जिले में हर वर्ष लाखों की संख्या में पौधे रोपे जाते हैं लेकिन इन पौधरोपण से न तो शहर मेें हरियाली का ग्राफ बढ़ा है न ही प्रदूषण का ग्राफ कम हुआ है. इसका बड़ा ये है कि करोड़ों के बजट से पौधरोपण तो कर दिया जाता है लेकिन इसके बाद इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. रखरखाव के अभाव में हर वर्ष हजारों की संख्या मेें पौधे अपनी किशोरावस्था में ही दम तोड़ देते हैं. इसके चलते न तो हरियाली बढ़ पा रही है. न ही प्रदूषण कम हो पा रहा है.


आगरा। शहर में कई स्थानों पर रोपे गए पौधे दम तोड़ गए हैं। सोमवार को दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम ने शहर में कई स्थानों पर भीषण गर्मी में पानी और रखरखाव की कमी से दम तोड़ते पौधों की पड़ताल की। इस दौरान कई स्थानों पर पानी की कमी से दम तोड़ते पौधे नजर आए। इसमेें एमजी रोड पर कई स्थानों पर ट्री गार्ड में लगे पौधे लू से झुलस कर सूख रहे हैं। उनमें पानी तक नहीं दिया गया है। एमजी रोड -टू पचकुइंया चौराहे से आगे की ओर कई डिवाइडर पर लगाए गए पौधे सूख चुके हैं। कई स्थानों से ट्री गार्ड गायब है। पौधे के नाम पर डिवाइडर पर केवल प्रतीक चिन्ह व गमले ही शेष बचे है। पौधों का कोई अता-पता नहीं है। कमोबेश यही स्थिति शाहगंज-बोदला रोड पर नजर आई। मारुति एस्टेट चौराहे से आगे बढऩे पर बोदला रोड पर कई स्थानों पर ट्री गार्ड में पौधे का डंठल ही खड़ा नजर आया। यहां जब स्थानीय लोगों से पूछा गया, तो बताया गया कि कोई पानी लगाने नहीं आता है। स्थानीय निवासी प्रमोद ने बताया कि भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमान 44 डिग्री तक पहुंच चुका है। ऐसे में पौधों को पानी की जरुरत है। एक पौधे में नई कोपल आ रहीं थी लेकिन पानी न मिलने से वह सूख गया। वहीं कई स्थानों पर पौधे गायब थे, डिवाइडर पर केवल ट्री गार्ड ही खड़ा नजर आया।

नगर निगम ने रोपे थे सवा लाख पौधे
पौधरोपण महोत्सव के दौरान नगर निगम ने शहर में यमुना किनारा, रोड डिवाइडर, कॉलोनी, यमुना किनारा व्यू प्वाइंट, बल्केश्वर समेत कई स्थानों पर सवा लाख पौधे रोपे थे। रखरखाव के अभाव में ज्यादातर पौधे दम तोड़ गए।

नहीं बढ़ रहा वनक्षेत्र
हर वर्ष लाखों की संख्या में पौधरोपण किया जाता है। इनकी संख्या हर बार बढ़ती गई, लेकिन वन आवरण में कोई इजाफा नहीं हुआ है। वर्ष 2017 में वन आवरण क्षेत्र 272 वर्ग किमी। था। झाडिय़ां 64 वर्ग किमी। था लेकिन अभी तक वन आवरण में इजाफा होने के बजाय कमी आई है।


मैं यहीं रहता है। मैंने तो आज तक किसी को पानी लगाते नहीं देखा। कई के तो ट्री गार्ड भी नहीं रहे हैं। इससे पौधे सूख रहे हैं। अगर इनकी सिंचाई की जाती, तो पौधों को बचाया जा सकता था।
-नीरज


न तो पानी लगाया जाता है, न कोई ध्यान दिया जा रहा है। इससे पौधे सूख रहे। कोई पानी लगाने नहीं आ रहा है। कई बार तो ट्री गार्ड न होने से गाय पौधे को खा जाती है। कई पौधे हमने बचाए हैं।
ताराचंद


पौधरोपण के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए का बजट खपाया जाता है। पौधे लगा दिए जाते हैं। इसके बाद कोई ध्यान नहीं देता है। इससे पौधे बड़े होने से पहले ही सूख जाते हैं।

क्या बोले जिम्मेदार
इस बारे में डीएफओ अखिलेश पाण्डेय ने बताया कि वन विभाग के अलावा नगर निगम, एडीए समेत अन्य विभागों द्वारा भी पौधरोपण किया जाता है। इसमें हम जांच करा रहे हैं। किस स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है। जिला स्तर पर एक कमेटी बनी हुई है। इसके अध्यक्ष डीएम है। जांच के बाद कमेटी इस मामले में कार्रवाई करेगी।

Posted By: Inextlive