पृथ्वी को बचाना है,यह हमारा घर है
- 'आई नेक्स्ट' की एक्टिविटी में बच्चे रहे एक्साइटेड
- न्यूजपेपर्स से बनाए सुंदर लिफाफे - बच्चों ने दिया पृथ्वी बचाने के संदेश भी AGRA। 'हमारी पृथ्वी खतरे में है.हमें इसे बचाना होगा', 'पृथ्वी को बचाओगे तभी यहां रह पाओगे', 'मैं अपनी धरती को बचाने के लिए बहुत सारे पेड़ लगाऊंगामैं करना चाहता हूं अपनी धरती के लिए काम'। यह वो संदेश हैं जो ट्यूजडे को अर्थडे के अवसर पर 'आई नेक्स्ट' द्वारा स्कूल्स में कराई गई एक्टिविटी 'पेपर बचाओ मिशन' में स्टूडेंट्स ने दिए। पांच स्कूलों में हुई यह एक्टिविटीबच्चों को एनवायरमेंट को बचाने के प्रति अवेयर करने के लिए 'आई नेक्स्ट' ने 'पेपर बचाओ मिशन' नाम की एक्टिविटी ऑर्गनाइज की। इस एक्टिविटी में क्लास थर्ड से लेकर क्लास एर्थ तक के बच्चों को न्यूजपेपर दिए गए थे, इन न्यूजपेपर्स से बच्चों को अपनी क्रिएटिविटी दिखाते हुए लिफाफे बनाने थे। यह एक्टिविटी सिटी के पांच स्कूल्स में हुई। इनमें सेंट एंड्रूज सीनियर सेकेंड्री स्कूल(बल्केश्वर), सरस्वती शिशु मंदिर (यमुना किनारा), शिवालिक कैंब्रिज कॉलेज (आवास-विकास), गायत्री पब्लिक स्कूल(शास्त्रीपुरम) और यूनिवर्सिटी मॉडल स्कूल (खंदारी) शामिल हैं।
दो ग्रुप्स में हुई यह एक्टिविटीइस एक्टिविटी को दो ग्रुप्स में बांटा गया था। क्लास थर्ड से फिफ्थ तक स्टूडेंट्स को जूनियर ग्रुप में रखा गया और क्लास सिक्स्थ से एर्थ तक के स्टूडेंट्स सीनियर ग्रुप में शामिल थे।
बच्चों ने दिखाई क्रिएटिविटी जैसे ही बच्चों को पता चला कि उन्हें न्यूजपेपर्स से लिफाफे बनाने हैं तो वे बहुत एक्साइटेड हो गए। इस एक्टिविटी के बारे में स्कूल्स में पहले से ही जानकारी दे दी गई थी। इसलिए बच्चे अपने साथ कई रंग-बिरंगे स्टोंस, सैटिन रिबन, लेसेज आदि लेकर आए थे। अपने लिफाफे को सबसे सुंदर बनाने के लिए बच्चों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। जैसे ही एक्टिविटी शुरू हुई, बच्चों ने अपने लिफाफे बनाने में जुट गए। यह रहे विनर्स सेंट एंड्रूज स्कूल- (जूनियर ग्रुप) अंशिका अग्रवाल- फर्स्ट कृष्णा अग्रवाल- सेकेंड इशिका तोमर-थर्ड (सीनियर ग्रुप) कृति शर्मा- फर्स्ट खुशी बंसल- सेकेंड माधव माहेश्वरी- थर्ड सरस्वती शिशु मंदिर (जूनियर ग्रुप) वरिशा मोहम्मद- फर्स्ट वैष्णवी- सेकेंड इशा गुप्ता- थर्ड (सीनियर ग्रुप) रूपेंद्र सरिता- फर्स्ट शाहे आजम- सेकेंड सौरभ कुमार- थर्ड यूनिवर्सिटी मॉडल स्कूल (जूनियर ग्रुप) नंदिनी- फर्स्ट गरिमा सिंह- सेकेंड हर्ष सिकरवार- थर्ड (सीनियर ग्रुप) कार्तिक कुलश्रेष्ठ- फर्स्ट रवि जौहरी- सेकेंड मेहुल कुमार- थर्ड'एक्टिविटी से बच्चों की प्रतिभा निखरती है, बच्चों को इस तरह की एक्टिविटी में मजा आता है, पेरेंट्स और टीचर्स को पता चलता है कि उनमें क्या खूबियां हैं। बच्चे खुद भी अपनी प्रतिभा का आंकलन कर पाते हैं.'
- डॉ। गिरधर शर्मा, प्रिंसीपल, सेंट एंड्रूज सीनियर सेकेंड्री स्कूल 'इस तरह की एक्टिविटीज से बच्चों में आत्मनिर्भरता बढ़ती है। अर्थ डे पर कराई गई इस एक्टिविटी से बच्चे नेचर के ज्यादा पास जाएंगे। उन्हें समझ में आएगा कि वो जिस धरती पर रहते हैं, उसे बचाने के लिए उन्हें क्या कदम उठाने होंगे.' - सीमा अनवर, प्रिंसीपल, यूनिवर्सिटी मडल स्कूल 'बच्चों के लिए बहुत ही अच्छी थी। बच्चे काफी एक्साइटेड थे। उन्हें संदेश मिला कि किस तरह उन्हें अपनी पृथ्वी को बचाना है। पेपर को वेस्ट करने से बेहतर है कि इसका इस्तेमाल कर लें.' - अमर सिंह, प्रिंसीपल, सरस्वती शिशु मंदिर 'मैं अपने प्लेनेट को बचाने के लिए खूब सारे प्लांट्स लगाऊंगी.' - सौम्या वर्मा, स्टूडेंट 'मैं अपनी सिटी को क्लीन रखूंगी.'- बुशरा, स्टूडेंट 'मैं चाहती हूं कि सभी अपने घरों में पानी को बचाएं, पानी को वेस्ट ना करें.'- पलक, स्टूडेंट 'इलेक्ट्रिसिटी को बचाने से हमें काफी फायदा मिलेगा.' - हर्षित भार्गव, स्टूडेंट 'मैं चाहती हूं कि लोग समझें कि पृथ्वी उनका घर हैं, अपने घर को साफ रखना चाहिए.' - अदिति शर्मा, स्टूडेंट 'रिसाइकिल करने से उत्पाद खराब नहीं होते, पेपर बैग्स का इस्तेमाल करें.' - माही सिंह, स्टूडेंट'मैं अपने घर के आसपास आजकल ट्रीज लगा रही हूं.'
- उमा, स्टूडेंट 'मैं अपनी कॉलोनी में सभी से कहूंगा कि वो सड़कों को गंदी ना करें, कचरा डस्टबिन में डालें.' - निखिल, स्टूडेंट