डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में कॉपी बदलने के मामले एक और नया गैंग सामने आया जो एमबीबीएस की कॉपी बदलने का कॉन्टे्रक्ट लेता था. इस मामले में मास्टरमाइंड ऑटो चालक और उसके गैंग के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इससे पहले बीएएमएस गैंग का खुलासा कर पुलिस चार लोगों को जेल भेज चुकी है.

आगरा। यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस कॉपी बदलने के मामले में पुलिस ने शिवकुमार दिवाकर और उसके साथी भीकम सिंह, उमेश और शैलेन्द्र को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यूनिवर्सिटी बीएएमएस और एमबीबीएस कॉपी प्रकरण में छात्र नेता राहुल पाराशर को पुलिस कस्टडी रिमांड में लिया था, पूछताछ के बाद शिवकुमार और उसके साथियों को पकड़ा जा सका। डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में कर्मचारी रह चुका एमबीबीएस कॉपी बदलने के प्रकरण में शिवकुमार ने बताया कि वह एक कॉपी को एक्सचेंज करने और लिखकर जमा करने के पचास से साठ हजार रुपए वसूल करता था, शिवकुमार वर्तमान में ऑटो चलाने का कार्य करता है, जो अलग से गैंग चलाता था, पुलिस का कहना है कि यूनिवर्सिटी में एक नहीं कई गैंग कॉपी बदलने का ठेका लेते हैं।


सैकड़ों कॉपी बदल चुका है ऑटो चालक
अभी तक माना जा रहा था कि केवल राहुल पाराशर ही कॉपी बदलने का गैंग चला रहा था, लेकिन ऐसे कई गैंग काम कर रहे हैं। इसमें शिवकुमार मुख्य रूप से एमबीबीएस कॉपी बदलने का कार्य करता था। ये राहुल के साथ भी मिलकर काम कर चुका है, अब तक सैकड़ों छात्रों की कॉपी बदलने का कार्य कर चुका है। पुलिस ने ऐसे कई गैंग को टै्रस किया है।

ऑटो चालक के साथी निकले कर्मचारी
यूनिवर्सिटी कॉपी बदलने के मामले में शिवकुमार समेत तीन अन्य कर्मचारी जिसमें भीकम, उमेश और शैलेन्द्र वर्तमान में यूनिवर्सिटी में कर्मचारी है, शैलेन्द्र फार्मा, भीकम मूल्यांकन केन्द्र का कर्मचारी है, सभी आर्थिक लाभ उठाने के लिए इस कार्य को करते थे। तीन कर्मचारियों की अलग-अलग जिम्मेदारी थी। इस मामले में और भी कर्मचारी शामिल हैं, जिनकी लिस्ट पुलिस केपास है।

एसटीएफ, पुलिस ने किए अब तक 9 अरेस्ट
हरीपर्वत थाने में 27 अगस्त को बीएएसएस कॉपी बदलने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मुकदमा बीएएमएस कॉपियां एक्सचेंज को लेकर किया गया था, लेकिन वर्तमान में दो मुकदमे हैं, दूसरा मुकदमा एमबीबीएस कॉपियों को बदलने के मामले में दर्ज किया गया था।

इस तरह खुला कॉपी एक्सचेंज प्रकरण
आरोपी देवेन्द्र और सॉल्वर पुनीत की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली से डॉ। अतुल को गिरफ्तार किया गया, इसके बाद बीएमएमएस की कॉपियों को चेक किया गया, जिसमें एक जैसी 14 कॉपियां मिली, सभी की हैंड राइटिंग एक जैसी थी। वहीं एमबीबीएस की दो दर्जन से अधिक छात्रों की कॉपी भी एक जैसी मिली, इसके बाद जांच एसटीएफ को सौंपी, लखनऊ एसटीएफ ने यूनिवर्सिटी में मामले के खुलासे को डेरा डाला था।

बीएमएस कॉपियां एक्सचेंज में गिरफ्तार
-ऑटो चालक, देवेन्द्र
-दिल्ली का डॉक्टर अतुुल यादव
-पेेपर सॉल्वर, पुनीत कुमार
-एजेंट, दुर्गेश ठाकुर
-छात्र नेता, राहुल पाराशर

एमबीबीएस प्रकरण में गिरफ्तार
-ऑटो चालक मास्टर माइंड, पूर्व कर्मचारी
-शैलेन्द्र, बी-फार्मा कर्मचारी
-भीकम सिंह, मूल्यांकन विभाग कर्मचारी
-उमेश यूनिवर्सिटी कर्मचारी, ब्लैंक कॉपी मुहैया कराना


डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्र्सिटी मेें बीएमएमएस कॉपी बदलने का कार्य छात्र नेता करता था, वहीं एमबीबीएस कॉपी बदलने का गैंग पूर्व कर्मचारी ऑटो चालक शिवकुमार चलता था। इस तरह के कई गैंग हैं, जांच जारी है।
विकास कुमार, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive