आगरा. कैंसर के मरीज देश में तेजी से बढ़ रहे है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर के अनुसार देश में 13.92 लाख कैंसर के मरीज सामने आए थे. 2021 में यह संख्या बढ़कर 14.26 लाख हो गई और 2022 में यह संख्या 14.61 लाख हो गई. आईसीएमआर के अनुसार 2025 तक देश में कैंसर मरीजों की संख्या 20 लाख के करीब पहुंचने की आशंका जताई है. आगरा के आईटीसी मुगल शेरेटन होटल में इंडियन एसोसिएशन ऑफ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी द्वारा आयोजित मिडकॉन-2023 में देशभर से आए कैंसर सर्जन ने कैंसर को रोकने व उसके उपचार के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा कि यदि सजगता बरती जाए तो कैंसर होने के खतरे को टाला जा सकता है.

दस परसेंट कैंसर का कारण जेनेटिक
कैंसर सर्जन डॉ। नरेंद्र देव ने कहा कि ज्यादातर कैंसर एनवायरमेंटल कारणों से होते हैैं। केवल दस परसेंट कैंसर ही जेनेटिक कारणों से होते हैं। यदि ध्यान रखा जाए तो कैंसर होने का खतरा टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि शुरूआत से ही ध्यान दिया जाए तो ब्रेस्ट कैंसर, मुंह के कैंसर, सवाइकल कैंसर, गॉल ब्लैडर जैसे अन्य कैंसर को रोका जा सकता है।

करते रहें स्क्रीनिंग
डॉ। नरेंद्र देव ने कहा कि सर्वाकल कैंसर हयूमन पैपिलोमा वायरस(एचपीवी) के कारण होता है। इससे योनि और वुल्वर कैंसर होने का भी खतरा रहता है। इसके लिए बच्चियों के किशोरावस्था में ही एचपीवी वैक्सीन लगाने से सर्वाइकल कैंसर होने के खतरे को रोका जा सकता है। 15 से 16 साल की उम्र के बीच में इसकी तीन वैक्सीन लगाई जाती हैं। इसके बाद में लगातार स्क्रीनिंग करते रहने से इससे बचा जा सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर से ऐसे करें बचाव
डॉ। नरेंद्र देव ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को भी टाला जा सकता है। कभी-कभी किशोरावस्था में माहवारी के दौरान भी स्तन में गांठ होने की समस्या हो जाती है। महिलाएं शारीरिक तौर पर एक्टिव रहकर भी ब्रेस्ट से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर का जितना जल्दी पता चल जाए, उतना ही उसके ठीक होने के आसार बढ़ते हैं। महिलाएं पीरियड्स के सातवें दिन सेल्फ एग्जामिनेशन करें। 20 साल की उम्र से हर महीने सेल्फ एग्जामिनेशन और 40 साल बाद सालाना रुटीन चेकअप - मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड आदि करवाएं। पहली स्टेज पर ही पता चल जाए तो मरीज 100 फीसदी ठीक हो जाता है।

गॉल ब्लडर कैंसर से ऐसे बचें
डॉ। नरेंद्र ने कहा कि हमारे देश में गॉल ब्लडर में स्टोन के काफी मामले आते हैैं। खासकर गंगा और यमुना बेल्ट में ऐसे मामले ज्यादा देखने को मिलते हैैं। कभी-कभी गॉल ब्लडर में स्टोन होने के कारण यह कैंसर में भी बदल जाता है। क्योंकि कुछ लोगों को स्टोन होने पर दर्द होता है। लेकिन कुछ लोगों को कोई लक्षण सामने नहीं आते हैैं। इस सूरत में स्थिति खतरनाक साबित होती है। यह बाद में कैंसर बन जाता है। इसलिए 30 साल के बाद समय-समय पर अपने पेट का अल्ट्रासाउंड कराते रहें तो गॉल ब्लडर के कैंसर से बचा जा सकता है।

लाइफस्टाइल को सुधारें
डॉ। संदीप अग्रवाल ने कहा कि यदि लाइफस्टाइल और खाने-पीने को सही रखा जाए तो कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। स्मोकिंग न की जाए, शराब के सेवन से बचा जाए। खाने-पीने को समय से खाया जाए तो कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही ज्यादा समय तक खांसी होने या सीने में दर्द होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
समय-समय पर एक्स-रे भी कराएं.
कॉन्फ्रेंस का हो गया समापन
मिडकॉन-2023 के ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ। संदीप अग्रवाल ने बताया कि तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस का रविवार को समापन हो गया। कॉन्फ्रेंस में कैंसर सर्जरी में ऑर्गन के रिकंस्ट्रक्शन को लेकर वर्कशॉप आयोजित हुई। इसमें ब्रेस्ट और मुंह के जबड़े के रिकंस्ट्रक्शन को लेकर चर्चा हुई। इसके अलावा अलग-अलग विधियों के द्वारा कैंसर की पहचान करने को लेकर भी चर्चा हुई। बढ़ते लंग्स, हेड एंड नेक, इंटेस्टाइन कैंसर आदि पर मुंबई, गुजरात, दिल्ली व एम्स से आए कैंसर सर्जन ने चर्चा की।
यदि सजगता बरती जाए तो कई प्रकार के कैंसर से बचाव किया जा सकता है। लाइफस्टाइल को ठीक रखें और किसी की फैमिली में हिस्ट्री है तो सजगता बरतने से कैंसर होने से रोका जा सकता है।
- डॉ। नरेंद्र देव, कैंसर सर्जन
लाइफस्टाइल और खाने-पीने को सही रखा जाए तो कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। स्मोकिंग न की जाए, शराब के सेवन से बचा जाए। खाने-पीने को समय से खाया जाए तो कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
- डॉ। संदीप अग्रवाल, कैंसर सर्जन
खाने-पीने के कारण कोलोक्टोलॉजी कैंसर में बढ़ावा हो रहा है। लोग रेशे वाले खाने को कम खा रहे हैैं। इस कारण कब्ज होता है और बाद में वह कैंसर में बदल जाता है। युवाओं में यह संख्या बढ़ रही है।
- डॉ। अवनीश सकलानी, कैंसर सर्जन, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल
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ऐसे बच सकते हैैं कैंसर से
-एचपीवी लगवाने से सर्वाइकल कैंसर से बचा सकता है.
-पीरियड्स के सातवें दिन सेल्फ एग्जामिनेशन करने ब्रेस्ट कैंसर से बचा जा सकता है.
-40 साल की उम्र के बाद सालाना रुटीन चेकअप - मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड आदि करवाएं।
- गॉल ब्लडर में स्टोन होने की जांच कराएं
- लाइफस्टाइल को ठीक करें, शराब, तंबाकू का सेवन न करें.
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10 परसेंट हर साल बढ़ रहे कैंसर मरीज
20 लाख से अधिक कैंसर मरीज बढऩे की आशंका है 2025 में
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Posted By: Inextlive