अब मौसम सर्दी से गर्मी की ओर बढ़ रहा है. इस टेंपरेचर में बदलाव के कारण लोगों को इंडाइजेशन की समस्या बढ़ रही है. उनके पेट गड़बड़ हो रहे हैैं. ताजनगरी में इन दिनों डॉक्टर्स के पास एब्डोमिन पेन डायरिया और वॉमिटिंग के मरीजों की संख्या बढ़ गई है.


आगरा. गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ। दीपक बंसल ने बताया कि इस वक्त टेंपरेचर बदल रहा है। ऐसे में बॉडी टेंपरेचर बदलने के कारण जीआई डिस्टरबेंस होने के कारण पेट संबधी समस्याएं होने लगती हैैं। इस वक्त मौसम बदलने के कारण अपच, पेट में दर्द, उल्टी के मरीज आ रहे हैैं। उन्होंने बताया कि इसका कारण है कि बॉडी टेंपरेचर बदलने से बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ रहा है। इस कारण खाने को पचने में दिक्कत आ रही है।

बॉडी में होते हैं दो तरह के बैक्टीरिया
डॉ। दीपक ने बताया कि इस वक्त अपनी सेहत का विशेष ध्यानर रखें। सही टेंपरेचर पर खाना रखकर खाएं। बासी खाना बिल्कुल न खाएं। उन्होंने बताया कि बॉडी में दो तरह के बैक्टीरिया होते हैैं। हेल्दी बैक्टीरिया और बेड बैक्टीरिया होते हैैं। गुड बैक्टीरिया की कमी होने के कारण पेट में अपच की समस्या हो जाती है। हेल्दी बैक्टीरिया को दही या मट्ठा खाने से बढ़ाया जा सकता है। इसलिए दही या मट्ठा के सेवन से कोई नुकसान नहीं होता है तो इनका सेवन करें। इससे हेल्दी बैक्टीरिया बढ़ेगा और पेट में अपच की समस्या नहीं होगी।


ताजा खाना खाएं
डॉ। बंसल ने बताया कि इस वक्त बासी का खाना बिल्कुल न खाएं। क्योंकि उल्टे सीधे खानपान के कारण बॉडी में हेल्दी बैक्टीरिया डिस्बैलेंस हो जाते हैैं और पेट खराब हो जाता है। इसलिए इस वक्त दही का सेवन रोजाना करें। इससे इंस्टेंटाइन अच्छी तरह से काम करता है। इस वक्त पैकेज्ड फूड अवॉयड करें। ताजा खाना बनाकर खाएं। पहले कटी सब्जी या पहले तैयार आटे का सेवन न करें। जितना खाना हो उतना ही पकाएं और खाएं। इससे पेट में कोई परेशानी नहीं होगी।


पेट को सही रखने के लिए ये करें
-दही और मट्ठे का सेवन करें।
-पानी खूब पिएं
- पैकेज्ड फूड अवॉयड करें
-ताजा खाना बनाकर खाएं
-फ्रिज में रखा खाना न खाएं

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इन समस्याओं के मरीज बढ़े
-एब्डोमिन पेन
-डायरिया
-वॉमिटिंग
-अपच


इस वक्त मौसम बदल रहा है। इससे बॉडी टेंपरेचर बदलने से बॉडी में हेल्दी और बेड बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ रहा है। ऐसे में जरा सी लापरवाही से तुरंत पेट खराब हो रहा है। इस वक्त एब्डोमिन पेन, डायरिया, वॉमिटिंग और अपच के मरीज बढ़े हैैं।
-डॉ। दीपक बंसल, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट

Posted By: Inextlive