दरोगा भर्ती में चयनित चला रहा था सॉल्वर गैंग
असली अभ्यर्थी के स्थान पर देता था पेपर
पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सदाकांत और उसका भाई ओमप्रकाश लोगों से नौकरी लगवाने का ठेका लेकर रुपए ले रहे थे। सौदा तय होने के बाद आशीष असली अभ्यर्थी के स्थान पर पेपर देने जाता था। इस पूरे खेल में जो भी शामिल होता था। उसका हिस्सा उसे मिल जाता था। लोगों से नौकरी लगवाने का ठेका सौदबाजी करने के बाद सदाकांत और उसका भाई लेता था। इसको लेकर एग्जाम देने वाले प्रतियोगी से पहले ही बात कर ली जाती थी। रकम का कुछ भाग एडवांस में भी लिया जाता था।
जीडी की परीक्षा में बैठने की थी प्लानिंग
डिप्टी पुलिस कमिश्नर विकास कुमार ने बताया कि पुलिस को एक सूचना मिली कि गैंग का मुख्य मास्टर माइंड सदस्य आशीष को एसएससी जीडी की परीक्षा में फिरोजाबाद के रहने वाले अंकुश के स्थान पर शामिल करने की प्लानिंग बना रहे है। इसके लिए फर्जी एडमिट कार्ड तैयार कर चुके है। पुलिस टीम ने मौके पर छापा मारा। मौके से सॉल्वर गैंग में शामिल अंकुश, सदाकांत और आशीष को गिरफ्तार कर लिया। वहीं बरामद दस्तावेजों की जब जांच की गई तो वो फर्जी पाए गए।
मिलता जुलता फर्जी फोटो करते थे तैयार
पुलिस उपायुक्त आगरा पूर्वी ने बताया कि सौदा तय होने के बाद गिरोह के सदस्य असली अभ्यर्थी के एडमिट कार्ड से मिलता-जुलता फर्जी आईकार्ड तैयार करते थे। इसके बाद ही फर्जीवाड़ा करते थे।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि गिरोह में शामिल पुरुषोत्तम, राहुल और ओमप्रकाश फरार है। पुलिस तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में लगी हुई है। गिरोह का सरगना सदाकांत का भाई ओमप्रकाश है। ओम प्रकाश ही इस पूरे गैंग को ऑपरेट कर रहा था। दरोगा बनने से पहले जेल जाने वाला आशीष बलिया जनपद का रहने वाला है। आशीष सॉल्वर गैंग के साथ मिलकर कम समय मे ज्यादा रकम कमाना चाहता था। सॉल्वर गैंग से बरामदगी
-कब्जे से 11 आधार कार्ड
-2 एडमिट कार्ड
-तीन मोबाइल फोन
-2300 रुपए नगद
-एक सेंट्रो कार बरामद
सॉल्वर गैंग के तीन आरोपियों को पकड़ा गया है, उनके तीन साथियों की तलाश की जा रही है। पकड़ा गया गैंग एसएससी जीडी के एग्जाम में मुख्य परीक्षार्थी के स्थान पर बैठकर पेपर सॉल्व करता था, इसके एवज में मोटी रकम लेते थे, जो आपस मेें बांट लिया करते थे।
विकास कुमार, डिप्टी पुलिस कमिश्नर
आरोपियों की कहानी, उनकी जुवानी
आरोपी1
एग्जाम पास कराने के मांगे थे 2 लाख
आरोपी अंकुश ने पुलिस को बताया कि सोमवार को एसएससी जीडी की लिखित परीक्षा मेें जिसका केन्द्र आगरा में था, परीक्षा में बैठने के लिए सदाकांत ने मुझ से 2 लाख रुपए लिए थे, मेरे मूल प्रमाण पत्र भी लिए गए। लेकिन परीक्षा में चेकिंग के चलते सॉल्वर परीक्षा नहीं दे सका।
पेपर सॉल्व के मिलते थे 50 हजार रुपए
आरोपी आषीश ने पुलिस टीम को बताया कि वो परीक्षार्थी के स्थान पर बैठकर पेपर को सॉल्व करता है। इस कार्य के लिए सदाकांत मुझे 50 हजार रुपए देता था। आरोपी3
मिलकर शिकार तलाशता था गैंग
आरोपी सदाकांत ने बताया कि वो एसएससी जीडी के एग्जाम या अन्य किसी परीक्षा में वो और उसका भाई पुरुषोत्तम, दोस्त राहुल यादव प्रतियोगी परीक्षार्थियों से पैसे लेकर फर्जी तरीके से दस्तावेजों में हेरा-फेरी कर सॉल्वर को परीक्षा में बैठाते थे।