मम्मा मैं स्कूल नहीं जाऊंगी वैन वाले अंकल मुझे टच करते हैं. छात्रा को करीब पांच साल से पिक और ड्रॉप करने वाले वैन ड्राइवर की नीयत छह महीने में बिगड़ गई. ड्राइवर बच्चों को उनके घर छोडऩे के बाद नौवीं की छात्रा को वैन में अकेला पाकर उससे छेड़छाड़ करने लगता.


आगरा(ब्यूरो)। रोज-रोज की हरकत से दहशत में आई छात्रा ने परिजनों को पूरी बात बताई। परिजनों ने चालक को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

इस तरह बढ़ गया चालक का दुस्साहस
शाहगंज में रहने वाली 14 वर्षीय छात्रा को वैन चालक निजामुद्दीन (55 वर्ष) करीब पांच साल से स्कूल लेकर जा रहा था। चालक की उम्र और बचपन से उसे ले जाने के चलते परिजनों को भी उस पर विश्वास था। छात्रा और उसके परिजनों ने पुलिस को बताया कि छह महीने से निजामुद्दीन के व्यवहार में बदलाव आ गया। रास्ते में वैन से सारे बच्चे उतर जाते थे। छात्रा को वह घर तक छोडऩे जाता, इस दौरान उससे छेड़छाड़ करता। छात्रा ने शुरू में उसकी हरकत पर गौर नहीं किया। इससे निजामुद्दीन का दुस्साहस बढ़ गया। वह उससे आए दिन छेड़छाड़ करने लगा। कई बार छात्रा ने विरोध भी किया लेकिन चालक ने अपनी हरकत बंद नहीं की।

परिजनों ने बताई चालक की करतूत
पीडि़त छात्रा ने सोमवार को चालक की हरकत की जानकारी दी तो परिजनों के होश उड़ गए। प्रभारी निरीक्षक आलोक कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि आरोपी वैन चालक निजामुद्द़ीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उसे गिरफ्तार कर लिया है। छानबीन में पता चला है कि वैन चालक निजामुद्दीन तीन शादी कर चुका है। उसके छह बच्चे हैं। जानकारी होने पर चालक पक्ष के कुछ लोग थाने पहुंचे। पुलिस ने जब उसकी करतूतें बताईं तो उनकी बोलती बंद हो गई।

किशोरी के व्यवहार में आया बदलाव
चालक की हरकत के चलते छात्रा तनाव में रहने लगी। वह गुमसुम रहने लगी थी। स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ गया था। वैन में उसके साथ जो हो रहा था, वह समझ नहीं पा रही थी कि उसे कैसे बताए। परिजनों को उसके व्यवहार में बदलाव तो नजर आया लेकिन उन्होंने अपनी बेटी से पूछने की कोशिश नहीं की, मानसिक तनाव के कारण किशोरी ने खाना पीना छोड़ दिया।

क्यों नहीं हो रहा चालकों का वैरीफिकेशन
स्कूली बच्चों को ले जाने वाले अधिकांश वैन चालक बिना वैरीफिकेशन के दौड़ रहे हैं। जबकि उनकी क्राइम हिस्ट्री का वैरीफिकेशन होना चाहिए। बड़ी संख्या में छात्रा-छात्राएं वैन से स्कूल आते-जाते हैं। वहीं अधिकर वैन चालकों ने मानक तक पूरे नहीं किए हैं, ऐसे आरटीओ और पुलिस विभाग की लापरवाही से बड़ी घटना हो सकती है।

बच्चों को बताएं, वे खुल कर बोलें
एंटी रोमियो प्रभारी डॉ। रंजना गुप्ता कहती हैं कि अपने बच्चों को जरूर बताएं कि गुड टच और बैड टच में क्या अंतर है। ताकि वह अपने साथ इस तरह की किसी घटना के घटित होने पर इसके बारे में परिजनों को बता सकें। वे अपने साथ हो रहे व्यवहार की जानकारी भी परिजनों के साथ परिवार के दूसरे सदस्यों को शेयर कर सकें।

छह महीने से कर रहा था परेशान
आरोपी वैन चालक छात्रों को पिछले छह महीने से परेशान कर रहा था, छात्रा जब स्कूल जाती तो कई बार उसने परिजनों को बताने की कोशिश की, लेकिन डर से चुप रही। वैन चालक स्कूल से बच्चों को लेने के बाद आखिर में बच्ची को उसके घर छोड़ता था, इस बीच वो उससे छेड़छाड़ करता था, छात्रा ने कई बार चालक को जबाव दिया, लेकिन हालत जस की तस बनी रही।

तीन शादी कर चुका है, छह बच्चों का है बाप
पुलिस ने आरोपी को जब हिरासत में लिया तो उसके परिजनों से पूछताछ की गई, तब पुलिस को पता चला कि आरोपी तीन शादियां कर चुका है और छह बच्चों का बाप भी है। इसके बाद भी आरोपी द्वारा इस तरह की हरकत की गईं, थाने पर शिफारिस के लिए पहुंचे परिजनों भी घटना की जानकारी के बाद शर्मसार हो गए।

बच्चों से करें कम्यूनिकेशन
-बच्चों से पूछें कि बस चालक ने कुछ कहा तो नहीं।
-वह शौचालय जाती हैं तो वहां तुम्हारे साथ कौन होता है?
-बच्चे के व्यवहार में किसी प्रकार का बदलाव दिखाई दे उससे बात जरूर करें।
-अजनबी लोगों के साथ कहीं भी न जाएं, न ही उनकी दी हुई कोई चीज लें।
-बच्चों में आत्मविश्वास जगाएं कि अगर आप सही हो तो किसी से डरने की जरूरत नहीं है।


स्कूल वैन मेें बच्ची से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को अरेस्ट किया गया है, उससे पूछताछ की जा रही है। परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
सूरज राय, डीसीपी, नगर जोन

Posted By: Inextlive