स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में शहर को टॉप-टेन की रैकिंग में लाने के लिए नगर निगम द्वारा कई ़ि़बन्दुओं पर काम किया जा रहा है. शहर को गारबेज फ्री बनाने के लिए 6 ट्रांसफर स्टेशन पर ड्राइ वेस्ट को अलग कर प्रोसेसिंग प्लांट भेजा जा रहा है. यहां मैकेनिकल सेग्रीगेशन से ड्राई वेस्ट को रीसाइकिल किया जा रहा है.

आगरा। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में शहर को टॉप-टेन की रैकिंग में लाने के लिए नगर निगम द्वारा कई ़ि़बन्दुओं पर काम किया जा रहा है। शहर को गारबेज फ्री बनाने के लिए 6 ट्रांसफर स्टेशन पर ड्राइ वेस्ट को अलग कर प्रोसेसिंग प्लांट भेजा जा रहा है। यहां मैकेनिकल सेग्रीगेशन से ड्राई वेस्ट को रीसाइकिल किया जा रहा है।

कुबेरपुर और टेड़ी बगिया पर लगाया गया है प्लांट
नेशनवाइड वेस्ट मैनेंजमेंट सर्विस प्रा। लि। द्वारा टेड़ी बगिया पर मैकेनिकल सेग्रीगेशन प्लांट लगाया गया है। इसमें टेड़ी बगिया प्लांट की क्षमता 120 एमटी है, जबकि कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर बने प्लांट की क्षमता 210 टीपीडी है। बता दें कि स्वच्छता कॉरपोरेशन कंपनी द्वारा 57 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का काम किया जा रहा है। सिटी के 6 ट्रांसफर स्टेशनों पर इसको सेग्रीगेट किया जा रहा है। इसके बाद निजी कंपनी मैं नेशनवाइड वेस्ट मैनेंजमेंट सर्विस प्रा। लि। द्वारा तोलकर कचरे को लिया रहा है। इसके लिए कंप्यूटर सिस्टम लगे हुए हैं। इसके बाद सूखे कचरे को मैटेरियल एवं मैकेनिकल सेग्रीगेशन बेल्ट कन्वेयर के माध्यम से इसको सेग्रीगेट किया जाता है। इसके बाद 15 से 17 कैटेगरीज में विभाजित कर बैलिंग का कार्य करते हुए गजरौला व काशीपुर में रीसाइकिलिंग फैसेलिटी पर प्रतिदिन भेजा जा रहा है। इसके साथ ही एक मैटेरियल जो नॉन रीसाइकल है। उसे गाजीपुर स्थित वेस्ट-टू एनर्जी प्लांट में भेजा जा रहा है।

बल्क वेस्ट जनरेटर 210 टीपीडी की क्षमता
निजी कंपनी द्वारा बल्क वेस्ट जनरेटर के लिए ड्राई वेस्ट को प्रोसेसिंग करने के लिए 4 फैसेलिटी सेंटर हंै। इनकी क्षमता 210 टीपीडी टन पर-डे है। इसमें 120 टन की क्षमता वाला एक प्लांट एमआरएफ फैसिलिटी सेंटर टेड़ी बगिया पर नवंबर 2018 से संचालित किया जा रहा है। इसकी लागत 3.97 करोड़ रुपए है। इसको नेशनवाइड वेस्ट मैनेजमेंट प्रा। लि। द्वारा वहन किया जा रहा है। इसमें निगम को कुछ भी खर्चा नहीं हो रहा है।

- धांधूपुरा में लगाया गया है पांच मीट्रिक टन का प्लांट
आर्गेनिक खाद बनाने के बाद अब नगर निगम लिक्विड खाद भी बना रहा है। ये काम पीपीपी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर करेगा। इसके लिए धांधूपुरा में 5 मीट्रिक टन का एक प्लांट लगाया गया है। इससे हर दिन 100 ली। लिक्विड खाद तैयार हो सकेगी। बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 का दूसरा चरण चल रहा है। इस बारे में स्वच्छ भारत मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर केके पाण्डे ने बताया कि गीले-सूखे कूड़े का अलग-अलग निस्तारण किया जा रहा है।


