बीएसए कार्यालय में तीन साल बाद भी नहीं सुलझी आग की गुत्थी
आगरा। बीएसए कार्यालय में आठ अक्टूबर 2019 की रात को रहस्यमय तरीके से आग लग गई। जिस रूम में आग लगी, उसमें एसआईटी की जांच में शामिल 241 शिक्षकों की रिपोर्ट के साथ ही उनके प्रमाण पत्र भी रखे हुए थे। रूम में शासन के निर्देश पर वर्ष 2010 से 2018 के दौरान हुई शिक्षकों की नियुक्तियों का रिकार्ड रखा हुआ था। रूम में लगी आग से वहां रखा कंप्यूटर जल गया था। इसमें शिक्षकों की भर्ती से संबंधित डाटा था। इसके अलावा काफी संख्या में महत्वपूर्ण दस्तावेज भी रखे थे।
खिड़की का शीशा मिला था टूटा
बीएसए कार्यालय के गेट पर बाहर से ताला लगा हुआ था। जिस कमरे में आग लगी, उसकी खिड़की का शीशा टूटा पाया गया था। इससे कमरे में बाहर से ही आग लगाकर कुछ फेंकने की आशंका व्यक्त की जा रही थी। बीएसए कार्यालय के जिस कक्ष में आग लगी, उसकी खिड़की का शीशा बाहर से टूटा हुआ था। जो कि साजिश की ओर इशारा कर रहा था। किसी ने शीशे को तोडऩे के बाद खिड़की से कुछ जलता हुआ डाल दिया था। इससे वहां रखा रिकार्ड जल गया।
शिक्षक भर्ती की चल रही जांच
शासन ने वर्ष 2010 से 2018 तक बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी और संदिग्ध कागजात के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की जांच के निर्देश दिए गए थे। आगरा में करीब दो हजार शिक्षकों की जांच की गई है। वहीं, दूसरी जांच एसआइटी की रिपोर्ट में संदिग्ध पाए गए 241 शिक्षकों से संबंधित है। इन सभी का रिकॉर्ड आग लगने वाले कक्ष में था।
-बीएसए परिसर के जिस कक्ष में आग लगी, उसकी चाबी किन-किन लोगों के पास रहती थी।
-कमरे में कितने लोगों का रिकार्ड रखा हुआ था, इसमें कितनों का रिकार्ड आग में जल गया।
-परिसर में एक सप्ताह के दौरान कौन-कौन लोग कार्यालय में आए थे।
-साजिश के पीछे रिकार्ड जलाने में कहीं कर्मचारियों की आपसी मिली भगत तो नहीं है। बीएसए ने कराया था मुकदमा दर्ज
बीएसए कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में आग लगने पर तत्कालीन बीएसए ओमकार सिंह द्वारा कार्यालय के एक क्लर्क और चौकीदार के खिलाफ थाना शाहगंज में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मामले की जांच एसआईटी के अलावा क्राइम ब्रांच की टीम कर रही है। पिछले तीन वर्ष से जांच पेंडिंग हैं।
अपडेट पर एक नजर
-खिड़की के ताले में मिले टूटे, वर्ष 2019 में लगी थी आग
-बाबू और चौकीदार के खिलाफ कराया था मुकदमा दर्ज
-कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में 241 टीचर्स का रखा था रिकॉर्ड
-शासन 2010 से 2018 तक कराई थी दस्तावेज की जांच
-तीन वर्ष से क्राइम ब्रांच कर रही आग के मामले की जांच
क्राइम ब्रांच द्वारा आग लगने की जांच की जा रही है। आग लगने के कारणों और उसकी साजिश का जल्दी ही खुलासा किया जाएगा। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।
-सुधीर कुमार सिंह, एसएसपी