'गे्रेटर आगराÓ की टेंशन नहीं हुई दूर
नहीं बन सका थीम पार्क
एत्मादपुर तहसील की रायपुर एवं रहनकलां स्थित 938.89 हेक्टेयर भूमि वर्ष 2009 में एडीए ने लैंड पार्सल योजना (ग्रेटर आगरा) के लिए अधिगृहीत की थी। इसमें 88.89 हेक्टेयर भूमि इनर ङ्क्षरग रोड, 232.95 हेक्टेयर भूमि थीम पार्क और 4.97 हेक्टेयर भूमि टोल प्लाजा के लिए उपयोग में ली जा चुकी है। थीम पार्क को अधिगृहीत भूमि उप्र राज्य एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को हस्तांतरित की गई थी। थीम पार्क का निर्माण नहीं हो सका है।
612 हेक्टेयर का दिया जाना है मुआवजा
612 हेक्टेयर भूमि का मुआवजा किसानों को दिया जाना है, लेकिन बजट के अभाव में एडीए मुआवजा वितरित नहीं कर सका है। किसान वर्ष 2014 में रहनकलां व रायपुर में अधिगृहीत की गई भूमि की दर से मुआवजा मांग रहे हैं। उस समय रहनकलां में 1057 रुपए और सड़क किनारे की भूमि का 1902 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया गया था। रायपुर में 845 रुपए और सड़क किनारे का भूमि का 1268 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया गया था।
नए प्रावधान से काफी अंतर
नवीन अधिनियम, 2013 के प्रावधान के अनुसार शेष भूमि का अवार्ड करने पर रहनकलां में 690 रुपए और रायपुर में 517 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने निर्धारित किया था। वर्ष 2014 में दिए गए मुआवजे और नवीन अधिनियम की दरों में काफी अंतर है, जिससे किसान वर्ष 2014 की दर से मुआवजा मांग रहे हैं। समिति ने नवीन अधिनियम के अनुसार निर्धारित दरों से किसानों को मुआवजा दिए जाने को उचित नहीं माना था। एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ ने बताया कि यह प्रकरण पुराना और वित्तीय भार से संबंधित है। विशेष सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को रिपोर्ट भेजकर दिशा-निर्देश मांगे गए हैं।
एडीए ने 31 मार्च, 2021 को शासन को भेजे पत्र में भूमि का मुआवजा वितरित करने को 513.35 करोड़ रुपए की मांग की थी। अब विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने 616 करोड़ रुपए की मांग भूमि का मुआवजा वितरित करने को की है। मुआवजा वितरण में विलंब के चलते धनराशि बढ़ती जा रही है। 15 प्रतिशत की दर से ब्याज का अधिभार एडीए पर बढ़ता जा रहा है। कहां कितनी भूमि का देना है मुआवजा
-रहनकलां, 197.50 हेक्टेयर
-रायपुर, 244.93 हेक्टेयर
-एत्मादपुर मदपरा, 124.41 हेक्टेयर
-बुढ़ाना, 45.22 हेक्टेयर
यह प्रकरण पुराना और वित्तीय भार से संबंधित है। विशेष सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को रिपोर्ट भेजकर दिशा-निर्देश मांगे गए हैं।
चर्चित गौड़, उपाध्यक्ष, एडीए