब्ल्यूबी (वल्र्ड बैंक), डब्ल्यूएचओ (वल्र्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन), डब्ल्यूटीओ (वल्र्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन), आईएलओ (इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन), एफएसबी (फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड), ओईसीडी (ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कॉरपोरेशन एंड डेवलपमेंट), क्षेत्रीय संगठनों (एयू, एयूडीए-एनईपीएडी और आसियान) की पीठों के अतिरिक्त जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत द्वारा आईएसए, सीडीआरआई और एडीबी को अतिथि अंतरराष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित किया गया है। जी-20 की कार्यशैली
जी 20 प्रेसीडेंसी: जी-20 अध्यक्षता के तहत एक वर्ष के लिए जी-20 एजेंडा का संचालन किया जाता है। शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। जी-20 में दो समानांतर टै्रक होते हैं। वित्त ट्रैक और शेरपा ट्रैक। वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गवर्नर वित्त ट्रैक का नेतृत्व करते हैं जबकि शेरपा ट्रैक का नेतृत्व शेरपा करते हैं।
शेरपा पक्ष की ओर से जी-20 प्रक्रिया का समन्वय सदस्य देशों के शेरपाओं द्वारा किया जाता है, जो नेताओं के निजी प्रतिनिधि होते हैं। वित्त ट्रैक का नेतृत्व सदस्य देशों के वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक गवर्नर करते हैं। दोनों ट्रैक के अंदर कार्य समूह हैं, जिनमें सदस्यों के संबंधित मंत्रालयों के साथ आमंत्रित/अतिथि देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं। वित्त ट्रैक मुख्य रूप से वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में है। ये कार्य समूह प्रत्येक अध्यक्षता के पूरे कार्यकाल में नियमित बैठकें करते हैं। शेरपा वर्ष के दौरान हुर्ह वार्ता का पर्यवेक्षण करते हैं। शिखर सम्मेलन के लिए एजेंडा आयटम पर चर्चा करते हैं। जी-20 के मूल कार्य का समन्वय करते हैं।
इस समूह का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। इसकी अध्यक्षता ट्रोइका द्वारा समर्थित है। पिछला, वर्तमान और आने वाला अध्यक्षता (ट्रोइका)। भारत की अध्यक्षता के दौरान ट्रोइका में इंडोनेशिया(पूर्व अध्यक्ष), भारत (वर्तमान अध्यक्ष) और ब्राजील (वर्ष 2024 में अध्यक्षता)शामिल होंगे।
जी-20 लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रंगों- केसरिया, सफेद और हरे, एवं नीले रंग से प्रेरित है। इसमें भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल को पृथ्वी ग्रह के साथ प्रस्तुत किया गया है, जो चुनौतियों के बीच विकास को दर्शाता है। पृथ्वी जीवन के प्रति भारत के पर्यावरण अनुकूल दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसका प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य है। जी-20 लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में 'भारतÓ लिखा है।
थीम
भारत का जी-20 अध्यक्षता का विषय 'वसुधैव कुटुम्बकमÓ या 'एक पृथ्वी। एक कुटुंब। एक भविष्यÓ है। इसे महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है। अनिवार्य रूप से यह विषय सभी प्रकार के जीवन मूल्यों मानव, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीव के साथ पृथ्वी एवं व्यापक ब्रह्मांड में उनके परस्पर संबंधों की पुष्टि करता है। यह विषय (थीम) व्यक्तिगत जीवन शैली और राष्ट्रीय विकास दोनों स्तरों पर पर्यावरण की दृष्टि से जिम्मेदार विकल्पों से संबद्ध लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर भी प्रकाश डालता है, जिससे वैश्विक स्तर पर परिवर्तनकारी कार्यों के परिणामस्वरूप एक स्वच्छ, हरे-भरे और उज्जवल भविष्य का निर्माण होता है। यह विषय सामाजिक और व्यक्तिगत उत्पादन और उपभोग विकल्पों पर भी प्रकाश डालता है और पर्यावरण की दृष्टि से जिम्मेदार व्यवहार विकल्प अपनाने का आह्वान करता है, जिससे वैश्विक सुधारात्मक कार्रवाई की जा सके ताकि मानवता को अपेक्षाकृत स्वच्छ, हरित और उज्जवल भविष्य प्राप्त हो। लोगो और विषय (थीम) एक साथ भारत की जी-20 अध्यक्षता का एक सशक्त संदेश देते हैं, जो दुनिया में सभी के लिए न्यायसंगत और समान विकास के प्रयास को दर्शाता है।