दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट और चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगाना आपकी जान बचा सकता है. घटिया हेलमेट पहनना हेलमेट न पहनने से भी ज्यादा खतरनाक होता है इसलिए वाहन चलाते समय अपनी और अपनों की सुरक्षा के लिए अच्छी कंपनी का हेलमेट पहनें. लगातार अवेयरनेस के बाद भी नियमों की अनदेखी की जा रही है इससे असमय दोपहिया वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं.

आगरा। आजकल बाजार में एक से बढ़ कर बाइक और स्कूटर उतर रहे हैं। ज्यादातर कंपनियां हेलमेट टू-व्हीलर्स खरीदते समय ही ग्राहकों को देती हैं, लेकिन दोपहिया वाहनों में से पांच से सात प्रतिशत ही वाहन चालक के सिर पर हेलमेट नजर आते हैं। एमजी रोड पर दस में से हर ग्यारहवें वाहन चालक द्वारा हेलमेट नहीं पहना गया, वहीं लोहामंडी, बोदला, सिकंदरा समेत अन्य लिंक मार्ग पर हर तीसरे व्यक्ति द्वारा हेलमेट नहीं पहना गया।

गंभीर चोट का कारण बन सकता है घटिया हेलमेट
सड़कों पर दौड़ रहे दोपहिया वाहन चालकों मेें से अधिकतर ऐसे हैं जो सस्ती क्वॉलिटी का हेलमेट पहने नजर आए। इनमें से भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपनी सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि चालान से बचने के लिए घटिया व सस्ती हेलमेट खरीदते हैं। हेलमेट खरीदते समय लोग अक्सर भूल जाते हैं, ऐसा करने से वह पुलिस चालान से तो बच सकते हैं, लेकिन किसी दुर्घटना के समय सिर पर चोट से नहीं, जो घातक भी साबित हो सकती है। कई बार इससे जान भी चली जाती है।

बाइक खरीदते हैं, लेकिन हेलमेट से परहेज
अक्सर देखा गया है कि लोग बाइक या स्कूटर खरीदने समय 70 हजार से डेढ़ लाख या इससे भी ज्यादा रकम तो खुशी से खर्च कर देते हैं, लेकिन जान बचाने वाला हजार, दो हजार रुपये का हेलमेट खरीदने से अधिकतर लोग परहेज करते हैं। यह सोचने की बात है कि लाइफ को सेफ रखने वाले हेलमेट से आखिर कैसा परहेज है।

हमेशा अच्छी क्वालिटी का लें हेलमेट
घटिया हेलमेट बेशक बाजार में 200 से 500 रुपये तक में मिल जाता है जबकि स्टीलबर्ड, स्टड्स, एल एरोस्टार, रैंगलर, वेगा जैसे अच्छे ब्रांडों के हेलमेट 1000 रुपये से शुरु होकर 3000 और इससे भी ज्यादा में उपलब्ध हैं। हजार से डेढ़ हजार रुपये में अच्छी कंपनी का बढिय़ा हेलमेट आ जाता है। ऑरिजिनल हेलमेट जहां देखने में अच्छा होता है, वहीं यह लोकल की अपेक्षा काफी मजबूत, आरामदायक और हवादार होता है। इन्हें धोकर साफ भी किया जा सकता है। आईएसआई मार्क वाला ही हेलमेट खरीदें।

सख्ती के बाद पहनते हैं हेलमेट
एमजी रोड पर हेलमेट विक्रेता रोहित ने बताया कि हर महीने 300 से 500 तक हेलमेट बिकते तो हैं, लेकिन जब तक पुलिस की सख्ती नहीं होगी, तब तक हेलमेट वाहन चालकों के सिर पर नहीं आएंगे। अगर ट्रैफिक पुलिस द्वारा हेलमेट को लेकर कोई अभियान चलाया जाता है तो समाचार पत्रों के जरएि सख्ती को देख चालक हेलमेट का पालन करने लगते हैं।

रोड पर इन बातों का रखें ध्यान
-दो पहिया चलते समय दोनों सवारी हेलमेट का प्रयोग करें।
-चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग करें।
-शहर की सीमा में हाइवे पर वाहन धीमी गति से चलाएं।
-सड़क के साइड वाहन खड़ा करने पर दें पार्किंग लाइट
-घुमावदार मोड़ पर वाहन की गति धीमी होनी चाहिए।

-ताजनगरी में वर्ष 2021 में दुर्घटनाएं
845
-शहर और देहात में दुर्घटना में गई जानें
534
-रोड दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल
424

-शहर और देहात में वर्ष 2022 फरवरी में दुर्घटनाएं
45

-रोड हादसों में गई जानें
17

-हादसे मेंं गंभीर रूप से घायल
28


समय-समय पी अवेयर कार्यक्रम के जरिए चालकों को हेलमेट और सीट बेल्ट पहनने की हिदायत दी जाती है। वहीं नियमों का उलंघन करने वालों के चालान कर जुर्माना भी वसूल किया जाता है।
अरुण चंद, एसपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive