.आगरा. ब्यूरो क्या केवल 5 मिनट की देर के लिए कोई जान का रिस्क ले सकता है? इस सवाल को जितने लोगों से पूछा जाएगा उनका जवाब न ही आएगा. लेकिन क्या प्रैक्टिकली ऐसा होता है. इस का जवाब भी न ही है. यहां पर बात की जा रही है वाहनों की स्पीड और उससे होने वाले खतरों को लेकर हाल ही में एक महीने के आंकड़ों में सबसे अधिक चालान तेज स्पीड को लेकर किए गए हैं. इससे वाहन चलाने वाले को सीधा जान का खतरा है. जैसे-जैसे आपका पैर एक्सिलरेटर पर दबेगा वैसे जिंदगी की संभावनाओं पर ब्रेक लगते दिखेगा. हादसों को ध्यान में रख मंगलवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने तेज स्पीड को लेकर रियल्टी चेक किया. इसमें तेज स्पीड और सामान्य स्पीड में 5 मिनट का डिस्टेंस सामने आया है.

एक महीने में 6500 चालान
ट्रैफिक पुलिस ने मई के महीने में सबसे अधिक चालान तेज स्पीड वाहनों पर 6500 चालान किए गए। जिसमें 19 चालान स्टंट करने वालों पर किए गए हैं। बिना हेलमेट वाहन चलाने पर पुलिस ने 17697 चालान किए गए। सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 1666 चालान किए गए। सबसे अधिक चालन तेज स्पीड के हैं। गलत दिशा में वाहन चलाने पर 410 चालान किए हैं।


इस स्पीड से मौत की संभावना कम
तेज स्पीड वाहन चलाने वाले अक्सर अपने गन्तव्य पर जल्दी पहुंचने के लिए रिस्क लेते हैं। लेकिन एक छोटी कैल्कुलेशन ने इस पूरे मामले को आसानी से समझा जा सकता है। अगर, आप हाईवे पर 80 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं तो 25 किमी का सफर पूरा करने में करीब 12 मिनट का समय लगेगा। इस दौरान हादसा होने पर मौत की संभावना लगभग नहीं होती है। यही स्पीड जब 136 किमी प्रति घंटे की होगी तो आप 25 किलो मीटर की दूरी तक पहुंचने में आपको 7.20 मिनट का समय लगेगा, इस दौरान आपने 4.56 मिनट तो बचाए, लेकिन हादसा होने पर मौत की पूरी संभावना है।

तेज स्पीड पर टकराव की संभावना अधिक
स्पीड और मौत की संभावना का सीधा कारण है अगर आप तेज स्पीड से वाहन चला रहे हैं तो दुर्घटना की अधिक आसार हैं। आसान भाषा में इसे समझें तो जब आपकी स्पीड ज्यादा होगी और किसी भी टकराव या हादसे की स्थिति में आपके रिएक्शन और उसके इंप्लीमेंटेशन में जितना समय लगेगा उतनी ही रफ्तार से गाड़ी दुर्घटना की तरफ बढ़ रही होगी। तेज स्पीड से जान का खतरा बना रहता है।

टकराने पर बच सकती है जान
खासी टेक्नोलॉजी से लैस गाडिय़ों में भी मोमेंटम होता है और उन्हें रुकने के लिए एक उचित दूरी की व समय की जरूरत होती है। जब आपकी रफ्तार 80 किमी। प्रति घंटा होगी तो बड़े झटके आपकी कार की बीम और बॉडी सह लेंगे और आपको रुकने के लिए कम दूरी और समय लगेगा। लेकिन जब ये रफ्तार 130 किमी प्रति घंटे के ऊपर होगी तो गाड़ी को रोकने के लिए 10 से 12 मीटर की जगह लगेगी साथ ही आपको हादसे से बचने के लिए सोचने का समय काफी समय मिलेगा। इससे जान बच सकती है। वहीं इस स्पीड में अगर वाहन किसी भी चीज से टकराती है तो न बीम्स बचा सकेंगे न ही कोई और सेफ्टी उपकरण। इससे जान का खतरा रहता है।

-ट्रैफिक पुलिस ने मई के महीने किए चालान
6500 चालान
-स्टंट करने वाले वाहनों पर किए चालान
19 चालान

-बिना हेलमेट के किए गए चालान
17697 चालान
-बिना सीट बेल्ट के किए गए चालान
1666
-गलत दिशा में वाहन चलाने पर
410


रोड पर तेज स्पीड से वाहन चलाने वाले खुद के लिए खतरा हैं, लेकिन दूसरों की जान से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे मेें पुलिस को उनके लाइसेंस निरस्त करने चाहिए।
संजीव सेठ


हाईवे पर सर्विस रोड पर तेज स्पीड से वाहन चलाने वाले अक्सर दुर्घटना का कारण बनते हैं, ऐसे वाहन चालकों पर कार्रवाई करनी होगी ताकि दूसरों को सबक मिल सके।
नितिन नागरानी


तेज स्पीड वाहन चालकोंं पर कार्रवाई करने के लिए ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग को संयुक्त रूप से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
नवनीत सिंह चहल, जिलाधिकारी

Posted By: Inextlive