दनादन दौड़ रहीं अनफिट एंबुलेंस
Agra। ताजनगरी में कुल 410 रजिस्टर्ड एंबुलेंस हैैं। इसमें प्राइवेट और सरकारी दोनों शामिल है। इसके अलावा शहर की सड़कों पर ऐसी एंबुलेंस भी दौड़ रही हैैं, जिनका डाटा उपलब्ध नहीं है। यह मरीजों को एक अस्तपाल से दूसरे अस्पताल ले जाने का काम करती हैैं। जबकि एंबुलेंस में मरीज को ले जाने के लिए फिट रहना जरूरी है। इसमें तय मानक पूरा न होने पर मरीज को नहीं ले जाया जा सकता है। एक एंबुलेंस में ड्राइवर के अतिरिक्त कुशल प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ का होना आवश्यक है। इसके साथ ही स्ट्रेचर, एडजस्टेबल सीट, ऑक्सीजन सिलिंडर, ड्रिप लगाने के लिए स्टैैंड फस्र्ट एड किट के साथ में मरीज का बीपी चेक करने, का प्राथमिक उपचार करने के लिए जरूरी टूल का होना भी जरूरी है।
राजस्थान की एंबुलेंस भी सक्रिय
ऑल यूपी एंबुलेंस एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष किशन वीर सिंह बताते हैैं कि आगरा में रजिस्टर्ड एंबुलेंस के अलावा कई बाहर की एंबुलेंस भी दौड़ रही हैैं। यह एंबुलेंस राजस्थान गैैंग की है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में किसी एक व्यक्ति के लिए भी एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कर दिया जाता है। जबकि यूपी में किसी हॉस्पिटल, डॉक्टर या संस्था के नाम ही एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन होता है। उन्होंने बताया कि आगरा से सटे राजस्थान के जिले धौलपुर, भरतपुर की एंबुलेंस आगरा में दौड़ती हैं। यह मानकों को पूरा नहीं करती हैैं। जो मरीजों की जान से खिलवाड़ करती हैैं।
अब तक एंबुलेंस की फिटनेस आरटीओ द्वारा छह एंगल से फोटो खींचकर और स्पीड गवर्नर, मीटर इत्यादि जांचकर की जाती थी। एंबुलेंस में बहुत बड़ा पार्ट मेडिकल इक्विपमेंट्स का होता है। इस कारण अब केवल आरटीओ के आधार पर ही एंबुलेंस का फिटनेस नहीं होगा। अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी एंबुलेंस को पहले एनओसी लेनी होगी। इसके बाद आरटीओ एंबुलेंस को फिटनेस सर्टिफिकेट देगा। हाल ही में किराया किया था निर्धारित
ऑल यूपी एंबुलेंस के जिलाध्यक्ष किशन वीर सिंह ने बताया कि मरीज की जान से खिलवाड़ न हो और उनके साथ को छल न हो इसके लिए उनकी संस्था काम करती है। हाल ही में संस्था द्वारा प्राइवेट एंबुलेंस के रेट भी तय किए गए थे। इसमें एएलएस एंबुलेंस के दिल्ली जाने का चार्ज 11 हजार रुपए और जयपुर जाने का चार्ज 12 हजार रुपए किया गया। बीएलएस एंबुलेंस का दिल्ली का रेट पांच हजार और जयपुर का रेट साढ़े पांच हजार रुपए रखा गया है।
विभाग द्वारा 132 एंबुलेंस को चिन्हित किया गया है। जो फिटनेस मानकों में खरी नहीं उतरी हैैं।
- केडी सिंह, आरटीओ प्रवर्तन
- डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