वेंटीलेटर पड़े खराब, सुपर स्पेशियलिटी का दिखा रहे ख्वाब
मरीजों को हो रही परेशानी
एसएन की इमरजेंसी में गंभीर मरीजों को ट्राइज एरिया में भर्ती किया जाता है। यहां प्रारंभिक उपचार देने के बाद सघन चिकित्सा कक्ष (आइसीयू) और वार्ड में मरीज शिफ्ट किए जाते हैं। जिन मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है उनके लिए आठ वेंटीलेटर हैं। पिछले 15 दिन में एक के बाद एक सात वेंटीलेटर खराब हो चुके हैं। ट्राइज एरिया में एक ही वेंटीलेटर काम कर रहा है। खराब वेंटीलेटर पर नोट इन यूज की पर्ची चस्पा कर दी गई है। ऐसे में गंभीर मरीज भर्ती होने पर एंबू बैग (आक्सीजन लाइन से आक्सीजन देने के लिए हाथ से बैग दबाना) तीमारदार को दबाने के लिए दिया जा रहा है। तीमारदार को एंबू बैग दबाने का तरीका भी नहीं आता है, इससे मरीज को कभी आक्सीजन कम तो कभी ज्यादा मिलने लगती है। मरीज की तबीयत बिगडऩे पर नई सर्जरी बिङ्क्षल्डग स्थित आईसीयू में मरीज शिफ्ट करने पड़ रहे हैं।
ट्रॉमा सेंटर में दो वेंटीलेटर खराब
इमरजेंसी के प्रथम तल पर ट्रॉमा सेंटर है, इसमें सात बेड हैं। जिन मरीजों को वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखने की जरूरत है उन्हें एंबू बैग से कुछ देर आक्सीजन देने के बाद ट्रॉमा सेंटर में शिफ्ट किया जा रहा है। मगर, यहां भी सभी सात बेड पर वेंटीलेटर लगे हैं लेकिन दो वेंटीलेटर खराब हो गए हैं। यहां भी मरीजों को एंबू बैग से आक्सीजन देनी पड़ रही है।
एसएन में आगरा के साथ ही आसपास के जिलों के सरकारी अस्पताल और निजी अस्पतालों से गंभीर मरीज भर्ती हो रहे हैं। यहां 24 घंटे में 100 से अधिक मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। इसमें से 30 प्रतिशत मरीजों को आक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। इससे इमरजेंसी में आक्सीजन की मांग भी बढ़ गई है।
वेंटीलेटर में फिल्टर सहित अन्य सामान में गड़बड़ी होने पर उसे बदला जाता है। यह नियमित प्रक्रिया है। कंपनी से सर्वे कराया गया है। खराब वेंटीलेटर को बदलने का काम किया जा रहा है। मरीजों के लिए ट्रॉमा सेंटर के साथ ही आइसीयू में वेंटीलेटर की सुविधा है।
डा। प्रशांत गुप्ता, प्राचार्य एसएन मेडिकल कॉलेज