आगरा. एसएन इमरजेंसी में शुक्रवार को बड़ा हादसा टल गया लेकिन सवाल यह पैदा होता है कि यह हादसा एसएन में हो जाता तो क्या होता? एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी नई सर्जरी बिङ्क्षल्डग सहित छह भवनों को अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं मिली है. इनमें मानक पूरे नहीं हैं. जबकि एसएन में पहले भी आग की घटनाएं हो चुकी हैैं.

पहले भी लग चुकी हैैं आग
पिछले वर्ष मार्च में नई सर्जरी बिङ्क्षल्डग में आग लग गई थी। मरीजों को परिजन गोद में लेकर बाहर भागे थे। एक वर्ष बाद भी नई सर्जरी बिङ्क्षल्डग को अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं मिली है। इमरजेंसी में अग्निशमन यंत्र लगे हैं लेकिन एनओसी नहीं मिली है। इस तरह सात भवन हैं जिनको अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं मिली है। एक मंजिला भवन में संचालित हो रहे विभागों के लिए एनओसी की जरूरत नहीं होती है, इनमें अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं।

इन भवनों की एनओसी नहीं
नई सर्जरी बिङ्क्षल्डग- 250 से 300 मरीज
इमरजेंसी- 60 से 80 मरीज
बाल रोग विभाग- 70 से 90 मरीज
एकेडमिक ब्लॉक की बिङ्क्षल्डग
रेडियो डायग्नोस्टिक बिङ्क्षल्डग
सात मंजिला बिङ्क्षल्डग

एसएन में पहले भी लग चुकी है आग
मार्च 2022 में नई सर्जरी बिल्डिंग में लगी आग
फरवरी 2020 में नई सर्जरी बिङ्क्षल्डग में गद्दे में लगी आग
मेडिसिन विभाग की बिङ्क्षल्डग के स्टोर में लगी आग
स्त्री रोग विभाग की बिङ्क्षल्डग में
मनोरोग विभाग की बिङ्क्षल्डग में

धुआं भरने के बाद भी इमरजेंसी में नहीं बजा अलार्म
इमरजेंसी में मानक पूरे न होने से एनओसी नहीं मिली है। भवनों में अग्निशमन यंत्र के साथ फायर अलार्म लगाए जाते हैं। भवन में धुआं उठते ही अलार्म बज जाना चाहिए। मगर शुक्रवार को हुई घटना से इमरजेंसी में धुआं भरने के बाद भी अलार्म नहीं बजा।

वर्जन
नई सर्जरी बिङ्क्षल्डग में सेट बैक एरिया, भवन के चारों तरफ रास्ता, इमरजेंसी में स्प्रिंकल, बाल रोग विभाग में बाहर के रास्ते में सीढ़ी की कमी बताई थी, इसे पूरा कर लिया गया है। जल्द एनओसी मिल जाएगी।
- डॉ। प्रशांत गुप्ता, प्रिंसिपल, एसएनएमसी

Posted By: Inextlive