लुप्त होती कला भारत को करेगी प्रदर्शित, पांच हजार वर्ष पुरानी तकनीक से बन रहे फैब्रिक से बनी ड्रेस का होगा प्रदर्शन
आगरा(ब्यूरो)। आखिर, वह देश-विदेश में शो कर चुकीं अंतरराष्ट्रीय फैशन डिजाइनर ललिता चौधरी के संघर्ष, जिजीविषा और लुप्त होती कला रेजा को ङ्क्षजदा रखने का साक्षी जो बनेगा। ताज महोत्सव में रविवार शाम मुख्य आकर्षण वल्र्ड डिजाइङ्क्षनग फोरम द्वारा आयोजित कल्चरल फैशन शो होगा। इसमें रेजा व काले कपास से बने परिधानों को अंतरराष्ट्रीय फैशन डिजाइनर ललिता चौधरी के निर्देशन में मॉडल प्रस्तुत करेंगी। ललिता चौधरी ने बताया कि फैशन इंडस्ट्री में वह 17 वर्ष से काम कर रही हैं। रेजा पर वर्ष 2014 से काम करना शुरू किया। तभी उन्होंने इस फैब्रिक को जाना था। हड़प्पा सभ्यता के लोगों ने कपास की खेती और बुनाई सीखी थी। इसे वह प्राकृतिक ढंग से हल्दी, नील आदि से रंगते थे। 70 से 80 वर्ष पूर्व पहनावे में रेजा का प्रयोग बंद हो गया था। शोध के बाद उन्होंने रेजा और ब्राउन काटन (खाकी कपास) को पुनर्जीवित किया। इसके लिए हरियाणा सरकार ने वर्ष 2017 में उन्हें कलाश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया था। रेजा को खड्डी पर हाथ से बनाया जाता है। रोहतक जेल में बंदी, जेल के बाहर 50 महिलाएं और स्वयं सहायता समूह इसे तैयार करते हैं।कभी नहीं मानी हार
ललिता चौधरी ङ्क्षजदगी की अनेक बाधाओं से लड़कर आगे बढ़ रही हैं। वह तीन बार टीबी को मात दे चुकी हैं। 11 बार कैंसर के ऑपरेशन हो चुके हैं। उनके पति रङ्क्षवद्र भी कैंसर की चपेट में हैं। इटली के मिलान और अमेरिका के न्यूयार्क में वह शो में भाग ले चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके द्वारा निर्मित रेजा का स्टाल धारण कर चुके हैं। ललिता ने कहा कि आज वह जहां हैं, वहां तक पहुंचाने में उनके परिवार, मित्रों, शिक्षकों और बच्चों का बहुत योगदान है।शो में होंगी 10 थीमताजमहल: साड़ी व ब्लाउजनदी व घाट: घाघरा-भूरी कपास का ब्लेजरफतेहपुर सीकरी: क्रोचेट स्कर्ट व कंचुकीसांची स्तूप: शर्ट, बंडी व ट्राउजरशीशमहल: घाघरी, अंगिया, दुपट्टाअयोध्या: धोती-कुर्ता और हाफ वन साइडेड जैकेटबोधी ट्री: साड़ी व ब्लाउजकुंभ: धोती व शार्ट कुर्ता और अजरक ङ्क्षप्रट हाफ जैकेटकाशी विश्वनाथ: धोती व अंगवस्त्रकृष्णा: अनारकली व हरम।पांच हजार वर्ष पुरानी तकनीक से बन रहा रेजा
वल्र्ड डिजाइङ्क्षनग फोरम के सीईओ अंकुश अनामी ने बताया कि रेजा फैब्रिक हरियाणा की जेलों में पांच हजार वर्ष पुरानी तकनीक से बनाया जा रहा है। कच्छ के बुनकरों द्वारा तैयार काला कपास समेत कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक के परिधानों का प्रदर्शन मंच पर होगा। देश के विभिन्न प्रांतों के परिधानों संग एक साथ 80 मॉडल रैंप पर उतरेंगे। कच्छ के बुनकरों को प्रोत्साहित करने को नरेश शिजु मौजूद रहेंगे। परिधानों से देश के सामाजिक मुद्दों को प्रस्तुत किया जाएगा। शो स्टापर की भूमिका में पीसीएस रितु सुहास रहेंगी। दिल्ली की एसिड अटैक सर्वाइवर सोनिया चौधरी भी शो में भाग लेंगी।