मौसम में अब बदलाव हो रहा है. कभी गर्मी तो मौसम सर्द हो रहा है. टेंपरेचर में वेरिएशन होने से वायरल अटैक कर रहा है. बच्चों पर इसका ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहा है. बच्चों को वायरल एक सप्ताह से दस दिन तक परेशान कर रहा है. ऐसे में एक्सपट्र्स सलाह दे रहे हैैं कि अपने बच्चे को बदलते मौसम से बचाकर रखें.

आगरा(ब्यूरो)। वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डॉ। ओपी यादव ने बताया कि इस वक्त ओपीडी में 80 परसेंट मरीज वायरल के ही हैं। उन्हें गले में खराश, खांसी-जुकाम के साथ में बुखार आने की समस्या हो रही है। कई बार बच्चों को पैरासीटामोल देने पर भी मुश्किल से असर हो रहा है। लेकिन इस स्थिति में पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। बच्चे को बुखार आए तो डॉक्टर को दिखाएं। पांच से दस दिन में बच्चे ठीक हो रहे हैैं।

पैरासीटामोल से बुखार न उतरे तो डॉक्टर को दिखाएं
एसएन मेडिकल कॉलेज के बालरोग विभाग के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉ। नीरज यादव ने बताया कि बच्चे को यदि तीन दिन से ज्यादा बुखार है तो डॉक्टर से सलाह लें और पांच दिन से ज्यादा बुखार हो तो उसकी जांच अवश्य कराएं। शुरूआत में बुखार आने पर केवल पैरासीटामोल सीरप दें। यदि इससे बुखार न उतरे तो डॉक्टर को दिखाएं। अपनी मर्जी से कोई दवा न दें। तेज बुखार आने पर बच्चे की स्पॉजिंग करें।

दौड़ा पड़े तो हो जाएं सचेत
डॉ। नीरज ने बताया कि बच्चे को बुखार आने पर एडमिट भी करना पड़ सकता है। बच्चे को तेज बुखार होने पर दौड़ा पडऩे के चांस रहते हैैं। कुछ बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। डॉ। नीरज ने बताया कि यदि बच्चे को बुखार आने पर सांस लेने में तकलीफ हो, दौड़ा पडऩे लगे, पेट में दर्द हो या फिर उल्टी हो तो सचेत हो जाएं। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। ऐसी स्थिति खतरनाक हो सकती है।

घर का खाना खिलाएं
डॉ। ओपी यादव ने बताया कि इस बार डेंगू और मलेरिया का प्रकोप नहीं आया है। यह अच्छी बात है। लेकिन अभी भी बच्चों को मच्छरों से बचाव करने की जरूरत है। बच्चों को बुखार से बचाने के लिए अपने आसपास मच्छरों को न पनपने दें। कूलर, गमलों में भरे हुए पानी को रोजाना साफ करें। अपनी नालियों में एक ढक्कन मिट्टïी का तेल डालें। इससे मच्छर का लार्वा नहीं पनपेगा। इसके साथ ही बच्चों को साफ पानी पिलाएं और बाहर का खाना न खिलाएं।
बुखार आने पर इन बातों का रखें ध्यान
- पांच दिन से ज्यादा बुखार होने पर जांच कराएं
- डॉक्टर से सलाह लें, उसी के अनुसार दवा दें
- तीन दिन तक पैरासीटामोल दें
- पैरासीटामोल से बुखार ने उतरने पर डॉक्टर को दिखाएं
- तेज बुखार होने पर सिर पर पट्टïी रखें।
-यदि बुखार पैरासीटामोल से नहीं उतर रहा है तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं
यह लक्षण आ रहे सामने
- खांसी
- गले में खराश
- तेज बुखार
- शरीर में दर्द
इन लक्षणों को देख हो जाएं सचेत
- तेज बुखार
- पेट में दर्द
- दौड़े आना
- सांस लेने में दिक्कत होना
मच्छरों को न पनपने दें
- अपने आसपास पानी का जमाव न होने दें
- कूलर, गमलों में पानी को रोजाना साफ करें
- नालियों में मिट्टïी का तेल डाल दें
- बच्चों को फुल स्लीव के कपड़े पहनाएं
- घर में मच्छर भगाने वाली कॉइल इत्यादि यूज करें।

इस वक्त बच्चों को गले में खराश के साथ बुखार हो रहा है। 80 परसेंट मरीज वायरल के ही आ रहे हैैं। लेकिन घबराएं नहीं, बुखार आने पर डॉक्टर को दिखाकर ही दवा दें।
- डॉ। ओपी यादव, सीनियर पीडियाट्रिशियन

बच्चों को बुखार आने पर पैरासीटामोल सीरप दें। यदि इससे बुखार न उतरे तो डॉक्टर को दिखाएं। बच्चों को साफ पानी पिलाएं। घर का ही खाना दें, पूरे कपड़े पहनाएं।
- डॉ। नीरज यादव, एचओडी, बाल रोग विभाग,एसएनएमसी

Posted By: Inextlive