अखिल कुमार आगरा: 'वसुधैव कुटुंबकमÓ. यह एक शब्द नहीं हमारे देश का भाव है. जिसे जीने के लिए हर भारतीय जब भी मौका मिलता है तैयार हो जाता है. इस भाव को जीवंत करते हुए एक बार देश की आर्मी ने तुर्किए में अपना परचम बुलंद किया है. और यह परचम तुर्किए की जमीन पर नहीं बल्कि वहां के वाशिंदों के दिलों में बुलंद हुआ है. भूकंप की त्रासदी से जूझ रहे तुर्किए की जमीन पर देश की आर्मी द्वारा संचालित 'ऑपरेशन दोस्तÓ सफल रहा. रविवार को ऑपरेशन को लीड कर रही आगरा की 60 वीं पारा फील्ड हॉस्पिटल की टीम देश वापस लौट आई. यह जानकारी इंडियन आर्मी ने अपने ऑफीशियल ट्वीटर हैंडल से दी.


सफल रहा 'ऑपरेशन दोस्तÓ
7 फरवरी को भूकंप त्रासदी में घायलों का इलाज करने के लिए 50वीं पैराशूट ब्रिगेड (स्वतंत्र) की मेडिकल टीम आगरा से तुर्किए रवाना हुई थी। दो विमानों में आगरा एयरबेस से ब्रिगेड के 99 जवान तुर्किए रवाना हुए थे। टीम विमानों में अपने साथ एक्स-रे मशीन, वेंटीलेटर, ऑपरेशन थियेटर सहित अन्य उपकरण भी लेकर गई थी। ब्रिगेड ने तुर्किए में तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन स्टार्ट कर दिया था। इस संबंध में विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची और इंडियल आर्मी के एडीशनल डॉयरेक्टर जनरल ऑफ पब्लिक इन्फार्मेशन के ट्वीटर हैंडल द्वारा समय-समय पर जानकारी साझा की गई। बता दें कि 'ऑपरेशन दोस्तÓ के तहत ब्रिगेड की 60 वीं पारा फील्ड हॉस्पिटल की टीम ने तुॢकए में हटे प्रांत के इस्केंडरुन में फील्ड अस्पताल स्थापित किया था। तुॢकये में फील्ड अस्पताल में भूकंप से प्रभावित लोगों का इलाज किया गया। भारत द्वारा तुर्किए में संचालित 'ऑपरेशन दोस्तÓ को विश्वभर में सराहना मिली। वहीं, भारत में तुर्किए के राजदूत फिरत सुनेल ने 'ऑपरेशन दोस्तÓ को एक 'बहुत महत्वपूर्ण ऑपरेशनÓ बताया। जमकर मिली 'शाबासीÓ


तुर्किए में मेडिकल सेवाएं दे रहे आर्मी के जवानों को विश्वभर में शाबासी मिली। रविवार को विदाई के दौरान भी स्थानीय निवासियों ने टीम के साथ अपने अनुभव साझा किए। फोटो और सेल्फी ली। वहीं, कुछ उत्साही युवकों ने इंडियन आर्मी के जवानों के साइन अपने टीशर्ट पर भी लिए। सोशल मीडिया पर विश्वभर में यूजर्स ने टीम का हौसला बढ़ाते हुए उनके प्रयासों की सराहना की। पूर्व मेें आगरा की 50वीं पैराशूट ब्रिगेड (स्वतंत्र) की मेजर बीना तिवारी ने ऑपरेशन के संबंध में जारी एक वीडियो में कहा कि यहां 99 इंडियन आर्मी के 'आर्मी मेडिकल कोरÓ के जवान मुस्तैद हैं। मेजर बीना तिवारी के नेतृत्व में मलबे में दबी एक 13 साल की मासूम को बचाया गया, यह मासूम ने भूकंप त्रासदी में अपने 3 परिजनों को खोया है। इसके बाद वहां मौजूद एक महिला ने मेजर को गले लगा लिया और कृतज्ञता जताते हुए चूम लिया। ट्विटर पर जारी फोटोज और वीडियोज में तुर्किए के वाशिंदों ने इंडियन आर्मी को 'थैक्सÓ बोला।

खास है 50वीं पैराशूट ब्रिगेड


50वीं पैराशूट ब्रिगेड (स्वतंत्र) की मेडिकल टीम तुर्किए में 'ऑपरेशन दोस्तÓ को संचालन कर रही है। बता दें कि इससे पूर्व कई आपरेशन में भी पैराशूट ब्रिगेड ने अहम भूमिका निभाई है। हर मोर्चे पर यह ब्रिगेड सफल रही है। यह जवान किसी भी माहौल में खुद को ढाल लेते हैं और मदद के लिए आगे बढ़ते जाते हैं। इस ब्रिगेड का मुख्यालय आगरा में है। ब्रिगेड भारतीय सेना का हिस्सा है। इसमें दो एयरबोर्न बटालियन शामिल हैं। इसी में एक इकाई पैरा फील्ड अस्पताल की भी है। वर्मा अभियान हो या फिर ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन विजय व भारतीय अनुबंध। इन सभी में इस ब्रिगेड का अहम रोल रहा है। इस ब्रिगेड के कई बेहतरीन कमांडर रहे हैं। जिसमें पहला नाम ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान का आता है फिर ब्रिगेडियर सगत ङ्क्षसह व ब्रिगेडियर फारुख बुलसरा शामिल हैं।

Posted By: Inextlive