ये दवा ले लेगी जान
धूल फांकते मिले 'मानकÓ
बुधवार को पुलिस ने सिकंदरा स्थित फैक्ट्री पर छापा मारा तो वहां व्याप्त गंदगी और अव्यवस्थाओं को देख अधिकारी हैरान थे। मल्टी विटामिन सिरप बनाने में जिन रसायन, पाउडर और एसेंस का प्रयोग किया जाता है। उनके डिब्बों पर गंदगी और धूल जमा हुई थी। पुलिस और ड्रग डिपार्टमेंट, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के अधिकारियों को फैक्ट्री परिसर में मानक धूल फांकते मिले। इंडस्ट्रियल एरिया रोड से 20 मीटर अंदर फैक्ट्री चल रही है। बाहर दुकानें बनी हुई हैं। उनके बराबर में तीन फीट का रास्ता है, जिसमें होकर फैक्ट्री का रास्ता जाता है। बाहर से देखने पर अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि वहां पर कोई फैक्ट्री चल रही है। फैक्ट्री के पीछे वाले हिस्से में बडा सा आंगन है, इसमें आठ कमरे बने हुए हैं, इसमें पांच किराएदार रहते हैं। जो फैक्ट्रियों में काम करते हैं। फैक्ट्री का पिछला दरवाजा जिस ओर खुलता है, उसके बराबर में भैसों का तबेला है। एक्सपायरी सिरप पर री लेबलिंग
ड्रग डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने फैक्ट्री में एक्सपायरी कफ सिरप और मल्टी विटामिन सिरप पर री लेबलिंग करके बाजार में बेचा जा रहा है। एसीपी मयंक तिवारी को फैक्ट्री संचालक मनीष गुप्ता ने बताया कि वह फव्वारा से एक्सपायरी माल लेकर आता था। कुछ माल वह बाहर से मंगाता था। जिनसे वह री लेबलिंग करके मल्टी विटामिन सिरप तैयार करता था। यह सिरप वह बिचपुरी और फव्वारा में कुछ पार्टियों को देता था। पुलिस के अनुसार मल्टी विटामिन बनाने में जिन एसेंस, पाउडर आदि रखा था, उन डिब्बों पर एक्सपायरी नहीं थी। इसके अलावा नामचीन कंपनियों एक ही बैच और बार कोड की हजारों कप सिरप भी टीम को फैक्ट्री से बरामद हुए। अवैध धंधा करने वाले कंपनी से 10 कफ सिरप खरीदते हैं, इन कफ सिरप के बैच नंबर और बार कोड का इस्तेमाल कर दस हजार नकली कफ सिरप बाजार में खपा रहे हैं। कंपनी का बार कोड और बैच नंबर होने से नकली की पहचान मुश्किल हो जाती है। विदेशों में है सप्लाई
गत 8 जुलाई को एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और और औषधि विभाग की टीम ने बिचपुरी और सिकंदरा क्षेत्र में दो दवा फैक्ट्री पर छापा मारा था। यहां से टीम ने एबाट कंपनी के कफ सिरप फेंसेडिल सहित सात तरह के कफ सिरप जब्त किए थे। सहायक आयुक्त औषधि अतुल कुमार उपाध्याय ने बताया कि जांच में सामने आया है कि जब्त किए गए कफ सिरप पर बैच नंबर और बार कोड नामचीन कंपनियों के निकले। बार कोड को स्कैन करने पर कफ सिरप के निर्माण में इस्तेमाल किए गए साल्ट सहित अन्य ब्यौरा आ गया। फैक्ट्री से पांच कंपनियों के छह बैच नंबर के छह हजार कफ सिरप जब्त किए गए थे। पूछताछ में सामने आया है स्टाकिस्ट से नामचीन कंपनियों के कफ सिरप खरीदे जाते थे। इस तरह बनाते नकली कफ सिरप सिरप बनाने के लिए चीनी से शीरा बनाया जाता था। इसमें सोडियम स्टार्च ग्लाइको, फार्मास्युटिकल एक्सीपिएंट मिलाया जाता था। इसमें नशे के लिए कोडीन भी मिलाई जाती थी। फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में अल्प्राजोलम, नारंगी पाउडर, माइक्रो क्रिस्टालाइन सेलुलोज, एल्युमिनियिम फाइल पैङ्क्षकग, पाइराजोनिक सिलिका, टेलकम पाउडर, सोडियम स्टार्च ग्लाइको, लेक्टोसमोनो हाईड्रेड, ड्राईसाइक्लोनिन हाहड्रो क्लोराइड भी जब्त किया गया था। बता दें कि पश्चिम बंगाल और राजस्थान में कफ सिरप पर रोक के बाद माफिया कई गुना कीमत वसूलकर यहां सप्लाई दे रहे हैं। इन ब्रांड नेम के नकली कफ सिरप जब्त फेंसेडिल, कोडिस्टार, कफकेयर, आनरेक्स, ओसीरेक्स
11 राज्यों के साथ-साथ पाकिस्तान और बांगलादेश में भी सप्लाई: दो फैक्ट्रियों में बनाए जा रहे नकली कफ सिरप दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल समेत 11 राज्यों के अलावा पाकिस्तान और बांगलादेश भी भेजे जाते थे। फैक्ट्री कर्मचारियों ने पूछताछ में इस बात की जानकारी दी थी। ---जिन कंपनियों के कफ सिरप जब्त किए गए हैं उन कंपनियों को सूचना देने के साथ ही बैच नंबर और बार कोड उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे आगे की जांच में मदद मिलेगी। अतुल कुमार उपाध्याय, सहायक आयुक्त औषधि---10 माफिया की बनेगी लिस्ट एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स आगरा कमिश्नरेट समेत आठ जिलों में नकली, नशीली दवाओं और एनडीपीएस एक्ट के 10 शीर्ष अपराधियों की सूची तैयार कर रही है। सीओ एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स इरफान नासिर खान ने बताया कि 10 शीर्ष में ड्रग माफिया के रूप में चिह्नित आरोपियों को भी शामिल किया जाएगा। यह सूची शासन और पुलिस मुख्यालय को भेजी जाएगी।