आगरा ब्यूरो एसएन में जले हुए मरीज दर्द से कराह रहे हैं परिजन इलाज के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं. यहां चार वर्ष से बर्न यूनिट अधर में अटकी हुई है. इसके चालू होने से आगरा के साथ ही आसपास क्षेत्र के जले हुए मरीजों की जान बचाई जा सकेगी. मरीजों को दिल्ली और जयपुर लेकर नहीं जाना पड़ेगा. एसएन इमरजेंसी में जले हुए मरीजों के प्राथमिक इलाज के लिए चार बेड हैं. नई सर्जरी बिङ्क्षल्डग में बर्न यूनिट में 10 बेड हैं लेकिन बर्न यूनिट के लिए एंटी बैक्टीरियल वार्ड सहित अन्य सुविधाएं नहीं हैं. यहां हर महीने 15 से अधिक जले हुए मरीज पहुंच रहे हैं. इन मरीजों को दिल्ली और जयपुर रेफर किया जा रहा है.

केस वन- पिछले महीने विदेशी युवती को जलने में एसएन इमरजेंसी में भर्ती किया गया। युवती को वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी, यहां बर्न यूनिट में वेंटीलेटर नहीं है। इलाज के लिए युवती को परिजन दिल्ली ले गए।

केस टू -फिरोजाबाद से जले हुए युवक को एसएन इमरजेंसी रेफर किया गया। 60 प्रतिशत जला होने पर डाक्टरों ने दिल्ली और जयपुर ले जाने के लिए कह दिया। इलाज न मिलने पर परिजन मरीज को लेकर चले गए।

बजट के फेर में अटका निर्माण
उधर, 2019 में नई सर्जरी बिङ्क्षल्डग के सामने पुरानी मेडिसिन की बिङ्क्षल्डग की जमीन पर 30 बेड की बर्न यूनिट का काम शुरू हुआ। दो वर्ष में 4.60 करोड़ रुपये से बर्न यूनिट बननी थी। बर्न यूनिट का भवन बनने के बाद आगे काम नहीं हुआ है। प्राचार्य डा। प्रशांत गुप्ता ने बताया कि पूरा बजट नहीं मिला था इसलिए बर्न यूनिट शुरू नहीं हो पाई है। बर्न यूनिट को जल्द शूरू किया जाएगा।

बर्न यूनिट में ये होंगी सुविधाएं
30 बेड-एंटी बैक्टीरियल वार्ड और आइसीयू में
02-माड्यूलर आपरेशन थिएटर
15-प्लास्टिक सर्जन, एनेस्थेसिस्ट सर्जन, चर्म रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन और प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ
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Posted By: Inextlive