आगरा. पहले मरीज की नब्ज देखकर ही उपचार किया जाता था. सर्जरी करना काफी कठिन प्रक्रिया थी. इसमें मरीजों की जान का काफी खतरा रहता था. लेकिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीकी ने अहम रोल निभाया है. अब आधुनिक होती तकनीकी ने उपचार को आसान कर दिया है. हाल ही में गुजरकर गया कोरोना वायरस इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. कोरोना से पहले आई महामारियों के लिए दशकों बाद वैक्सीन उपलब्ध हो पाई. लेकिन कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए एक साल बाद ही उपलब्ध हो गई.

न्यूरोसर्जरी में खतरा हुआ कम
तकनीकी के विकास के साथ न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र का तेजी से विकास हो रहा है। इसमें आए दिन नई तकनीक विकसित हो रही हैं। ऑपरेशन के दौरान होने वाले खतरे कम हुए हैं। वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ। आरसी मिश्रा ने बताया कि पहले सर्जरी के बाद आंखों की रोशनी जाना, मुंह में टेढ़ापन होना जैसी समस्याएं आ जाती थीं। लेकिन अब सफलता दर बढ़ गई है। नेवीगेशन सिस्टम के जरिए ब्रेन ट््यूमर सर्जरी आसान हुई है। 21वीं सदी में एमआरआई, पैट स्कैन, बेहतर रिजॉल्यूशन युक्त सीटी स्कैन तकनीकों ने खतरों को कम किया है और सफलता दर भी बढ़ी है।
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कैंसर सर्जरी हो रही आसान
कैंसर मरीजों के लिए अब उपचार आसान हो रहा है। कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ। नरेंद्र देव ने बताया कि कैंसर की बीमारी के तीन मेजर ट्रीटमेंट हैं। पहला सर्जरी, दूसरा रेडिएशन और तीसरा कीमोथेरेपी। तीनों डिपार्टमेंट में लगातार ऐसी इनोवेटिव टेक्नोलॉजी आ चुकी है, जिससे कैंसर के ट्रीटमेंट को लेस कॉम्प्लिकेटिड और कम साइट इफेक्ट वाला बनाया जा सका है। डॉ। नरेंद्र देव ने बताया कि आज से 50 साल पहले हम एक ही सर्जरी की बात करते थे ओपन सर्जरी। धीरे धीरे लेप्रोस्कोपिक (दूरबीन) की सर्जरी आई, जिसे हम लेजर की सर्जरी भी बोलते हैं। अब जो नई तकनीक आई है वह है रोबोटिक सर्जरी। रोबोटिक सर्जरी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का वेल डिफाइंड वर्जन है, जिसमें सर्जरी की जटिलता को कम करते हुए सरल बनाया जा सका है।
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न्यूरोसर्जरी का क्षेत्र लगातार विकसित हो रहा है। 21वीं सदी में एमआरआई, पैट स्कैन, बेहतर रिजॉल्यूशन युक्त सीटी स्कैन तकनीकों ने खतरों को कम किया है और सफलता दर भी बढ़ी है।
- डॉ। आरसी मिश्रा, वरिष्ठ न्यूरोसर्जन

कैंसर के उपचार के लिए सर्जरी, रेडिएशन में तकनीकी विकास हो रहा है। अब रोबोटिक सर्जरी भी आ गई है.कैंसर के ट्रीटमेंट को लेस कॉम्प्लिकेटिड और कम साइट इफेक्ट वाला बनाया जा सका है।
- डॉ। नरेंद्र देव, कैंसर सर्जन

तकनीकी ने उपचार के क्षेत्र को काफी आसान किया है। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी में तकनीकी का विकास हो रहा है। इससे लगातार डायग्नोस करने में आसानी होती है। तकनीक से उपचार आसान भी हो रहा है।
- डॉ। ओपी यादव, आईएमए प्रेसिडेंट
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Posted By: Inextlive