जिन शहीदों ने कभी अपना जान न्यौछावर करके स्वतंत्रता आंदोलन के जरिए देश की आजादी का बिगुल फूंका था. आज वह खुद पहचान को मोहताज हो गए हैैं. ताजनगरी के बिजनेस कॉम्पलैक्स में स्थित शहीद स्मारक में शहीदों के सम्मान में उनकी प्रतिमाएं लगाई गईं थीं लेकिन यहां पर उनके सामने डिस्क्रिप्शन न होने के कारण यहां पर आने वाले विजिटर्स शहीदों की प्रतिमाओं के बारे में जानकारी नहीं पा पाते हैैं. आगराइट्स ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर आवाज उठाई है.


आगरा(ब्यूरो)। सोशल मीडिया पर शहीदों की प्रतिमा पर डिस्क्रिप्शन लगाने की मांग करने वाले मनीष अग्रवाल बताते हैैं कि मैैं जब शहीद स्मारक गया तो वहां पर दो बच्चे आपस में बात कर रहे थे कि यह प्रतिमा किसकी लगी है। इसमें बच्चों का भी कोई दोष नहीं था। क्योंकि बिना डिस्क्रिप्शन के प्रतिमा को पहचानना भी मुश्किल हो रहा था। ऐसे में जरूरत है कि शहीदों की प्रतिमाओं के आगे नाम सहित एक शॉर्ट डिस्क्रिप्शन लगाया जाए। इससे कि यहां पर आने वाले विजिटर्स को शहीद स्मारक सहित शहीदों के बलिदान के बारे में जानकारी मिल सके और वह उन्हें नमन करें।

पत्थर की लगाई थी मूर्ति
वर्ष 2014 में शहीद स्मारक के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव आया था। इसके बाद में यहां पर शहीदों की पत्थर की मूर्तियां लगाई गई थीं। इनके ऊपर छतरी भी लगाई गई थी। इसके साथ ही सौंदर्यीकरण के आदेश में शहीदों के नाम के साथ में परिचय भी लगाने का प्रस्ताव था। लेकिन वह पूरा नहीं हो सका। अब इन प्रतिमाओं के आगे कोई नाम नहीं है। पूर्व चैैंबर प्रेसिडेंट मनीष अग्रवाल ने बताया कि बीते स्वतंत्रता दिवस के अवसर शहीदों की प्रतिमाओं के आगे सामाजिक संस्था द्वारा कागज की चिट पर नाम अंकित करके लगाया गया था लेकिन अब वह भी छूटने लगा है। यदि शहीदों की प्रतिमा के आगे परिचय भी लग जाए तो बहुत अच्छा रहेगा।

फाउंटेन भी हो शुरू
मनीष अग्रवाल ने बताया कि शहीद स्मारक में वैसे तो एडीए द्वारा म्यूजिकल फाउंटेन का प्रस्ताव लाया गया है लेकिन जल्दी ही संजय पैलेस में जनकपुरी का आयोजन होगा। ऐसे में यहां पर कई झांकी सजाई जाएंगी। पहले शहीद स्मारक में शहीदों की झांकी बनी है। यदि जनकपुरी तक बंद पड़े फाउंटेन ही शुरू हो जाएं और शहीदों की प्रतिमाओं पर परिचय लग जाए तो जनकपुरी के दौरान आने वाले विजिटर्स के लिए काफी अच्छा इंप्रेशन पड़ेगा और वह शहीदों के बलिदान से रूबरू हो सकेंगे।

इन शहीदों की लगी हैैं प्रतिमा
शहीद स्मारक में भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, लाला लाजपत राय, चंद्रशेखर आजाद, बटुकेश्वर दत्त समेत अन्य शहीदों की प्रतिमाएं लगी हुई हैैं।


शहीदों की प्रतिमा के आगे नाम सहित स्थाई डिस्क्रिप्शन प्लेट लगनी चाहिए। जिससे कि यहां पर आने वाले विजिटर्स उनकी पहचान कर सकें।
- मनीष अग्रवाल, पूर्व चैैंबर प्रेसिडेंट

शहीदों के बलिदान को नई पीढ़ी भी जान सके इसके लिए शहीदों की प्रतिमाओं के आगे परिचय भी लगाया जाना चाहिए।
- जीत, पब्लिक

पहले यहां पर शहीदों की पीओपी की मूर्ति लगी थी लेकिन बाद में शहीद स्मारक के सौंदर्यीकरण के बाद में यहां पर पत्थर की प्रतिमाएं लगाई गईं। थीं।
- पवन, पब्लिक

Posted By: Inextlive