भारत हमारी शान है, तिरंगा हमारी जान है से गूंजा स्मारक
- मुस्लिम समाज ने अमन चैन की मांगी दुआ
- राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन आगरा। कासगंज की घटना को धार्मिक उन्माद का रंग देने वालों को सोमवार को करारा जवाब आगरा के मुस्लिम समाज ने दिया। बढ़ चढ़कर समाज के लोग तिरंगा यात्रा निकालने के लिए पहुंचे। इस दौरान हिंदुस्तान जिंदाबाद, तिरंगा हमारी शान है, उसमें जान कुर्बान है। जैसे जमकर नारे लगे। ये धर्म के नाम पर दंगा भड़काने वालों को जवाब था। इस मौके पर राष्ट्रपति के नाम पर 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा गया। अमन-चैन की मांगी दुआसंरचना विकास समिति के बैनर तले मुस्लिम समाज के लोगों ने तिरंगा यात्रा शहीद स्मारक पार्क से कलेक्ट्रेट तक निकालने का निर्णय लिया था। तय कार्यक्रम के अनुसार समाज के पुरुष और महिलाएं शहीद स्मारक पार्क में सोमवार को एकत्र होने लगे। इस दौरान कानून व्यवस्था के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। प्रशासन ने तिरंगा यात्रा निकालने से मना किया, तो स्मारक में ही यात्रा का स्वरूप दिखा। मौजूद लोगों ने देश के अमन चैन के लिए दुआ मांगी।
14 सूत्रीय ज्ञापन सौंपाउन्होंने कहा कि भारत की आजादी से लेकर देश की तरक्की में आज तक मुस्लिम समाज ने हर हिंदुस्तानी तरह पूरा योगदान दिया है। हिंदुस्तान पर कोई कष्ट आया, तो जान कुर्बान कर दी। हिंदुस्तान पर हमारा भी उतना ही हक है, जितना अन्य नागरिकों का है। इसके साथ ही मौजूद लोग हिंदुस्तान जिंदाबाद, भारत हमारी शान है, तिरंगा हमारी आन है और उसमें कुर्बान हमारी जान है के नारे लगाने लगे। इन गगनभेदी नारों से स्मारक गूंज उठा। मौजूद अधिकारियों ने यात्रा निकालने नहीं दी। इस दौरान शबाना खंडेलवाल ने मौजूद अधिकारियों को 14 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
प्रमुखता से उठाए यह बिंदु - हिंदुस्तानी मुस्लिम समाज को सरकार पूर्ण सुरक्षा के इंतजाम करे। - मदरसों और दारूल उलूम की हिफाजत की जिम्मेदारी सरकार ले। - मस्जिदों की हिफाजत का पुख्ता इंतजाम हों। - वंदे मातरम् के नाम पर उत्पीड़न बंद हो। - गौकशी के नाम पर झूठे मुकदमों में निर्दोष मुस्लिमों को न फंसाया जाए। - लवजेहाद के नाम पर उत्पीड़न बंद हो। - मुस्लिमों के दो स्थान पाकिस्तान या कब्रिस्तान जैसे नारों को अपराध की श्रेणी में लाया जाए। - सरकारी नौकरियों में मुस्लिम की भागीदारी बढ़ाई जाए। - इस्लाम धर्म में जो बातें जायज नहीं, उन्हें करने के लिए मजबूर नहीं किया जाए। - धर्म और मजहब को सियासत से दूर रखा जाए।- इस्लाम में जायज बातों को बदलने के लिए मजबूर नहीं किया जाए।
- झूठे मुकदमों में बंद मुस्लिम की जांच करके रिहा किया जाए। - कासगंज प्रकरण की न्यायिक जांच हो - कासगंज प्रकरण में चंदन गुप्ता की हत्या पर परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए।