मलपुरा के धर्मेन्द्र सिंह की इस लौकी की लंबाई 4 फीट 8 इंच है. वहीं इसकी मोटाई 9 इंच है. यह लंबाई अभी और भी बढऩे की संभावना है. जानकारी के मुताबिक यह लौकी किसानों को जागरूक करने एवं शुद्ध बीज तैयार करने के लिए उगाई जा रही है.


आगरा(ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के जिला आगरा गांव जारुआ कटरा के एक खेत में उगाई गई एक लौकी इन दिनों खूब आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। वजह है इसकी लंबाई। धर्मेन्द्र सिंह की इस लौकी की लंबाई करीब पांच फीट है। इस किसान ने अभी लौकी की इस फसल से बीज हासिल करने के लिए तैयार किया है। अगर उनका ये प्रयास सफल रहा तो आने वाले समय में किसान लौकी की इस प्रजाति की खेती कर बढिय़ा मुनाफा कमा सकते हैं।

किसानों का मुनाफा बढ़ाएगी ये लौकी
धर्मेंद्र सिंह की इस लौकी की लंबाई 4 फीट 8 इंच है। वहीं, इसकी मोटाई 9 इंच है। यह लंबाई अभी और भी बढऩे की संभावना है। यह लौकी किसानों को जागरूक करने एवं शुद्ध बीज तैयार करने के लिए उगाई जा रही है किसानों को जागरूक करने के साथ उन्हें इस लौकी की खेती से बेहतर लाभ कमाने के लिए प्रशिक्षित करेगा।

जानें इस प्रजाति की लौकी की खासियत
किसान धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि इस लौकी की फसल की बुआई जुलाई में की गई थी। इसकी बुवाई प्रकिया भी आम लौकी की ही तरह है। बीज और पौधे दोनों ही माध्यम से इस लौकी को लगाया जा सकता है। इस किस्म का औसत उत्पादन 700-800 कुंतल प्रति हेक्टेयर है। एक हजार कुंतल प्रति हेक्टेयर तक इसका उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इस किस्म का स्वाद व पोषक तत्व दूसरी प्रजातियों के समान ही होते हैं। इसमें प्रोटीन 0.2 प्रतिशत, वसा 0.1 प्रतिशत, फाइबर 0.8 प्रतिशत, शर्करा 2.5 प्रतिशत, ऊर्जा 12 किलो कैलोरी, नमी 96.1 प्रतिशत है। इसका बीज तैयार हो जाएगा.जलवायु लौकी की अच्छी पैदावार के लिए गर्म एवं मध्यम आर्द्रता वाले भौगोलिक क्षेत्र सर्वोत्तम होते हैं । अत: इसकी फसल जायद तथा खरीफ दोनों ऋतुओं में सफलतापूर्वक उगायी जा सकती है। बीज अंकुरण के लिए 30-35 डिग्री सेन्टीग्रेड और पौधों की बढ़वार के लिए 32-38 डिग्री सेन्टीग्रेड तापमान उत्तम होता है।

Posted By: Inextlive