फूलों से बनाई जा रही खाद
नगर निगम के तीन प्लांट काम कर रहे हैं। इसमें कुबेरपुर में 20 एमटी, आईएसबीटी पर 1 एमटी और राजनगर में 2 एमटी खाद तैयार किया जा रहा है। जबकि नगर निगम के अफसरों का दावा है कि 100 वार्डों से जो कूड़ा कलक्शन किया जा रहा है। उसे कुबेरपुर के सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में भेजा जाता है। कुबेरपुर में 20 एमटीडी का ही प्लांट काम कर रहा है। इससे से गीले कूड़े से 3.5 एमटीडी मीट्रिक टन कंपोस्ट कर तैयार किया जा रहा है। वहीं दूसरे प्लांट जो राजनगर में काम कर रहे हैं। इसमें फूलों से प्रतिदिन 2 एमटीडी कंपोस्ट तैयार किया जा रहा है। आईएसबीटी पर एक प्लांट काम कर रहा है।


शहर में लगाए गए हैं 4300 सफाईकर्मी
सफाई कर्मी लगाए गए हैं। इसमें हरीपर्वत जोन में 747, ताजगंज 703, लोहामंडी में 900, छत्ता में 1335 सफाई कर्मी लगाए गए है। इसमें 1325 नियमित और 567 संविदाकर्मी और 1793 आउटसोर्स के कर्मचारी हैं। इसके अलावा रात में सफाई की जा रही है। इसके लिए ताजगंज में 78, लोहामंडी 30, हरीपर्वत में 50 और छत्ता में 47 सफाई कर्मी कार्यरत हैं। इस प्रकार 205 सफाईकर्मी कार्यरत हैं। इसकी मॉनीटरिंग के लिए हरीपर्वत में 34 सुपरवाइजर, ताजगंज में 31, लोहामंडी में 28 और छत्ता में 44 सुपरवाइजर लगाए गए हैं।

इन बिन्दुओं पर भी हो रहा काम
-कैपिंग क्लोजर
-वेस्ट टू- एनर्जी प्लांट
कंस्ट्रक्शन एंड डिम्यूलेशन वेस्ट

ये हैं ट्रांसफर स्टेशन
स्थान क्षमता
राजनगर लोहामंडी 10.5 घनमी।
पुरानी मंडी ताजगंज 10.5 घनमी।
ताज पूर्वी गेट 10.5 घनमी।
संजय प्लेस 10.5 घनमी।
ट्रांसपोर्ट नगर 10.5 घनमी।
ट्रांसपोर्ट नगर आईएसबीटी के पीछे 18 घनमी।

गत वर्षो में स्वच्छ सर्वेक्षण की रेंकिंग पर एक नजर
वर्ष रेकिंग
2016 558
2017 263
2018 102
2019 85
2020 16
2021 24


135 डलाबघर होंगे समाप्त
- शहर में है 173 डलाबघर
- 38 को किया जा चुका है खत्म
- 200 अस्थायी डलाबघर
- इंदौर की तर्ज पर डोर-टू-डोर होगा कूड़ा गीले और सूखे कूड़े का कलैक्शन

जोन का नाम डलाबघरों की संख्या
लोहामंडी 50
छत्ता 52
हरीपर्वत 39
ताजगंज 25
------------------------------
इसमें हरीपर्वत जोन सबसे छोटा है। इसमें 21 वार्ड आते हैं। इससे बड़ा ताजगंज जोन है। इसमें 23 वार्ड आते हैं। इससे बड़ा जोन लोहामंडी है। इसमें 26 वार्ड शामिल हैं। शहर का सबसे बड़ा वार्ड छत्ता है। इसमें 30 वार्ड हैं। इसमें चार जोन में 845 बीट हैं।

नगर निगम जनसंख्या- 19 लाख 86 हजार 570
निगम में परिवारों की संख्या- 3 लाख 17 हजार
प्रोसेसिंग के लिए जमीन की उपलब्धता- 72 एकड़


सिटी को गारबेज फ्री बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसमें गारबेज कलेक्शन प्वाइंट से ड्राई वेस्ट को कलेक्शन कर मैकेनिकल रीसाइकिल प्लांट में भेजा जा रहा है। अभी तक 57 वार्डो से कूड़ा कलेक्शन किया जा रहा है।
- आशीष शुक्ला, नोडल अधिकारी एसबीएम


एक निजी कंपनी द्वारा टेड़ी बगिया पर प्लांट लगाया गया है। इसमें ड्राइ वेस्ट को रीसाइकिल कर गजरौला और काशीपुर भेजा जाता है।
-केके पांडेय, प्रोजेक्ट मैनेजर एसबीएम

Posted By: Inextlive