2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के लक्ष्य के साथ स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है. ताजनगरी में अब टीबी मरीजों को जल्दी स्वस्थ करने के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं गोद लेंगी. इससे पहले केवल बाल टीबी रोगियों को ही ये संस्थाएं गोद लेती थीं और उनके न्यूट्रीशन का ध्यान रखती थीं.

आगरा। चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ। अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मरीजों को गोद लेने वाली संस्थाएं हर महीने उन्हें पोषण किट उपलब्ध कराएंगी तथा उनकी सुख सुविधाओं के साथ सेहत का ख्याल रखेंगी। इसके साथ ही वे टीबी रोगियों का मनोबल बढ़ाते हुए बताएंगी कि संपूर्ण इलाज के बाद टीबी पूरी तरह से ठीक हो जाती है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। संत कुमार ने बताया कि पहले जनपद में राज्यपाल की पहल पर बाल टीबी रोगियों को गोद लिया गया था। वर्तमान में लगभग 1600 बाल टीबी रोगियों को गोद लेकर उनके न्यूट्रीशन की व्यवस्था की जा रही है। शासन के नए दिशा-निर्देश के क्रम में वल्र्ड टीबी डे यानि 24 मार्च से जनपद में सभी टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए एक माह का विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान बाल टीबी रोगियों के साथ वयस्क महिला टीबी रोगियों को गोद लिया जाएगा। इसके बाद वयस्क पुरुष टीबी रोगियों को भी गोद लेने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी।

भत्ता रहेगा जारी
जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि टीबी रोगियों को 500 रुपए प्रतिमाह पोषण भत्ता के रुप में पूर्व की तरह से दिया जाता रहेगा। वहीं गोद लेने वाली संस्थाओं के द्वारा हर टीबी रोगी को हर महीने 1 किलो मूंगफली, 1 किलो भुना चना, 1 किलो गुड़, 1 किलो सत्तू, 1 किलो तिल या गजक, 1 किलो अन्य न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट जैसे हॉर्लिक्स, बॉर्नवीटा आदि स्वस्थ होने तक दिया जाएगा।


अब वयस्क टीबी रोगियों को भी स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा गोद लिया जाएगा। अब तक बाल टीबी रोगियों को संस्थाएं गोद ले रही थीं। -डॉ। संत कुमार, जिला क्षय रोग अधिकारी

Posted By: Inextlive