मेरे पिता का वर्ष 2007 में देहांत हो चुका है. इस बार वोटर लिस्ट में उनका नाम था लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों का वोटर लिस्ट में नाम नहीं था.

आगरा(ब्यूरो)। गुरुवार को नगरीय निकाय चुनाव के दौरान सिर्फ शोएब को ही इस तरह की समस्या से नहीं जूझना पड़ा, बल्कि कई क्षेत्रों में जब वोट लोग करने पहुंचे तो उनके और परिवारीजन के वोट गायब थे।

हर बात देता रहा हूं वोट
पूर्व चैंबर प्रेसिडेंट मनीष अग्रवाल ने बताया कि पूर्व में हुए नगरीय निकाय हों या फिर लोकसभा और विधानसभा चुनाव, वह हर बार मतदान करते आए हैं। लेकिन जब इस बार वह बूथ पर पहुंचे तो उनका लिस्ट में नाम ही नहीं था। इसको लेकर वह शॉक्ड रह गए। उन्होंने इस बारे में बीएलओ से भी संपर्क किया, लेकिन वह भी कोई उचित जवाब नहीं दे सका।


रुकनी चाहिए इस तरह की गड़बड़ी
शिक्षक सुनील उपाध्याय ने कहा कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का असर वोटिंग परसेंट पर रहा। इसी के चलते शहर में 37.07 परसेंट वोट पड़े। इसको लेकर जवाबदेही तय होनी चाहिए कि आखिर वोटर लिस्ट में इस कदर गड़बड़ी क्यों हुई। प्रशासन ने भी वोटिंग परसेंट बढ़ाने को लेकर कोई पहल नहीं की।

सभी का वोट गायब
शाहगंज निवासी संतोष ने बताया कि पिछले नगर निगम चुनाव में उन्होंने और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने वोट किया था लेकिन इस बार सभी का वोट गायब है। कुछ समझ ही नहीं आ रहा कि आखिर ये कैसे हुआ। सिर्फ ये मेरे परिवार के साथ ही नहीं हुआ है, बल्कि क्षेत्र में कई परिवारों के वोट गायब हैं।

पॉश कॉलोनियों में भी वोट गायब
पॉश कॉलोनियों भी बड़ी संख्या में वोट गायब मिले। ताजगंज के निखिल गार्डन फेस-1 और फेस-2 में बड़ी संख्या में लोगों के वोट नहीं मिले। जबकि क्षेत्रीय लोगों का कहना था कि उन्होंने पूर्व में हुए चुनावों में वोट किया था।


मैं पूर्व में हुए सभी चुनावों में भागीदारी करता रहा हूं। इस बार वोटर लिस्ट में नाम ही नहीं था। इसको लेकर मैं शॉक्ड था।
मनीष अग्रवाल, पूर्व चैंबर प्रेसीडेंट

इस तरह की गड़बड़ी पर रोक लगनी चाहिए। तभी वोटिंग परसेंट बढ़ सकता है। अगर लिस्ट में नाम ही नहीं होगा तो व्यक्ति वोट कैसे करेगा।
सुनील उपाध्याय

Posted By: Inextlive