रोज दस हजार कदम चलें, डायबिटीज होने से रोकें, डायबिटीज डे पर आयोजित हुए अवेयरनेस प्रोग्राम
आगरा(ब्यूरो)। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रिंसिपल डॉ। प्रशांत गुप्ता ने किया। मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ। बलबीर सिंह ने कहा कि डायबिटीज से बचने के लिए हमें अपनी दिनचर्या को क्रियाशील रखना चाहिए। मोटापे को नहीं बढऩे देना चाहिए। कम से कम आधा घंटा शरीर को देना चाहिए। इसके साथ ही खाने-पीने पर कंट्रोल करना चाहिए। इस अवसर पर एमबीबीएस के स्टूडेंट्स के लिए डायबिटीज क्विज रखा गया। इसमें छह टीमों भाग लिया। प्रथम स्थान पर अमरीश गौतम और शहबाज ने प्राप्त किया। दूसरा स्थान सौम्या गुप्ता व बेनजिंग पाल्पोन ने प्राप्त किया। तीसरा स्थान खुशबू अग्रवाल, हेंड्री अलर्ट और विशाल भारती, शिवानी शर्मा ने प्राप्त किया। इस अवसर पर फिजियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ। दिव्या श्रीवास्तव, रेडियो डायग्नोसिस विभाग के अध्यक्ष डॉ। हरी सिंह आदि मौजूद रहे। संचालन प्रो। डॉ। प्रभात अग्रवाल ने किया। यूनिवर्सिटी में आयोजित हुआ प्रोग्राम
आगरा। वल्र्ड डायबिटीज डे के अवसर पर सोमवार को डॉ। बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के छलेसर कैंपस स्थित फार्मेसी विभाग में डायबिटीज अवेयरनेस सेमिनार आयोजित किया गया। सीएमओ डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि मधुमेह आज के समय की एक आम बीमारी बन गई है। इससे निपटने के लिए हमें शारीरिक परिश्रम और उचित खानपान का ध्यान रखना चाहिए। गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ। पियूष जैन ने बताया कि 50 प्रतिशत से अधिक टाइप-2 में डायबिटीज को रोका जा सकता है, क्योंकि डायबिटीज का बचाव ही उपचार है। इस अवसर पर फार्मेसी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ। ब्रजेश तिवारी, फार्मेसी विभाग की डॉ। श्वेतलाना व अन्य मौजूद रहे।