ताजमहल को कई बार विवादों में घसीटा गया, लेकिन नहीं मिली मान्यता
आगरा। इतिहासकार पीएन ओक ने अपनी किताब 'ट्रू स्टोरी ऑफ ताजÓ में ताजमहल को लेकर कई दावे किए हैं। उनकी किताब में दावा किया गया है कि ताजमहल असल में तेजो महालय था। यहां पहले शिव मंदिर था। उन्होंने इसके कई तथ्यों का जिक्र किया। हालांकि उनके तथ्यों को कोर्ट से कभी मान्यता नहीं मिली।
22 कमरों को खोलने की मांगइतिहासकार पीएन ओक के दावे को आधार मानते हुए ताजमहल को मंदिर बताने वाले लोग स्मारक के तहखाने को खोलने और जांच की मांग भी कर चुके हैं। मई 2022 को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर हुई थी, इसमें भाजपा नेता डॉ। रजनीश ने तहखाने के 22 बंद कमरों को खोलने की मांग की थी। इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
रामनामी दुपट्टïे पर मचा था बवाल
भगवा वस्त्र पहनकर प्रवेश न देने के विवाद से पहले ताजमहल में रामनामी दुपट्टïा ले जाने से रोकने पर भी विवाद हुए हैं। 24 अक्टूबर 2012 में वनवासी सत्संग समिति की सदस्यों कोठी मीना बाजार में हो रही कथा में आए थे। वो लोग ताजमहल देखने पहुंचे थे। उनके रामनामी गेरुआ दुपट्टïे को उतरवा दिया गया था। इस पर काफी विवाद हुआ था। यह मामला मंत्रालय तक गया था।
मॉडल को नहीं मिली एंट्री
इसके अलावा 2017 में दिल्ली में सुपर मॉडल इंटरनेशनल प्रतियोगिता में भाग लेने आईं 34 देश की मॉडल ताज देखने आई थीं। इसमें दो मॉडल रामनामी दुपट्टïा पहने थीं। इन दोनों मॉडल के दुपट्टïे उतरवा दिए गए थे। इसको लेकर भी विवाद खड़ा हुआ था। इसके अलावा पिछले दिनों एक पर्यटक भगवान कृष्ण का वेशधर कर ताजमहल देखने आया था। उस पर्यटक को भी ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया गया था।
2017 में पहली बार योगी सरकार बनने के बाद यूपी टूरिज्म की बुकलेट जारी की गई थी। बुकलेट में राज्य में विकास परियोजनाओं की लिस्ट में ताजमहल का नाम नहीं था। इसके बाद विपक्ष और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों ने सरकार को घेरा था। इसके बाद विवाद खड़ा हो गया था।
संगीत सोम ने दिया था विवादित बयान
बुकलेट में नाम न होने के बाद भाजपा के पूर्व विधायक संगीत सोम ने विवादित बयान देकर मामला गरमा दिया था। संगीत सोम ने कहा था कि कई लोगों को दुख हुआ कि ताजमहल का नाम एतिहासिक धरोहरों की सूची में नहीं है। हम किस इतिहास की बात कर रहे हैं, जिस इंसान ने ताजमहल बनवाया था, उसने अपने पिता को कैद कर लिया था। वो हिंदुओं को खत्म करना चाहता था। अगर यही इतिहास है, तो यह बहुत दुखद है, और हम इतिहास बदल डालेंगे। इसके बाद ओवैसी और ममता बनर्जी ने भी पलटवार किया था।
इस मामले में सपा नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने भी योगी सरकार पर तंज कसते हुए निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि यह योगी सरकार की अच्छी पहल है कि बुकलेट से ताजमहल का नाम गायब है। कुतुब मीनार, लाल किला, संसद भवन भी गुलामी की निशानियां हैं। अगर उत्तर प्रदेश सरकार ताजमहल को तुड़वाने की पहल करती है वो इसको अपना समर्थन देंगे। शिवलिंग की हुई एंट्री
इन सबके बीच भाजपा नेता विनय कटियार ने भी ताजमहल को हिंदू मंदिर बताकर आग में घी डालने का काम किया था। उन्होंने कहा था कि ताजमहल में बरसात में ऊपर से पानी टपकता है। दरअसल वो ताजमहल हिंदू मंदिर था। जिस जगह पानी टपकता है, वो शिवलिंग है, जिससे पानी सीधा शिवलिंग पर गिरे। उन्होंने कहा था कि शिवलिंग को हटाकर वहां पर मजार बनाई गई थी। वहीं, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ताजमहल को खूबसूरत क्रबिस्तान बता दिया था।
यह भी रहे हैैं विवाद
-मई 2017 में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल समेत दक्षिणपंथी संगठनों ने ताजमहल पर विरोध प्रदर्शन किया था।
-नवंबर 2018 में राष्ट्रीय बजरंग दल की महिला विंग की जिला अध्यक्ष मीना दिवाकर ताजमहल परिसर के भीतर मस्जिद में आरती की।
-जनवरी 2021 में हिंदू जागरण मंच की युवा वाहिनी के चार कार्यकर्ताओं ने ताजमहल परिसर में शिव चालीसा का पाठ किया और भगवा झंडा लहराया था।
-अप्रैल मई 2022 को भगवा वस्त्र और धर्मदंड के साथ अयोध्या में पीठाधेश्वर तपस्वी छावनी के जगद्गुरु परमहंस आचार्य को ताजमहल में एंट्री से रोका गया।