एस्मार्ट फोन की लत दिल को कर रही बीमार, दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेस कार्डियोलॉजी आगरा लाइव 3.0 का शुभारंभ
आगरा(ब्यूरो)। यह बात फेमस कार्डियोलॉजिस्ट व वेदांता के चेयरमैन डॉ। आरआर कासलीवाल ने शनिवार को फतेहाबाद रोड स्थित होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में आगरा इंटरवेंशन कार्डियोलॉजी सोसाइटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्र स कार्डियोलॉजी आगरा लाइव 3.0 में कोरोनरी आर्टरी डिजीज पर लेक्चर देते हुए कही। कॉन्फ्रेंस में देशभर के कार्डियोलॉजिस्ट जुटे हुए हैं।
लो फैट डाइट लें
यूनिवर्सिटी की वीसी ने किया शुभारंभ
डॉ। कासलीवाल ने कहा - ऐसे में आवश्यक है कि हम सब लो फैट डाइट लें। चार किलोमीटर प्रतिदिन वॉक करें और योग- प्राणायाम को जिंदगी में नियमित रूप से शामिल करें ताकि हमारा हार्ट स्वस्थ और तंदुरुस्त रहे। कॉन्फ्रेस का शुभारंभ डॉ। बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो.आशु रानी ने किया। इस दौरान उनके साथ आगरा इंटरवेंशन कार्डियोलॉजी सोसाइटी के प्रेसिडेंट प्रो.डॉ। वीके जैन, सचिव डॉ। सुवीर गुप्ता, एकेडमिक कोऑर्डिनेटर डॉ। हिमांशु यादव, डॉ। आरआर कासलीवाल और डॉ। एमएम सिंह मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने अपना वीडियो संदेश भेजकर शुभकामनाएं दीं। संचालन डॉ। राकेश भाटिया ने किया।
एडवांस पेसमेकर बचा रहे जान
बीएलके मैक्स हॉस्पिटल, दिल्ली के डॉ। सुभाष चंद्रा ने इनोवेशन इन पेसिंग पर बोलते हुए कहा कि आज तरह-तरह के पेसमेकर हार्ट को नई जिंदगी प्रदान कर रहे हैं। इनमें चार ग्राम का लीड लैस पेसमेकर प्रमुख है जो दिल के अंदर लगाया जाता है। जो मरीज को बेहोश नहीं होने देता। डॉ। सुभाष चंद्रा ने बताया कि 50 वर्ष के बाद जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हृदय की धमनियों में कैल्शियम जमा होना शुरू हो जाता है। इस चूने को हीरे की बर से या अल्ट्रासोनिक तरंगों से साफ कर हृदय का इलाज किया जाता है।
कॉन्फ्र स के आयोजन और साइंटिफिक सचिव डॉ सुवीर गुप्ता ने हार्ट को स्वस्थ रखने के टिप्स देते हुए कहा कि जिंदगी में ज्यादा तनाव लेने की जरूरत नहीं है। वर्क प्रेशर न लें। भागदौड़ और व्यस्तता के बीच रिलैक्स करने के लिए भी समय निकालें। एक्सरसाइज से अपना तनाव कम करें। सीमित भोजन करें और स्मोकिंग बिल्कुल न करें। उन्होंने कहा कि फिर भी हृदय रोग हो जाए तो तुरंत डॉक्टर को कंसल्ट करें। आजकल आरनी, एसजीएलटी-2 इनवेट्रस और वीटा ब्लॉकर्स सहित फैबुलस 4 दवाओं ने हृदय रोगियों को बहुत राहत दी है।
20 मिनट में हार्टअटैक की जांच संभव
मेदांता के डॉ। गगनदीप सिंह ने एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम के इलाज पर विचार साझा करते हुए बताया कि पहले हार्टअटैक का पता करने के लिए मरीज को दिन रात हॉस्पिटल में रुकना पड़ता था लेकिन अब एचएस ट्रोपोनिन यानी हाई सेंसटिविटी ब्लड टेस्ट से तुरंत पता लग जाता है कि मरीज को हार्टअटैक हुआ है कि नहीं। इससे भी बढ़कर अब ऐसी मशीन आ गई है, जिससे मात्र 20 मिनट में जांच करके हार्टअटैक का पता लगाया जा सकता है।
हार्ट फेलियर विषय पर हुए सत्र में डॉ। विनीश जैन ने कहा कि कई बार हार्ट की कमजोरी ईको कार्डियोग्राफी में भी नजर नहीं आती। ईको नॉर्मल होने पर भी हार्ट कमजोर होता है। ऐसे में एक्सरसाइज टेस्ट और अन्य नई विधियों से हम हार्ट के फेल होने को पकड़ते हैं और इलाज करते हैं। डायबिटीज को रखें कंट्रोल
डॉ प्रभात अग्रवाल ने कहा कि डायबिटीज रोगियों में हार्ट का फेल होना गंभीर समस्या बना हुआ है, लेकिन अब इलाज और परीक्षण के आधुनिक तरीके उपलब्ध होने से पिछले कुछ वर्षों से डायबिटीज रोगियों की हार्ट अटैक से होने वाली मृत्यु दर में कमी आई है।
अब घर पर ही इलाज संभव
हार्ट फेलियर के सत्र में डॉ। बसंत कुमार गुप्ता ने बताया कि पहले बार बार सांस फूलने की वजह से एडवांस हार्ट फेलियर के मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता था। ऐसे मरीज पूरी तरह से अपने घरवालों पर या अस्पतालों पर निर्भर थे लेकिन अब ऐसे मरीजों के लिए ऐसी मशीन आ गई है जो मरीज के दिल के पास या दिल के अंदर या पैर की नस के ऊपर लग जाती है जिससे ये मरीज अपना दैनिक काम कर सकते हैं।
डॉ। मनीष शर्मा ने कहा कि सांस फूले तो तुरंत हॉस्पिटल आओ। पूर्ण चेकअप कराओ। बताई हुई दवा प्रॉपर लो। बिना डॉक्टर की एडवाइस के दवा मत छोड़ो। डॉ। नीरज कुमार ने कहा कि हार्ट अटैक में पहले कुछ घंटे बहुत इंपोर्टेंट होते हैं। जैसे ही सीने में दर्द हो या सीने में भारीपन महसूस करें तो तुरंत एक डिस्प्रिन ले लें। डिस्प्रिन, सॉर्बिट्रेट से बेहतर है क्योंकि सॉर्बिट्रेट में सिर्फ दर्द घटता है जबकि डिस्प्रिन की गोली से जान बचती है।
यह भी बोले
डॉ। पुनीत गुप्ता, डॉ। आरडी यादव, डॉ। अतुल कुलश्रेष्ठ, डॉ। रजत रावत, डॉ। ईशान गुप्ता, डॉ। प्रवेग गोयल, डॉ। हिमांशु यादव और डॉ। दीपक अग्रवाल ने भी अपने विचार साझा किए। डॉ। शरद पालीवाल, डॉ। बीएन कौशल, डॉ। सुनील बंसल, डॉ। आशीष गौतम, डॉ। अनिल सक्सेना, डॉ। सुमित सेठी, डॉ। शम्मी कालरा, डॉ। केके विश्वानी, डॉ। अनुराग और डॉ। हेमंत चेयर पर्सन और मॉडरेटर की भूमिका में रहे। समाजसेवी वीरेंद्र गुप्ता भी मौजूद रहे।
नेशनल कांफ्रेंस के पहले दिन देश के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ। वीके बहल को हृदय रोग के निदान के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं और उपलब्धियों के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया गया।