'नो वीकली ऑफ अधिकारियों के आदेश पर लगी जवानों की टकटकी
लगातार ड्यूटी
AGRA : पुलिस ऐसा महकमा है, जहां वीकली ऑफ का कोई प्रावधान नहीं। 24 घंटे सातों दिन पुलिसकर्मी लोगों की सेवा में लगे रहते हैं। कम फोर्स के कारण पुलिसकर्मियों से लगातार काम लिया जाता है। छुट्टी न मिलने के कारण अक्सर पुलिसकर्मी तनाव में आ जाते हैं। चिड़चिड़ाहट में पब्लिक से खराब व्यवहार भी आम बात हो चुकी है। पुलिस कर्मियों की परेशानी को समझते हुए शासन साप्ताहिक अवकाश देने पर विचार किया गया था, ट्रायल के बाद मामला ठंडे बस्ते में है।
नहीं मिलता वीकली ऑफ
एक पुलिसकर्मी को एक साल में 30 दिन की सीएल व 30 दिन की ईएल मिलती है। अधिकतर पुलिस कर्मी को ये छुट्टियां भी नसीब नहीं हो पातीं। फोर्स की कमी के कारण छुट्टियां नहीं दी जाती। कभी-कभी अधिकारियों की लताड़ भी खानी पड़ जाती है। इस बीच वीकली ऑफ के लिए नए नए बहाने बनाने पढ़ते हैं। लेकिन रिश्तेदारों की मौत पर ही अधिकतर अवकाश को स्वीकृत किया जाता है।
शुरू हुआ ट्रायल
लखनऊ के बाद आगरा के हरीपर्वत सर्किल में वीकली ऑफ का ट्रायल शुरू किया गया था। हरीपर्वत के तीन थाने हरीपर्वत, न्यू आगरा व सिकंदरा में रोटेशन प्रणाली के आधार पर दारोगाओं को साप्ताहिक अवकाश मिलना शुरू हो गया है। सिपाहियों की ड्यूटी बारह घंटे निर्धारित होती है, लेकिन दरोगाओं के लिए ड्यूटी का निर्धारण नहीं है। उन्हें 18 से 20 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है। इसलिए सुविधा दरोगाओं के लिए शुरू की गई थी, वर्तमान में उन्हें चौकी के आसपास ही मूवमेंट रखना होता है, स्टेशन छोडऩे से पहले अधिकारियों को जानकारी देनी होगी।
आगरा में व्यवस्था शुरू होने के बाद से जिले के पुलिस कर्मी अपने अधिकारियों की ओर टकटकी लगाए हैं। उन्हें उम्मीद है कि अधिकारियों की मेहरबानी जरूर होगी। जोन में आगरा पहला जिला है, इसमें यह व्यवस्था शुरू हुई थी, लेकिन वर्तमान में वीकली ऑफ के आदेश ठंडे बस्ते में हैं। अधिकारी इस ओर विचार कर रहे हैं। साथ ही पूरी प्रणाली को समझने का प्रयास कर रहे हैं।
जिला आगरा में पुलिस फोर्स की संख्या
-6 अपर पुलिस अधीक्षक
-13 पुलिस उपाधीक्षक
-100 निरीक्षक नागरिक पुलिस पुरुष
-3 निरीक्षक नागरिक पुलिस महिला
-1604 उप निरीक्षक नागरिक पुलिस पुरुष
-37 उप निरीक्षक नागरिक पुलिस पुलिस
-2083 प्रोन्नत उप निरीक्षक नागरिक पुलिस पुरुष
-23 प्रोन्नत उप निरीक्षक नागरिक पुलिस महिला
-4254 आरक्षी पुरुष
-488 आरक्षी महिला
-5 निरीक्षक यातायात
-18 उप निरीक्षक यातायात
-52 मुख्य आरक्षी यातायात
-93 आरक्षी यातायात
-5निरीक्षक एलआईयू
-4 उप निरीक्षक एलआईयू
-14 मुख्य आरक्षी एलआईयू
-13 आरक्षी एलआईयू
-जीवन में तनाव आता है, ये तनाव परिवार, समाज और उनकी कार्यप्रणाली में निकलता है।
-अनुशासनहीनता बढ़ रही है।
-बिना अवकाश के ही सगे संबंधी के समारोह।
-कई बार कर्मचारियों की वास्तविक जरुरत होती है, अवकाश नहीं मिलने दुव्र्यवहार
-अपने संबंधी और अधिकारी के प्रति मन में तनाव की भावना।
-दुर्भावना के चलते अधिकारियों के साथ मनोयोग से काम नहीं करते।
लगातार डयूटी के चलते मन में अलग-अलग विचार आने लगते हैं। व्यवहार में परिवर्तन का असर परिवार भी नजर आता है। ऐसे में जीवन में तनाव में रहता है, ये तनाव परिवार, समाज और उनकी कार्यप्रणाली में निकलता है। अनुशासनहीनता बढ़ रही है। बिना अवकाश के ही सगे संबंधी के समारोह में शिरकत नहीं कर पाते, ये भी तनाव का कारण है।
-डॉ। पूनम तिवारी, मनोवैज्ञानिक, आरबीएस कॉलेज