'शिवाजी' से ताजमहल मेट्रो स्टेशन का होगा निर्माण
आगरा। भूमिगत ट्रैक के निर्माण के दौरान मिट्टी की निकासी के लिए पांच वैगन की ट्रेन चल रही है। वैगन की संख्या को बढ़ाकर अब सात किया जाएगा। मिट्टी को डंपर में लादकर कुबेरपुर स्थित खत्ताघर में पहुंचाया जा रहा है। तीन किमी लंबी टनल की खोदाई में अभी तक गंगा और यमुना मशीनों का प्रयोग किया जा रहा था। यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि फरवरी 2024 तक प्रायोरिटी वाले कॉरिडोर पर मेट्रो का संचालन शुरू होगा।
चार टीबीएम का होगा प्रयोग
सात भूमिगत स्टेशनों के निर्माण के लिए चार टीबीएम का प्रयोग होगा। एक माह में चौथी टीबीएम आगरा पहुंचेगी। खोदाई के दौरान सीवर व पानी की लाइन को कट एवं कवर प्रणाली से चिह्नित किया जाएगा। जिस स्थल पर पाइप लाइन होगी। उसे वहां पर कट कर बंद कर दिया जाएगा। जरूरत के हिसाब से उसे शिफ्ट किया जाएगा। डायफ्रॉम वाल का भी निर्माण किया जाएगा। अब तक 400 मीटर लंबा मेट्रो ट्रैक बन चुका है।
हाई स्पीड टेस्टिंग की जा रही
एमडी सुशील कुमार ने बताया कि आगरा मेट्रो प्रयोरिटी कॉरिडोर में कुल 6 स्टेशन हैं, जिसमें तीन ऐलिवेटिड व तीन अंडरग्राउंड स्टेशन हैं। प्रयोरिटी कॉरिडोर के तीनों ऐलिवेटिड स्टेशन बनकर तैयार हैं और यहां आगरा मेट्रो ट्रेन की हाई स्पीड टेस्टिंग की जा रही है। वहीं, अंडरग्राउंड सेक्शन में तेज गति के साथ निर्माण कार्य जारी है। प्रयोरिटी कॉरिडोर में ऐलिवेटिड भाग को अंडरग्राउंड सेक्शन से जोडऩे के लिए कट एंड कवर प्रणाली के जरिए रैंप का निर्माण किया जा रहा है। इस रैंप क्षेत्र में ताजमहल मेट्रो स्टेशन से कट एंड कवर साइट तक टनल का निर्माण किया जाना है, जिसके लिए टीबीएम शिवाजी लॉन्च की गई है।
ऐसे होगा रैंप क्षेत्र में टनल का निर्माण
यूपी मेट्रो द्वारा रैंप क्षेत्र में टनल निर्माण के लिए टीबीएम शिवाजी को पुरानी मंडी स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट से पहले अप लाइन में लॉन्च किया जाएगा। इसके बाद टीबीएम शिवाजी को कट एंड कवर साइट पर निर्मित रिट्रीवल शाफ्ट से बाहर निकाला जाएगा। इसके बाद टीबीएम शिवाजी को दोबारा डाउन लाइन में टनल निर्माण हेतु लॉन्च किया जाएगा।
क्या है कट एंड कवर प्रणाली?
कट एंड कवर प्रणाली में सबसे पहले रैंप के लिए चिह्नित जगह पर वहां से होकर गुजर रहीं यूटिलिटी (पानी एवं गैस पाइपलाइन, बिजली एवं फोन लाइन, सीवर लाइन आदि) की जांच की जाती है। इस दौरान यदि कोई यूटिलिटी चिह्नित क्षेत्र में पायी जाती है तो उसे शिफ्ट किया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद रैंप निर्माण हेतु डायफ्र ाम वॉल का निर्माण किया जाता है। इसके बाद मशीनों के जरिए निर्धारित ढलान बनाते हुए रैंप की खोदाई की जाती है। खोदाई पूरी होने के बाद रैंप की बेस स्लैब की कास्टिंग की जाती है। इसके बाद रूफ स्लैब को कास्ट करने के बाद कट एंड कवर टनल का निर्माण होता है। वहीं, टीबीएम यमुना एवं गंगा तेज गति के साथ आगरा फोर्ट से ताजमहल मेट्रो स्टेशन की दिशा में टनल का निर्माण कर रही हैं। फिलहाल, टीबीएम यमुना मिड शाफ्ट से आगे ताजमहल मेट्रो स्टेशन के निकट पहुंच चुकी है तो वहीं टीबीएम गंगा भी तेज गति के साथ टनल का निर्माण कर रही है।
कॉरिडोर
30 किमी कॉरिडोर की संख्या
2 स्टेशंस
27 पहला कॉरिडोर
ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा लंबाई
14 किमी स्टेशन
13 एलिविटेड
6
अंडरग्राउंड
7 डिपो
पीएसी परिसर दूसरा कॉरिडोर
आगरा कैंट से कालिंदी विहार लंबाई
16 किमी स्टेशन
14 ऐलिविटेड स्टेशन डिपो
कालिंदी विहार