आगरा ब्यूरो : घर के बाहर खेलते बालक के अपहरण और हत्या की साजिश रिश्ते की दादी और उसके भाई ने रची थी. मासूम के बाबा से 15 लाख रुपए फिरौती वसूलने के लिए अपहरण किया गया था. बालक को पानी में नींद की गोलियां देकर बेहोश करने के बाद दादी का भाई उसे बोरे में डालकर ले गया. बच्चे के होश में नहीं आने पर आरोपित उसे सहपऊ रजवाहा में बेहोशी की हालत में फेंक दिया था. पुलिस ने मंगलवार रात अपहरण और हत्या का पर्दाफाश करते हुए दादी और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया.


14 सितम्बर को खेलते समय हुआ था लापता
अमानाबाद, बरहन के संजय शर्मा के पांच वर्ष के बेटे मयंक का 14 सितंबर की शाम को घर के सामने से खेलते समय अपहरण हो गया था। सोमवार शाम को मयंक का शव बरहन में सहपऊ रजवाहा में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण पानी में डूबना आया था। डीसीपी सोनम कुमार ने बताया पुलिस की छानबीन में कुछ और ही कहानी निकली। बालक की हत्या में करीबी का हाथ होने का शक था। गांव में 20 मकान हैं। पुलिस ने पता किया कि शनिवार सुबह गांव में बाहर से कौन-कौन आया था। छानबीन में पता चला कि मयंक के पिता संजय शर्मा के रिश्ते की चाची कल्पना शर्मा गांव में ही रहती हैं। शनिवार सुबह गांव धांधऊ, सहपऊ हाथरस से कल्पना का भाई ललित कुमार आया था.पुलिस की सर्विलांस टीम ने ललित की लोकेशन देखी तो वह सहपऊ रजवाहा आई। पुलिस ने गांव के बाहर लगे एक कैमरे के फुटेज चेक किए तो इसमें ललित बोरा लेकर जाते दिखा। जबकि वह खाली हाथ गांव आया था। पुलिस ने ललित को पकड़कर पूछा कि वह बोरे में क्या लेकर गया था। ललित ने बताया कि वह छोटा सिलेंडर लेकर गया था। पुलिस ने कल्पना शर्मा को पूछताछ के लिए बुलाया, इस पर बालक के परिजन उसके पक्ष में आ गए। उनका कहना था कि पुलिस रिश्तेदारों को परेशान कर रही है। पुलिस ने स्वजन को समझाने के बाद पूछताछ जारी रखी। कल्पना शर्मा और ललित ने बताया कि मयंक के बाबा सूबेदार, दूरसंचार विभाग से तीन वर्ष पहले सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्हें लाखों रुपये फंड मिला था। मयंक का अपहरण कर सूबेदार से 15 लाख रुपए वसूलने के लिए साजिश रची थी। डीसीपी ने बताया दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।बेहोश करने को दी थीं नींद की 10 गोलियां


पुलिस के अनुसार कल्पना शर्मा के पति रूप किशोर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। वर्तमान में सोनभद्र में तैनात हैं। पति को पत्नी की साजिश की भनक नहीं थी। कल्पना ने पुलिस को बताया कि मयंक उसे दादी बोलता था। मयंक को खेलते समय उन्होंने इशारे से अपने घर पर बुलाया। गोद में बैठाने के बाद उसे पानी दिया। जिसमें नींद की 10 गोलियां मिला दी थीं। पानी पीने के कुछ देर बाद मयंक बेहोश हो गया। भाई ललित वहां आ चुका था। वह मयंक को बेहोशी की हालत में बोरे में डाल बाइक पर गांव से बाहर ले गया। उसे लगा कि बच्चे को कुछ देर में होश आ जाएगा। होश नहीं आने पर वह घबरा गया। पकड़े जाने के डर से वह शनिवार रात को ही मयंक को सहपऊ रजवाहा में फेंक कर आ गया था।

Posted By: Inextlive