आईपीएल में सट्टेबाजी के शक में थर्ड डिग्री, सदमे में पत्नी ने की आत्महत्या
आगरा(ब्यूरो)। हंगामे की सूचना पर अफसर खेरागढ़ समेत कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला शांत करवाया। इसके बाद पुलिस आयुक्त डॉ। प्रीतिंदर सिंह ने 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
पत्नी के सुसाइड के बाद पति को थाने से छोड़ापूरा मामला थाना जगनेर इलाके के नौनी गांव का है। ग्रामीणों के अनुसार सोमवार को जगनेर पुलिस मनोज को आईपीएल सट्टा खेलने के शक में उठाकर ले गई थी। इसकी जानकारी परिजनों को हुई। इससे नाराज होकर सोमवार की आधी रात को मनोज की 40 वर्षीय पत्नी अनीता ने सल्फास की गोलियां खा लीं। परिजन अनीता को आनन-फानन में अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पत्नी के सुसाइड के बाद मंगलवार सुबह में पुलिस ने मनोज को भी छोड़ दिया।
थाने पर परिजनों ने किया हंगामा
मंगलवार सुबह ग्रामीणों को अनीता के खुदकुशी करने की जानकारी मिली, तो माहौल गर्म हो गया। ग्रामीण और परिजन गुस्से में थाने पर पहुंचकर हंगामा कर दिया। परिजन आरोपी सिपाहियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए। इसके बाद अधिकारियों ने थाने पहुंचकर मामला शांत करवाया। परिजनों का आरोप है कि गांव के एक युवक ने मनोज से 20 हजार रुपए उधार लिया था। पैसा नहीं चुका पा रहा था, इसलिए उसने मनोज को उठवा लिया।
मनोज ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने आईपील सट्टा खेलने के लिए कहा। मैंने मना किया, तो चौकी पर ले जाकर बुरी तरह से पीटा। साथ ही मुझे थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया। पुलिसकर्मियों ने डरा धमकाकर सट्टा खेलने की बात कबूल करने वाली वीडियो भी बनवाई। आज सुबह पुलिसकर्मियों ने पत्नी की मौत की जानकारी दी। इसके बाद मुझे छोड़ दिया।
घटना मनोज की कहानी उसकी जुबानी
मनोज ने कहा कि एक अनजान फोन पर मैंने क्या कहा, इसको मेरे खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा था। पुलिस ने आखिरकार मुझे छोड़ ही दिया। मुझे कॉल आया कि सट्टा खेल ले, मैंने मजाक में कह दिया खेल लो पीडि़त मनोज का कहना है, वो नौनी कोल्ड स्टोरेज पर काम करता है। सोमवार रात करीब 8 बजे काम से घर पर लौटा था। तभी किसी अज्ञात नंबर से मेरे पास फोन आया। फोन पर कॉलर ने सट्टा खेलने की बात कही। मैंने समझा कि कोई मजाक कर रहा है, तो मैंने मजाक में ही बोल दिया कि ठीक है, जाकर खेल लो। इस पर कॉलर ने कहा कि 10 हजार रुपए ले लो और चौराहे पर आ जाओ लेकिन मैंने मना कर दिया। फिर से 2 बार फोन आया था। तभी 5 मिनट बाद मेरे पास रवि पचौरी का फोन आया। उसने मुझसे 20 हजार रुपए उधार लिए थे। फोन पर बोला कि रैना देवी मंदिर पर आ जाओ और अपने रुपए ले जाओ। मैं अपने बड़े बेटे को साथ लेकर बाइक से चला गया। वहां पर गिट्टी और ऊबड़ खाबड़ रास्ता था, इसलिए बेटे को पहले ही उतार दिया। इसके बाद पैदल ही मंदिर तक गया। देखा तो वहां पहले से कुछ लोग मौजूद थे। तीन पुलिस कर्मी सिविल में थे। इन लोगों ने मुझे पकड़कर गाड़ी में बैठाया और सरेंधी चौराहे पर लेकर गए। वहां पर ले जाकर 2 लाख रुपए मांगे। मैंने पैसा देने से मना किया, तो तीन साल के लिए जेल भेजने की धमकी भी दी।
प्रीतिंदर सिंह, पुलिस कमिश्नर आगरा