प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय में लगी ईको गाड़ी की चपेट में शुक्रवार को दो साल की मासूम आ गई. इसमें उपचार के दौरान उस मासूम की मौत हो गई. परिजनों ने ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों और कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.परिजनों ने जमकर हंगामा भी काटा.



फिरोजाबाद(ब्यूरो)। कार्यालय में लगी ईको गाड़ी से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय का स्टाफ फील्ड में जाता है। दोपहर में लेबर कॉलोनी में कुछ दुकानदारों द्वारा कोयले की भ_ियां जलाने की जानकारी पर 12 बजे जूनियर रिसर्च फैलो (जेआरएफ) दीपक कुमार लेबर कॉलोनी गए थे। गाड़ी को दीपक नाम का युवक चला रहा था। गाड़ी बैक करते समय घर के बाहर खेल रहा समद (दो साल) पुत्र समीर खां उसकी चपेट में आ गया। परिजन उसे ईको से ही सरकारी ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे। आरोप है कि इमरजेंसी डॉक्टर ने मासूम की हालत को ठीक बताया, जबकि उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। सुनवाई न होने पर घायल को एफएच मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां न्यूरो सर्जन न होने से परिजन समद को प्राइवेट ट्रामा सेंटर ला रहे थे। रास्ते में उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजन शव लेकर सरकारी ट्रामा सेंटर पहुंचे और इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा कर हंगामा करने लगे। पुलिस ने समझा कर हंगामा शांत कराया। पुलिस ईको चालक दीपक कुमार को पकड़ कर उत्तर थाने पर लाई। एसओ उत्तर नरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि शिकायती पत्र नहीं मिला है। मामले में कार्रवाई की जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरओ वीके दुबे ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है। जेआरआफ कार्रवाई करने गए थे। इस दौरान घटना हो गई।

बिना अनुमति गाड़ी लेकर चले जाते हैं फील्डप्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय में कार्यरत संविदा कर्मी बिना अधिकारियों की अनुमति लिए ईको गाड़ी से फील्ड में चले जाते हैं। इस तरह के कई मामले सामने आए हैं।

Posted By: Inextlive